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कुठियाला के राज में खुले 1297 स्टडी सेंटर, करोड़ों की उगाही का आरोप, जमानत याचिका खारिज

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता के मामले में पूर्व कुलपति बीके कुठियाला की अग्रिम जमानत याचिका न्यायाधीश ईओडब्ल्यू संजीव पांडेय की अदालत ने खारिज कर दी है. वहीं कुठियाला के कार्यकाल में कुल 1 हजार 297 अध्ययन केंद्र खोले गए हैं, जिसमें से 210 अध्ययन केंद्र तो राज्य के बाहर खोले गए हैं. बीके कुठियाला और दीपक शर्मा पर अध्ययन केंद्रों के जरिये करोड़ों रुपये की उगाही के आरोप लगे हैं.

EOW भोपाल
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Published : Jun 22, 2019, 10:35 PM IST

भोपाल। विशेष न्यायाधीश EOW संजीव पांडेय की अदालत ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता के मामले को लेकर अब EOW ने पूर्व कुलपति बीके कुठियाला के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ा दिया है.

बीके कुठियाला के कार्यकाल में कुल 1 हजार 297 अध्ययन केंद्र खोले गए हैं, जिसमें से 210 अध्ययन केंद्र तो राज्य के बाहर खोले गए हैं. पूर्व कुलपति बीके कुठियाला और दीपक शर्मा पर अध्ययन केंद्रों के जरिये करोड़ों रुपये कमाने के आरोप लगे हैं. अब EOW इन अध्ययन केंद्रों की जांच में जुट गया है. बता दें कि दीपक शर्मा यूनिवर्सिटी में एसोसिएट स्टडी इंस्टीट्यूशन्स (AES) के संचालक हैं. इनकी सिफारिशों पर अध्ययन केंद्र खोले जा रहे थे.

बीके कुठियाला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

यह है मामला-

  • विश्वविद्यालय की शुरुआत साल 1992 में हुई थी, तब से लेकर साल 2009 तक महज 544 अध्ययन केंद्र खोले गए.
  • पूर्व कुलपति बीके कुठियाला के कार्यकाल में खुले हैं 1297 अध्ययन केंद्र.
  • इनमें 1 हजार 106 कंप्यूटर आईटी के केंद्र हैं, जबकि 1091 मीडिया के.
  • कुठियाला के कार्यकाल में राज्य के बाहर भी खोले गए हैं 210 केंद्र.
  • अधिकांश अध्ययन केंद्रों के पास नहीं है बिल्डिंग, फैकल्टी और पर्याप्त छात्रों की संख्या.
  • अपात्र लोगों को भी नियमों के विरुद्ध अध्ययन केंद्र की दी गई मान्यता.
  • कुठियाला के कार्यकाल में पहले के मुकाबले खोले गए हैं तीन गुना ज्यादा अध्ययन केंद्र.
  • कुठियाला ने अपने साथी और संघ के करीबी दीपक शर्मा को अध्ययन केंद्रों की मान्यता के लिए किया था एएसआई नियुक्त.
  • कुठियाला और दीपक शर्मा पर लगे हैं अध्ययन केंद्रों के जरिये करोड़ों रुपयों की उगाही करने का आरोप.
  • अब EOW की टीम इन अध्ययन केंद्रों की जांच करेगी, साथ ही इससे जुड़े लोगों के भी बयान दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी.
  • बीके कुठियाला ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन विशेष न्यायाधीश ईओडब्ल्यू संजीव पांडेय की अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
  • कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब इओडब्ल्यू कुठियाला से पूछताछ के लिए टीम रवाना करने की तैयारी में है.

भोपाल। विशेष न्यायाधीश EOW संजीव पांडेय की अदालत ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता के मामले को लेकर अब EOW ने पूर्व कुलपति बीके कुठियाला के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ा दिया है.

बीके कुठियाला के कार्यकाल में कुल 1 हजार 297 अध्ययन केंद्र खोले गए हैं, जिसमें से 210 अध्ययन केंद्र तो राज्य के बाहर खोले गए हैं. पूर्व कुलपति बीके कुठियाला और दीपक शर्मा पर अध्ययन केंद्रों के जरिये करोड़ों रुपये कमाने के आरोप लगे हैं. अब EOW इन अध्ययन केंद्रों की जांच में जुट गया है. बता दें कि दीपक शर्मा यूनिवर्सिटी में एसोसिएट स्टडी इंस्टीट्यूशन्स (AES) के संचालक हैं. इनकी सिफारिशों पर अध्ययन केंद्र खोले जा रहे थे.

बीके कुठियाला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

यह है मामला-

  • विश्वविद्यालय की शुरुआत साल 1992 में हुई थी, तब से लेकर साल 2009 तक महज 544 अध्ययन केंद्र खोले गए.
  • पूर्व कुलपति बीके कुठियाला के कार्यकाल में खुले हैं 1297 अध्ययन केंद्र.
  • इनमें 1 हजार 106 कंप्यूटर आईटी के केंद्र हैं, जबकि 1091 मीडिया के.
  • कुठियाला के कार्यकाल में राज्य के बाहर भी खोले गए हैं 210 केंद्र.
  • अधिकांश अध्ययन केंद्रों के पास नहीं है बिल्डिंग, फैकल्टी और पर्याप्त छात्रों की संख्या.
  • अपात्र लोगों को भी नियमों के विरुद्ध अध्ययन केंद्र की दी गई मान्यता.
  • कुठियाला के कार्यकाल में पहले के मुकाबले खोले गए हैं तीन गुना ज्यादा अध्ययन केंद्र.
  • कुठियाला ने अपने साथी और संघ के करीबी दीपक शर्मा को अध्ययन केंद्रों की मान्यता के लिए किया था एएसआई नियुक्त.
  • कुठियाला और दीपक शर्मा पर लगे हैं अध्ययन केंद्रों के जरिये करोड़ों रुपयों की उगाही करने का आरोप.
  • अब EOW की टीम इन अध्ययन केंद्रों की जांच करेगी, साथ ही इससे जुड़े लोगों के भी बयान दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी.
  • बीके कुठियाला ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन विशेष न्यायाधीश ईओडब्ल्यू संजीव पांडेय की अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
  • कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब इओडब्ल्यू कुठियाला से पूछताछ के लिए टीम रवाना करने की तैयारी में है.
Intro:भोपाल- माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता मामले को लेकर अब इओडब्ल्यू ने पूर्व कुलपति बीके कुठियाला के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ा दिया है। बीके कुठियाला के कार्यकाल में कुल 1297 अध्ययन केंद्र खोले गए हैं जिसमें से 210 अध्ययन केंद्र तो राज्य के बाहर खोले गए हैं अब ईओडब्ल्यू इन अध्ययन केंद्रों की जांच में जुट गया है।


Body:माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय की शुरुआत साल 1992 में हुई थी 1992 से लेकर साल 2009 तक महज 544 अध्ययन केंद्र खुल गए थे लेकिन बीके कुठियाला के कार्यकाल में इसके तीन गुना यानी कि 1297 अध्ययन केंद्र खोले गए हैं जिनमें 1106 कंप्यूटर और आईटी के केंद्र हैं जबकि 191 केंद्र मीडिया के खोले गए थे चौंकाने वाली बात तो यह है कि इनमें 210 अध्ययन केंद्र मध्य प्रदेश के बाहर दूसरे राज्यों में खोले गए हैं इनमें से अधिकांश अध्ययन केंद्रों की न तो बिल्डिंग हैं, न ही फैकल्टी और न ही इनमे छात्रों की संख्या स्पष्ट है। बताया जा रहा है कि इन अध्ययन केंद्रों के लिए बीके कुठियाला ने अपने एक साथी और संघ के करीबी दीपक शर्मा को नियुक्त किया था जिसने इन अध्ययन केंद्रों को मान्यता देने में करीब 15 से 20 करोड रुपए की उगाही की है। अब ईओडब्ल्यू के टीम इन अध्ययन केंद्रों की जांच करेगा साथ ही इससे जुड़े लोगों के भी बयान दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

बाइट- केएन तिवारी, डीजी, इओडब्ल्यू।


Conclusion:- पूर्व कुलपति बीके कुठियाला के कार्यकाल में खुले हैं 1297 अध्धयन केंद्र।
- इनमे 1106 कंप्यूटर आईटी के केंद्र है जबकि 1091 मीडिया के।
- कुठियाला के कार्यकाल में राज्य के बाहर भी खोले गए हैं 210 केंद्र।
- अधिकांश अध्धयन केंद्रों के पास नही है बिल्डिंग, फेकल्टी और छात्रों की संख्या।
- अपात्र लोगों को भी नियमों के विरुद्ध अध्धयन केंद्र की दी गई मान्यता।
- कुठियाला के कार्यकाल में पहले के मुकाबले खोले गए हैं तीन गुना ज्यादा अध्धयन केंद्र।
- कुठियाला ने अपने साथी और संघ के करीबी दीपक शर्मा को अध्यन केंद्रों की मान्यता के लिए किया था एएसआई नियुक्त।
- कुठियाला और दीपक शर्मा पर लगे हैं अध्यन केंद्रों के जरिये करोड़ो रुपयों की उगाही करने का आरोप।
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