भोपाल। विशेष न्यायाधीश EOW संजीव पांडेय की अदालत ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता के मामले को लेकर अब EOW ने पूर्व कुलपति बीके कुठियाला के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ा दिया है.
बीके कुठियाला के कार्यकाल में कुल 1 हजार 297 अध्ययन केंद्र खोले गए हैं, जिसमें से 210 अध्ययन केंद्र तो राज्य के बाहर खोले गए हैं. पूर्व कुलपति बीके कुठियाला और दीपक शर्मा पर अध्ययन केंद्रों के जरिये करोड़ों रुपये कमाने के आरोप लगे हैं. अब EOW इन अध्ययन केंद्रों की जांच में जुट गया है. बता दें कि दीपक शर्मा यूनिवर्सिटी में एसोसिएट स्टडी इंस्टीट्यूशन्स (AES) के संचालक हैं. इनकी सिफारिशों पर अध्ययन केंद्र खोले जा रहे थे.
यह है मामला-
- विश्वविद्यालय की शुरुआत साल 1992 में हुई थी, तब से लेकर साल 2009 तक महज 544 अध्ययन केंद्र खोले गए.
- पूर्व कुलपति बीके कुठियाला के कार्यकाल में खुले हैं 1297 अध्ययन केंद्र.
- इनमें 1 हजार 106 कंप्यूटर आईटी के केंद्र हैं, जबकि 1091 मीडिया के.
- कुठियाला के कार्यकाल में राज्य के बाहर भी खोले गए हैं 210 केंद्र.
- अधिकांश अध्ययन केंद्रों के पास नहीं है बिल्डिंग, फैकल्टी और पर्याप्त छात्रों की संख्या.
- अपात्र लोगों को भी नियमों के विरुद्ध अध्ययन केंद्र की दी गई मान्यता.
- कुठियाला के कार्यकाल में पहले के मुकाबले खोले गए हैं तीन गुना ज्यादा अध्ययन केंद्र.
- कुठियाला ने अपने साथी और संघ के करीबी दीपक शर्मा को अध्ययन केंद्रों की मान्यता के लिए किया था एएसआई नियुक्त.
- कुठियाला और दीपक शर्मा पर लगे हैं अध्ययन केंद्रों के जरिये करोड़ों रुपयों की उगाही करने का आरोप.
- अब EOW की टीम इन अध्ययन केंद्रों की जांच करेगी, साथ ही इससे जुड़े लोगों के भी बयान दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी.
- बीके कुठियाला ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन विशेष न्यायाधीश ईओडब्ल्यू संजीव पांडेय की अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
- कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब इओडब्ल्यू कुठियाला से पूछताछ के लिए टीम रवाना करने की तैयारी में है.