भोपाल। 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी ने हर मोर्चे पर अब दिग्गजों की तैनात कर दिया है. ताकि हर मामले से बिना किसी परेशानी के निपटा जा सके. बीजेपी की चुनाव संचालन और प्रबंध समिति में सभी वरिष्ठ नेताओं को जगह दी गई है. जो रूठों को मनाने का काम भी करेंगे और चुनाव में जनता से सीधा संवाद भी. ताकि चुनाव में जीत हासिल हो.
प्रदेश में लगभग डेढ़ साल तक सत्ता से बाहर रहने के बाद ढाई महीने पहले बीजेपी के हाथ में सत्ता की कमान आई है. विधानसभा गणित पर नजर दौड़ाई जाए तो एक बात साफ होती है कि बीजेपी के पास वर्तमान में पूर्ण बहुमत नहीं है और इसके लिए उसे आगामी समय में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कम से कम 9 सीटें जीतना जरूरी है ताकि सदन में पूर्ण बहुमत हासिल किया जा सके. 230 विधानसभा सीटों में से बीजेपी के पास इस वक्त 107 विधायक हैं.
पार्टी को एक प्रभावशाली और जनाधार वाले नेता के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का साथ मिला है. यही वजह है कि बीजेपी सभी 24 सीटों पर अपना जोर लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. यही कारण है कि उसने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने जहां पहले सभी 24 सीटों पर प्रभारियों की नियुक्ति की वही अब पार्टी ने चुनाव संचालन समिति और प्रबंध समिति का गठन कर दिया है.
बीजेपी पूरी ताकत के साथ लड़ रही है चुनाव
बीजेपी नेता हितेश वाजपेयी कहते हैं आगामी समय में 24 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव सरकार के लिए महत्वपूर्ण फेक्टर है, इसके लिए एक या दो स्थानों के उप-चुनाव जैसी रणनीति तो हो नहीं सकती. यह चुनाव बीजेपी के लिए राजनीतिक रुप से और संख्यात्मक तौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि विधानसभा की कुल सीटों में से लगभग दस प्रतिशत सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. इसलिए पार्टी पूरी ताकत के साथ मैदान में है.
कार्यालय मंत्री सत्येंद्र भूषण सिंह ने कहा कि संचालन समिति और प्रबंध समिति की जो सूची जारी की है उससे एक संकेत तो साफ मिल रहा है कि पार्टी इस चुनाव में अपने हर नेता का हर संभव इस्तेमाल करना चाहती है. संचालन समिति में जहां अनुभवी लोगों को स्थान दिया गया है. वहीं प्रबंध समिति में वे लोग हैं जो नियमित तौर पर संगठन के लिए काम करते रहते हैं.
इन बड़े नेताओं को दी गई है कमान
संचालन समिति पर गौर करें तो पता चलता है कि राज्य के सभी अनुभवी नेताओं को इसमें जगह दी गई है. जिसमें वीडी शर्मा, शिवराज सिंह चौहान, थावरचंद गहलोत, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, ज्योतिरादित्य सिंधिया, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रभात झा, गोपाल भार्गव, प्रहलाद पटेल, नरोत्तम मिश्रा, सुहास भगत, जयभान सिंह पवैया, गौरीशंकर शेजवार, माया सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, अनूप मिश्रा, रुस्तम सिंह, दीपक जोशी, लाल सिंह आर्य और नारायण कुशवाहा को शामिल किया गया है.
वहीं प्रबंध समिति की बात की जाए तो इसमें दूसरी कतार के सक्रिय नेताओं को स्थान दिया गया है. प्रबंध समिति में संयोजक भूपेंद्र सिंह को बनाया गया है, तो वहीं सदस्य के तौर पर उमाशंकर गुप्ता, रामपाल सिंह, बंशीलाल गुर्जर, अरविंद भदौरिया, विजेश लुणावत, रामेश्वर शर्मा, पंकज जोशी, लोकेंद्र पाराशर, राजेंद्र सिंह, शैलेंद्र शर्मा, भगवानदास सबनानी, नरेंद्र पटेल, रविंद्र यति, विकास विरानी, डॉ. हितेश वाजपेयी, मनोरंजन मिश्रा और प्रदीप त्रिपाठी को जगह दी गई है.
राजनीतिक विश्लेषक रवींद्र व्यास का कहना है कि आगामी विधानसभा के उपचुनाव को बीजेपी हल्के में लेने को तैयार नहीं है और वह इस चुनाव के जरिए कांग्रेस छोड़कर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव के साथ अपने जनाधार को साबित करना चाहती है. लिहाजा उसने उन सारे लोगों को मोर्चे पर लगाकर जिम्मेदारी सौंपना शुरू कर दिया है जिनका खास क्षेत्र में प्रभाव है और उनके सहारे चुनावी वैतरणी को पार किया जा सकता है.