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सरकार पर संकट के बाद भी चुप हैं CM कमलनाथ, क्या टारगेट पर है कोई बड़ा प्लान!

एमपी में चल रहा सियासी ड्रामा अभी भी जारी है, कल वापस लौटे बागी विधायकों ने अपने मंत्रियों पर निशाना साधा तो दिग्विजय सिंह लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. पर बड़ा सवाल ये है कि अब तक इस पूरे ड्रामे पर सीएम कमलनाथ अब तक सामने क्यों नहीं आए.

cm kamal nath silent in political crisis of mp
सियासी संकट पर चुप CM कमलनाथ
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Published : Mar 5, 2020, 5:54 PM IST

Updated : Mar 5, 2020, 7:31 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रहा सियासी घमासान तब तक खत्म नहीं होने वाला है, जब तक लापता चार विधायक सामने नहीं आते क्योंकि इन विधायकों के सामने आने के बाद ही पूरा मामला साफ होगा. इस ड्रामे में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, मंत्री जीतू पटवारी, तरुण भनोत और जयवर्धन सिंह सबसे ज्यादा एक्टिव रहे, जबकि बड़ा सवाल ये है कि सरकार पर संकट आने के बाद भी सीएम कमलनाथ आखिर अब तक खुलकर क्यों नहीं बोल रहे हैं.

सियासी संकट पर चुप CM कमलनाथ

विधायकों के गायब होने से विधायकों की वापसी तक पूरा मोर्चा मंत्रियों और दिग्विजय सिंह ने संभाला. चाहे दिल्ली दौरे की बात हो या प्रेस कॉन्फ्रेंस की, सीएम ऐन मौके पर दोनों से ही पीछे हट गए और अब तक कुछ नहीं बोले. सियासी जानकार मानते हैं कि मौजूदा हालात में कमलनाथ किसी को नाराज नहीं करना चाहते. वे प्रदेश में अपनी पकड़ भी मजबूत रखना चाहते हैं तो केंद्रीय नेतृत्व से उनके अच्छे संबंध भी उनकी चुप्पी की बड़ी वजह हो सकती है.

माना जा रहा है कि जब लापता विधायक सामने आ जायेंगे, तब मुख्यमंत्री की चुप्पी टूट सकती है. कमलनाथ राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं, वे बीजेपी पर तभी निशाना साधेंगे, जब स्थिति पर नियंत्रण के साथ ही पूरा मामला शांत हो जाएगा. तब तक दिग्विजय सिंह और मंत्री ही मोर्चा संभालेंगे.

राज्यसभा चुनाव भी हो सकती है बड़ी

कमलनाथ की चुप्पी के पीछे राज्यसभा चुनाव भी एक बड़ी वजह हो सकती है. माना जा रहा है कि कांग्रेस को राज्यसभा की दूसरी सीट जीतने के लिए निर्दलीय, बसपा-सपा के विधायकों की जरुरत पड़ेगी. ऐसे में राज्यसभा चुनाव भी कमलनाथ की चुप्पी की एक वजह हो सकती है क्योंकि किसी की भी नाराजगी राज्यसभा चुनाव में भारी पड़ सकती है.

इन सब बातों से इतर कमलनाथ कहीं बीजेपी को जोर का झटका धीरे से देने की फिराक में तो नहीं हैं, पिछली बार भी बीजेपी के नेताओं ने जब फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की तो बीजेपी के दो विधायक क्रॉस वोटिंग कर कमलनाथ के साथ हो लिए थे. ऐसे में कमलनाथ की चुप्पी किसी बड़े सियासी बड़े खेल को अंजाम दे सकती है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रहा सियासी घमासान तब तक खत्म नहीं होने वाला है, जब तक लापता चार विधायक सामने नहीं आते क्योंकि इन विधायकों के सामने आने के बाद ही पूरा मामला साफ होगा. इस ड्रामे में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, मंत्री जीतू पटवारी, तरुण भनोत और जयवर्धन सिंह सबसे ज्यादा एक्टिव रहे, जबकि बड़ा सवाल ये है कि सरकार पर संकट आने के बाद भी सीएम कमलनाथ आखिर अब तक खुलकर क्यों नहीं बोल रहे हैं.

सियासी संकट पर चुप CM कमलनाथ

विधायकों के गायब होने से विधायकों की वापसी तक पूरा मोर्चा मंत्रियों और दिग्विजय सिंह ने संभाला. चाहे दिल्ली दौरे की बात हो या प्रेस कॉन्फ्रेंस की, सीएम ऐन मौके पर दोनों से ही पीछे हट गए और अब तक कुछ नहीं बोले. सियासी जानकार मानते हैं कि मौजूदा हालात में कमलनाथ किसी को नाराज नहीं करना चाहते. वे प्रदेश में अपनी पकड़ भी मजबूत रखना चाहते हैं तो केंद्रीय नेतृत्व से उनके अच्छे संबंध भी उनकी चुप्पी की बड़ी वजह हो सकती है.

माना जा रहा है कि जब लापता विधायक सामने आ जायेंगे, तब मुख्यमंत्री की चुप्पी टूट सकती है. कमलनाथ राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं, वे बीजेपी पर तभी निशाना साधेंगे, जब स्थिति पर नियंत्रण के साथ ही पूरा मामला शांत हो जाएगा. तब तक दिग्विजय सिंह और मंत्री ही मोर्चा संभालेंगे.

राज्यसभा चुनाव भी हो सकती है बड़ी

कमलनाथ की चुप्पी के पीछे राज्यसभा चुनाव भी एक बड़ी वजह हो सकती है. माना जा रहा है कि कांग्रेस को राज्यसभा की दूसरी सीट जीतने के लिए निर्दलीय, बसपा-सपा के विधायकों की जरुरत पड़ेगी. ऐसे में राज्यसभा चुनाव भी कमलनाथ की चुप्पी की एक वजह हो सकती है क्योंकि किसी की भी नाराजगी राज्यसभा चुनाव में भारी पड़ सकती है.

इन सब बातों से इतर कमलनाथ कहीं बीजेपी को जोर का झटका धीरे से देने की फिराक में तो नहीं हैं, पिछली बार भी बीजेपी के नेताओं ने जब फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की तो बीजेपी के दो विधायक क्रॉस वोटिंग कर कमलनाथ के साथ हो लिए थे. ऐसे में कमलनाथ की चुप्पी किसी बड़े सियासी बड़े खेल को अंजाम दे सकती है.

Last Updated : Mar 5, 2020, 7:31 PM IST
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