भोपाल। विधानसभा चुनाव के समय मप्र कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को वचन पत्र के रूप में पेश किया था. हालाकि पिछले 11 महीने की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कई वचन पूरे भी कर लिए गए हैं. लेकिन बाकी वचनों को पूरा करने के लिए मप्र कांग्रेस ने आलाकमान के निर्देश पर एक कमेटी गठित की है. कमेटी के सदस्यों का चयन भी किया जा चुका है. लेकिन यह सूची राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की हरी झंडी का इंतजार कर रही है.
दरअसल बीजेपी की 15 साल की सरकार को गिराने के लिए विधानसभा चुनाव 2018 में प्रदेश कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को 'वचन पत्र ' के रूप में पेश किया था. साथ ही जनता को वादा किया था कि, हर हाल में हम अपना वचन निभाएंगे. इसी वचन पत्र के दम पर 15 साल बाद कांग्रेस को प्रदेश की सत्ता में वापसी का मिला है.
कई वचन हैं बाकी
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पदभार ग्रहण करते ही वचन पत्र के वादे निभाने का सिलसिला शुरू कर दिया. लेकिन अभी भी वचन पत्र के कई वचन लंबित हैं. ज्यादातर वचन ऐसे हैं, जो कई विभागों के समन्वय से पूरे होने हैं. साथ ही कई वायदे ऐसे भी हैं, जिनके लिए बड़े पैमाने पर बजट की आवश्यकता है.
कमेटी में कई मंत्रियों के नाम होने की संभावना
इस कमेटी के गठन को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव दीपक बावरिया ने कहा कि 'इस कमेटी में ज्यादातर वे लोग हैं जो वचन पत्र तैयार करने वाली कमेटी के सदस्य थे. अभी तक ये सूची कांग्रेस अध्यक्ष की अनुमति के लिए लंबित है, इसलिए हम नामों का खुलासा नहीं कर सकते हैं'. उन्होंने कहा कि इसमें कई मंत्रियों को भी आमंत्रित सदस्य के रुप में सम्मिलित किया जाएगा. ताकि जब कमेटी की मीटिंग हो, तो कई निर्णय मीटिंग के दौरान ही लिए जा सकें.
इन परिस्थितियों को देखते हुए एआईसीसी ने मप्र कांग्रेस को वचन पत्र के क्रियान्वयन के लिए समन्वय समिति बनाने के निर्देश दिए है. बता दें कि मप्र कांग्रेस के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव दीपक बावरिया के मार्गदर्शन में इस कमेटी का गठन भी कर लिया गया है.