भोपाल. 2023 में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी के लिए चुनावी जीत हार से बड़ी चुनौती है संभावित दावेदारों का दंगल है. जिसकी जमीन बननी शुरु हो गई है. भोपाल की हुजूर विधानसभा सीट प्रदेश की उन्ही सीटों में से एक है जहां इस बार बीजेपी में एक अनार कई बीमार के हालात बनते नजर आ रहे हैं. बीजेपी का मजबूत गढ़ कही जाने वाली इस सीट से फिलहाल रामेश्वर शर्मा विधायक हैं, लेकिन इस बार इस सीट पर सिंधी समाज अपनी दावेदारी जता रहा है. माना जा रहा है कि बीजेपी प्रवक्ता और प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी इस बार इस सीट से बड़े दावेदार के तौर पर सामने आ सकते हैं. वे अपने जन्मदिन पर शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपनी ताकत भी दिखा चुके हैं.
किसका होगा 'हुजूर': भगवानदास सबनानी 2008 के विधानसभा चुनाव में इसी हुजूर सीट से 16 हजार के मार्जिन से निर्दलीय के तौर पर चुनाव हार चुके हैं, हालांकि तब पार्टी का नाम उनसे नहीं जुड़ा था. अब वे बीजेपी प्रवक्ता हैं. ऐसे में वे माना जा रहा है कि वे इस बार हुजूर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं. भगवानदास की सालगिरह पर हुए शक्ति प्रदर्शन से इन अटकलों को और हवा मिली है. बावजूद इसके बड़ा सवाल यह है कि सबनानी के लिए बीजेपी से टिकट जुगाड़ लेना इतना आसान होगा. फिलहाल वे संगठन में प्रदेश महामंत्री की हैसियत से काम कर रहे हैं. उनकी गिनती सीएम शिवराज के करीबियों में होती है. सबनानी पूर्व सीएम उमा भारती के भी वे नजदीकी रहे हैं और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा के भरोसेमंद सिपहसालार भी है.पार्टी में सिंधी समाज की आवाज हैं. हुजूर सीट पर सिंधी वोट बैंक निर्णायक भूमिका निभाता है. एक बात जो उनके खिलाफ जाती है वह है नगर निगम चुनावों के नतीजे. सबनानी कटनी नगर निगम में मोर्चा संभाले थे,लेकिन यहां पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ी उम्मीदवार की जीत हुई.
rameshwar Sharma statement : रामेश्वर शर्मा का बड़ा बयान, बढ़ती जनसंख्या से बढ़ रही है धार्मिक कट्टरता, उलेमाओं को भी दी चेतावनी
हिंदुत्व राग के सहारे रामेश्वर शर्मा: दूसरी तरफ हुजूर सीट से मौजूदा बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा अपनी सीट पर चुनावी तैयारियों में लगे हैं. बजरंग दल की पृष्ठभूमि से आने वाले रामेश्वर हिंदुत्व का डंका बजाने का कोई मौका नहीं छोड़ते. वे सीएम शिवराज के वफादार हैं ये बात भी कई बार जाहिर हो चुकी है. पार्टी के भीतर की हार्डलाईन में भी उनकी मजबूत उपस्थिति है, लेकिन पार्टी में फीडबैक ये भी है कि अपने क्षेत्र में धार्मिक आयोजनों की गंगा बहाने वाले रामेश्वर शर्मा हुजूर सीट पर बुनियादी सुविधाएं देने में पीछे रह गए हैं. सबसे बड़ा सवाल है कि अगर सबनानी की दावेदारी को दरकिनार कर रामेश्वर शर्मा को ही टिकट मिलता है तो क्या इस बार भी सिंधी वोटर बैंक उनके साथ रहेगा.
सिंधी समाज तय करता है जीत हार: भोपाल की हुजूर विधानसभा बीजेपी की मजबूत सीटों में गिनी जाती है. वोट का अंतर कम ज्यादा हो सकता है, लेकिन यहां हमेशा से कमल खिला है. बीजेपी के रामेश्वर शर्मा यहां से विधायक हैं. ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में बंटी हुजूर सीट पर सबसे बडा वोट बैंक सिंधी समाज है जो 80 हजार से ज्यादा है. 2018 की वोटर लिस्ट के हिसाब से हुजूर विधानसभा सीट पर दो लाख पच्चीस हजार के करीब वोटर है. जिनमें 80 हजार से ज्यादा सिंधी और 12 हजार के लगभग मीणा समाज है.अखिल भारतीय सिंधी महासभा के राष्ट्रीय संयोजक नरेश ज्ञानचंदानी कहते हैं इस बार सिंधी समाज ने तय कर लिया है कि इस सीट से बीजेपी को सिधी समाज को ही टिकट देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सिंधी समाज राष्ट्रवादी कौम है और बीजेपी ही देश में इकलौता ऐसा दल है जो राष्ट्रवाद की राह पर ही चल रहा है. लिहाजा 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को सिंधी समाज को ही प्रतिनिधित्व देना चाहिए.