भोपाल। मध्य प्रदेश में हुए तीन विधानसभा सीट और एक लोकसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा फायदे में रही और कांग्रेस को नुकसान झेलना पड़ा. भाजपा ने कांग्रेस से उनकी परंपरागत 2 विधानसभा सीटें पृथ्वीपुर और जोबट छीन ली, तो वहीं कांग्रेस ने भी भाजपा की परंपरागत रैगांव सीट में जीत दर्ज कर अपनी लाज बचाई. उधर, खंडवा लोकसभा सीट (Khandwa Lok Sabha seat) भाजपा अपने पास बचाए रखने में सफल रही.
कांग्रेस से 2 सीटें छीनकर सीएम सेफ
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है (Political Analysts View) कि मध्य प्रदेश में हुए इन उप चुनावों में मिले परिणाम के बाद अब मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह सेफ (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan politically Safe) हो गए हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव तक उनकी सीट पूरी तरह सुरक्षित है. सीएम शिवराज के साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा ने भी अपनी लाज बचा ली है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने इन उप चुनावों के लिए काफी पहले से प्लानिंग कर रखी थी. चारों सीटें जीतकर कांग्रेस की क्लीन स्वीप करने की तैयारी की गई थी. किसी प्लानिंग के तहत ही जोबट में कांग्रेस की पूर्व विधायक सुलोचना रावत को भाजपा में शामिल कराया गया था. वही, पृथ्वीपुर में सपा प्रत्याशी रहे शिशुपाल यादव को भाजपा में जॉइनिंग दी गई थी और इसके बाद ही इन दोनों को ही प्रत्याशी घोषित किया गया था. इसके साथ ही रैगांव में भी भाजपा जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थी. वही खंडवा की जीत भाजपा के लिए पहले से ही तय मानी जा रही थी.
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सेबोटेज और मुगालते में हारी रैगांव सीट
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार अजय बोकिल का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी रैगांव सीट बागरी परिवार के सेबोटेज और मुगालते के चलते हार गई. रैगांव सीट भाजपा की परंपरागत सीट रही है. भाजपा पूरी तरह आश्वस्त थी कि रैगांव सीट में उसको जीत मिलेगी, इसी मुगालते में इस सीट पर भाजपा का चुनावी प्रबंधन मजबूत नहीं रहा. इसके साथ ही विंध्य में भाजपा को लेकर नाराजगी रही है जिसका खामियाजा भी इस उपचुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ा है. बागरी परिवार ने भाजपा का साथ नहीं दिया.
जोबट सीट पर भाजपा ने नाराजगी को मैनेज की
अजय बोकिल का कहना है कि जोबट सीट पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी थी लेकिन प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और सीएम शिवराज सिंह ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी को मैनेज कर लिया जिसके चलते जोबट में भाजपा को जीत मिली. वही तो पृथ्वीपुर सीट पर भाजपा का चुनावी प्रबंधन काम आया. बीजेपी के ओबीसी कार्ड ने भी दिखाया दम भाजपा ने इस उपचुनाव में सामान्य सीटों में ओबीसी कार्ड चला था खंडवा में जहां भाजपा ने ज्ञानेश्वर पाटिल को अपना प्रत्याशी बनाया था, वहीं पृथ्वीपुर में भी शिशुपाल यादव को चुनाव मैदान में उतार कर सामान्य सीट पर भाजपा ने पिछड़ा वर्ग की चाल चली और इस चाल में भाजपा को कामयाबी हासिल हुई. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा पिछले कुछ सालों से पैसों की राजनीति कर रही है और इसमें उसको सफलता भी मिल रही है.
सीएम के खिलाफ माहौल बनाने वालों को झटका
उप चुनावों से पहले मध्य प्रदेश की राजनीति भाजपा की राजनीति में सीएम को बदलने को लेकर लगातार कयासों का दौर चलता रहा है. भोपाल से लेकर दिल्ली तक इसको लेकर नूरा कुश्ती होती रही है, लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस की परंपरागत सीट को छीन कर और खंडवा लोकसभा सीट में जीत दर्ज कर सीएम शिवराज अब और मजबूत हो गए हैं. इससे सीएम के खिलाफ माहौल बनाने वालों को बड़ा झटका लगा है ,यानी साफ है कि आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश में भाजपा की राजनीति सीएम शिवराज के इर्द गिर्द घूमती रहेगी.
कांग्रेस की रणनीति में हुई चूक
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक सजी थॉमस का मानना है कि इन उपचुनावों में कांग्रेस की रणनीति पूरी तरह फेल नजर आई. एक तरफ तो कांग्रेस की अंदरूनी कलह के चलते खंडवा लोकसभा सीट पर अरुण यादव ने अपनी दावेदारी वापस ले ली जिसके चलते आउटडेटेड हो चुके राजनारायण सिंह पुरनी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया और इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा. इसके साथ ही पृथ्वीपुर सीट पर स्वर्गीय बृजेंद्र सिंह राठौर के पुत्र नितिन सिंह राठौर को उतार कर कांग्रेस सहानुभूति वोट बटोरने में नाकामयाब रही. आदिवासी बाहुल्य परंपरागत सीट जोबट भी उसके हाथ से चली गई. थॉमस का कहना है कि टिकटों के बंटवारे में भी कांग्रेस सही उम्मीदवारों का चयन करने से चूक गई हालांकि रैगांव सीट भाजपा से छीन कर कांग्रेस को थोड़ी बहुत तसल्ली तो मिली है. वहीं भाजपा के लिए रैगांव की हार से ज्यादा जोबट की जीत महत्वपूर्ण है क्योंकि आदि आदिवासी बाहुल्य इस सीट पर भाजपा को लंबे समय बाद बड़ी कामयाबी मिली है.
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कांग्रेस ने कहा जनादेश का सम्मान, बीजेपी करेगी 1 सीट में हार की समीक्षा
उपचुनाव में केवल एक सीट पर जीत के बाद कांग्रेस का कहना है कि हम जनादेश का सम्मान करते हैं और उसे स्वीकार करते हैं. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि हम इन परिणामों की समीक्षा करेंगे, मंथन और चिंतन करेंगे. कमलनाथ ने कहा कि "इन चुनावों में हमारा मुकाबला भाजपा के साथ-साथ उसके धनबल ,प्रशासन के दुरुपयोग, सरकारी मशीनरी और गुंडागर्दी से था. मैं चारों उपचुनाव वाले क्षेत्र के मतदाताओं का आभार मानता हूं". वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की जन हितैषी नीतियों के चलते भारतीय जनता पार्टी को इन उपचुनावों में जीत मिली है. शर्मा ने कहा कि हम रैगांव सीट में मिली हार को लेकर समीक्षा करेंगे.