भोपाल। राज्य सरकार ने बिना परमीशन के बनी बिल्डिंगों और बिल्डिंग परमीशन के अतिरिक्त हुए निर्माण (अवैध निर्माण) के मामले में कंपाउंडिंग की सीमा को 10 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया गया है. नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह के मुताबिक नगरीय निकायों में 28 फरवरी तक कम्पाउंडिंग प्रकरणों में शुल्क पर 20 प्रतिशत की विशेष छूट का प्रावधान किया गया था अब इसकी अवधि बढ़ाकर 30 जून 2022 कर दी गई है.
निकायों को मिला 144 करोड़ से ज्यादा शुल्क
नगरीय निकायों ने बिल्डिंग परमीशन के बिना या निर्धारित बिल्डिंग परमीशन के उल्लंघन में निर्मित मकानों के मामले में अभी तक 12 हजार 407 प्रकरणों में कंपाउंडिंग की गई है. इससे सरकार ने 144.47 करोड़ रुपए की राशि शुल्क के रूप में प्राप्त की है.
- नगर निगम इंदौर को 75.54 करोड़ की राशि कंपाउंडिंग से मिली है.
- भोपाल को 23.82 करोड़, ग्वालियर को 13.41 करोड़, जबलपुर को 7.95 करोड़, रतलाम को 3.36 करोड़, छिंदवाड़ा को 2.86 करोड़, उज्जैन को 2.71 करोड़ की राशि कंपाउंडिंग से मिली है.
- रीवा को 2.14 करोड़, देवास को 1.29 करोड़, सतना को 1.17 करोड़, कटनी को 91.54 लाख, सिंगरौली को 83.97 लाख की कंपाउंडिंग राशि मिली है.
- सागर को 82.89 लाख, बुरहानपुर को 72.50 लाख, खंडवा को 67.50 लाख और नगर निगम मुरैना को 47 लाख रुपए की राशि कंपाउंडिंग शुल्क के रूप में प्राप्त हुई है. अन्य नगरीय निकायों को कुल 5 करोड़ 72 लाख 58 हजार 520 रुपये का कंपाउंडिंग शुल्क प्राप्त हुआ है.
कंपाउंडिंग क्या है ?
यदि आपने कोई निर्माण किया है, उसमें कुछ हिस्सा ऐसा है जिसकी परमिशन नगर निगम से नहीं ली गई तो वह कंपाउंडिंग कहलाता है. इसे अवैध निर्माण भी कह सकते हैं.
ऐसे करा सकते हैं कंपाउंडिंग
बिल्डिंग परमीशन के बिना भवन निर्माण और बिल्डिंग परमीशन का उल्लंघन कर ज्यादा निर्माण की कंपाउंडिंग के लिये संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के माध्यम से भवन अनुज्ञा के लिये संचालित ऑनलाइन सिस्टम एबीपीएएस यानी ऑटोमेटेड बिल्डिंग प्लान एप्रूवल सिस्टम में प्रकरणों के ऑनलाइन कंपाउंडिंग और ऑनलाइन शुल्क प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध है.
(Building Compounding in MP)