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Jyotiraditya Scindia: 'महाराज' के बदले अंदाज से सियासी सुगबुगाहट, एमपी में बड़ी दावेदारी की बिछा रहें हैं बिसात - सिंधिया का अंदाज ही बदल गया

भाजपा में आने के बाद सिंधिया के बदले अंदाज की चर्चा सियासी गलियारों में हो रही है. सिंधिया की पहले विजयवर्गीय से हुई मुलाकात चचार्ओं में रही, तो अब ग्वालियर में दलितों के साथ भोजन करना भी सुर्खियां बना हुआ है. कई राज्यों में पार्टी ने बदलाव किए हैं, गाहे-बगाहे मध्य प्रदेश में भी बदलाव की चर्चाएं जोर पकड़ लेती हैं, लिहाजा सिंधिया भी दावेदारों की कतार में हैं. (Central Minster Jyotiraditya Scindia )

Jyotiraditya Scindia
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
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Published : Sep 12, 2022, 6:27 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को 'महाराज' कहा जाता है, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने के बाद सिंधिया का अंदाज ही बदल गया है, इस बदले अंदाज ने भाजपा के भीतर ही सुगबुगाहट पैदा करने का काम कर दिया है.

सत्ता परिवर्तन में सिंधिया की बड़ी भूमिका थी: राज्य की सरकार में बदलाव लाने में सिंधिया की बड़ी भूमिका मानी जाती रही है. फिर वह चाहे वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव में बढ़त दिलाकर कांग्रेस को सत्ता में लाने की बात हो या फिर कांग्रेस में अनबन के चलते अपने समर्थकों के साथ पाला बदलकर भाजपा की सत्ता में वापसी कराना. भाजपा की सत्ता में वापसी का बड़ा श्रेय सिंधिया को जाता है. अब वे भाजपा के राज्यसभा सदस्य हैं तो मोदी सरकार में मंत्री भी.

भाजपा में आने के बाद बदले सिंधिया: कांग्रेस में जब सिंधिया थे तब उनकी पहचान एक तेजतर्रार नेता के साथ अपने खास अंदाज के कारण हुआ करती थी, मगर भाजपा में आने के बाद उन्होंने अपने में बदलाव लाने का सिलसिला शुरू किया और वे जल्दी लोगों से घुलने मिलने की कोशिश करने लगे. छोटे से लेकर बड़े कार्यकर्ता के घर तक जाने में उन्हें अब गुरेज नहीं है, यही कारण है कि उनके चाहने वालों की भाजपा में भी संख्या तेजी से बढ़ रही है.

सिंधिया की कार्यशैली की सियासी गलियारों में चर्चा : बीते कुछ दिनों की सिंधिया की कार्यशैली सियासी गलियारों में चर्चा में है. पहला वाक्या है सिंधिया का इंदौर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के घर पहुंचना, यहां उनके साथ पुत्र महाआर्यमन भी थे. सिंधिया की इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि सिंधिया और विजयवर्गीय को एक दूसरे का धुर विरोधी माना जाता रहा है.

ग्वालियर में दलितों के साथ भोजन: सिंधिया की पहले विजयवर्गीय से हुई मुलाकात चचार्ओं में रही तो अब ग्वालियर में दलितों के साथ भोजन करना भी सुर्खियां बना हुआ है. ग्वालियर में अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिनिधियों और अन्य लोगों के कार्यक्रम में सिंधिया ने शिरकत की. इस दौरान सिंधिया ने न केवल अपने हाथ से खाना परोसा बल्कि उनके साथ बैठकर एक थाली में खाना खाया भी, संभवत: यह पहला मौका रहा होगा जब सिंधिया राजघराने के किसी व्यक्ति ने जनजातीय वर्ग के कार्यक्रम में साथ बैठकर खाना खाया हो.

Scindia Kailash meet सिंधिया-कैलाश की बढ़ती मुलाकात और सद्भाव, MP की सियासत पर दिखेंगे इस दोस्ती के साइड इफेक्ट

सिंधिया के इस बदले अंदाज को राजनीतिक विश्लेषक सियासी तौर पर अहम मान रहे हैं, उनका कहना है कि राज्य में सियासी गर्माहट बनी हुई है, कई राज्यों में पार्टी ने बदलाव किए हैं, गाहे-बगाहे मध्य प्रदेश में भी बदलाव की चर्चाएं जोर पकड़ लेती हैं, लिहाजा सिंधिया भी दावेदारों की कतार में हैं, मगर उनकी 'महाराज' वाली छवि को लेकर सवाल उठते रहते हैं, इसलिए उन्होंने अपनी छवि को बदलने का अभियान चलाया हुआ है, विरोधियों से भी नजदीकिया बढ़ाने में पीछे नहीं हैं, चाहे वह विजयवर्गीय हों या जयभान सिंह पवैया. (Scindia day by day changing political style) (Central Minster Jyotiraditya Scindia ) (Jyotiraditya Scindia )

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को 'महाराज' कहा जाता है, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने के बाद सिंधिया का अंदाज ही बदल गया है, इस बदले अंदाज ने भाजपा के भीतर ही सुगबुगाहट पैदा करने का काम कर दिया है.

सत्ता परिवर्तन में सिंधिया की बड़ी भूमिका थी: राज्य की सरकार में बदलाव लाने में सिंधिया की बड़ी भूमिका मानी जाती रही है. फिर वह चाहे वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव में बढ़त दिलाकर कांग्रेस को सत्ता में लाने की बात हो या फिर कांग्रेस में अनबन के चलते अपने समर्थकों के साथ पाला बदलकर भाजपा की सत्ता में वापसी कराना. भाजपा की सत्ता में वापसी का बड़ा श्रेय सिंधिया को जाता है. अब वे भाजपा के राज्यसभा सदस्य हैं तो मोदी सरकार में मंत्री भी.

भाजपा में आने के बाद बदले सिंधिया: कांग्रेस में जब सिंधिया थे तब उनकी पहचान एक तेजतर्रार नेता के साथ अपने खास अंदाज के कारण हुआ करती थी, मगर भाजपा में आने के बाद उन्होंने अपने में बदलाव लाने का सिलसिला शुरू किया और वे जल्दी लोगों से घुलने मिलने की कोशिश करने लगे. छोटे से लेकर बड़े कार्यकर्ता के घर तक जाने में उन्हें अब गुरेज नहीं है, यही कारण है कि उनके चाहने वालों की भाजपा में भी संख्या तेजी से बढ़ रही है.

सिंधिया की कार्यशैली की सियासी गलियारों में चर्चा : बीते कुछ दिनों की सिंधिया की कार्यशैली सियासी गलियारों में चर्चा में है. पहला वाक्या है सिंधिया का इंदौर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के घर पहुंचना, यहां उनके साथ पुत्र महाआर्यमन भी थे. सिंधिया की इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि सिंधिया और विजयवर्गीय को एक दूसरे का धुर विरोधी माना जाता रहा है.

ग्वालियर में दलितों के साथ भोजन: सिंधिया की पहले विजयवर्गीय से हुई मुलाकात चचार्ओं में रही तो अब ग्वालियर में दलितों के साथ भोजन करना भी सुर्खियां बना हुआ है. ग्वालियर में अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिनिधियों और अन्य लोगों के कार्यक्रम में सिंधिया ने शिरकत की. इस दौरान सिंधिया ने न केवल अपने हाथ से खाना परोसा बल्कि उनके साथ बैठकर एक थाली में खाना खाया भी, संभवत: यह पहला मौका रहा होगा जब सिंधिया राजघराने के किसी व्यक्ति ने जनजातीय वर्ग के कार्यक्रम में साथ बैठकर खाना खाया हो.

Scindia Kailash meet सिंधिया-कैलाश की बढ़ती मुलाकात और सद्भाव, MP की सियासत पर दिखेंगे इस दोस्ती के साइड इफेक्ट

सिंधिया के इस बदले अंदाज को राजनीतिक विश्लेषक सियासी तौर पर अहम मान रहे हैं, उनका कहना है कि राज्य में सियासी गर्माहट बनी हुई है, कई राज्यों में पार्टी ने बदलाव किए हैं, गाहे-बगाहे मध्य प्रदेश में भी बदलाव की चर्चाएं जोर पकड़ लेती हैं, लिहाजा सिंधिया भी दावेदारों की कतार में हैं, मगर उनकी 'महाराज' वाली छवि को लेकर सवाल उठते रहते हैं, इसलिए उन्होंने अपनी छवि को बदलने का अभियान चलाया हुआ है, विरोधियों से भी नजदीकिया बढ़ाने में पीछे नहीं हैं, चाहे वह विजयवर्गीय हों या जयभान सिंह पवैया. (Scindia day by day changing political style) (Central Minster Jyotiraditya Scindia ) (Jyotiraditya Scindia )

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