भोपाल। 5 अगस्त को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के शिलान्यास पर मध्य प्रदेश में जमकर सियासत हो रही है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जहां राम मंदिर निर्माण का स्वागत किया, तो दिग्विजय सिंह लगातार मंदिर के शिलान्यास के मुहूर्त पर सवाल उठा रहे हैं. उनके इन्हीं बयानों पर बीजेपी नेताओं ने भी पलटवार किया. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस के ही नेता कमलनाथ सुंदरकांड कर रहे हैं. दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह लंकाकांड कराने में जुटे हैं.
धर्म के काम में बाधा डालते हैं दिग्विजय सिंह
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह को सनातन धर्म का कोई ज्ञान नहीं है. जिस तरह पहले आषुरी शक्तियां धर्म के काम में बाधा डालती थी. उसी तरह दिग्विजय सिंह भी धर्म के काम में बाधा डालने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. वे राम मंदिर के शिलान्यास के मुहूर्त पर सवाल उठा रहे हैं. लेकिन मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है उन्होंने मुहूर्त देखना कब से शुरु कर दिया. दिग्विजय सिंह को इस शुभ काम में इस तरह की ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए.
दिग्विजय सिंह को नहीं है सनातन धर्म का ज्ञान
वही बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने भी दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सनातन हिंदू धर्म को नजर अंदाज किसने किया, यह दिग्विजय सिंह की आत्मा जानती है. अगर कांग्रेस हिंदू धर्म की उपेझा नहीं करती तो आज ऐसा न होता. बिना कोरोना के भी कोई कांग्रेस को छूना नहीं चाहता. जिस तरह कमलनाथ ने राम मंदिर का स्वागत किया है उसी तरह दिग्विजय सिंह को भी राम मंदिर का स्वागत करना चाहिए.
राम मंदिर निर्माण से दिग्विजय सिंह के पेट में दर्द हो रहाः विश्वास सारंग
वही कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि देश में तुष्टीकरण की राजनीति करने में दिग्विजय सिंह माहिर हैं. राम मंदिर के निर्माण से उनके पेट में दर्द हो रहा है. उन्हें राम का विरोध करना है. लेकिन हम उनसे कहना चाहते हैं की राम हमारी आस्था है. राम के काम के लिए सभी मुहूर्त शुभ हो जाते हैं. इसलिए दिग्विजय सिंह को अपने अशुभ विचारों को दिल में झुपा कर रखे तो ज्यादा ठीक होगा.