भोपाल। राजधानी भोपाल के टीटी नगर इलाके में मां काली के मंदिर को वन विभाग द्वारा पक्की दीवार खड़ी कर बंद कराए जाने को लेकर विवाद हो गया. इसकी सूचना मिलते ही क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक अपने समर्थकों सहित यहां पहुंच गए, इसके अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी विरोध में खड़े हो गए. लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने मंदिर के सामने खड़ी की गई सीमेंट की दीवार तुड़वा दी, इसके बाद लोगों का हंगामा खत्म हुआ. (Bhopal Temple Controversy)
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दीवार में बंद किया मां काली का मंदिर: मंदिर के पुजारी पंडित अजय शर्मा ने बताया कि, 'मां काली का यह मंदिर बहुत पुराना है, इसकी स्थापना करीब डेढ़ सौ साल पहले श्री बाल गोविंद शांडिल्य बड़े गुरु जी के शिष्य किशन लाल द्वारा की गई थी. इस मंदिर में सालों से पूजा होती आई है, लेकिन वन विहार अमले द्वारा पिछले कुछ दिनों से मंदिर को बंद कराए जाने को लेकर लगातार बोला जा रहा था. पिछले दिनों मंदिर से काफी सामान भी अचानक गायब हो गया और आज सुबह वन विभाग के अमले ने मंदिर के गेट के सामने ईंट की दीवार उठाकर मंदिर को बंद कर दिया. (bhopal kali temple opened again)
कांग्रेस विधायक ने जताया विरोध: घटना की सूचना मिलते ही हिंदूवादी संगठन और कांग्रेस के क्षेत्रीय विधायक पीसी शर्मा अपने समर्थकों के साथ यहां पहुंचे और उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया. कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि, मुस्लिम शासक ने अनारकली को दीवार में चुनवाया था और भोपाल में वन विभाग ने मां काली को दीवार में चुनवा दिया है. उधर स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया. लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने मंदिर के गेट के सामने खड़ी की गई दीवार को हटवा दिया, जिसके बाद लोगों का विरोध शांत हुआ. घटना के बाद हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी चंद्रशेखर तिवारी ने वन विभाग के संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. (Bhopal Temple Controversy)
वन विभाग के मुख्यालय में है यह मंदिर: वन विभाग द्वारा जैन मंदिर के गेट को दीवार में चुनवा दिया गया. वह मंदिर वन विभाग के बनाए जा रहे नए मुख्यालय परिसर में स्थित है. वन विभाग की इस बिल्डिंग का काम 2008 से जारी है, जो अब अपने अंतिम चरण में है. करीब डेढ़ सौ करोड़ की लागत से बनाई जा रही इस ग्रीन बिल्डिंग के चारों तरफ बाउंड्री वॉल की जा रही है और इस बाउंड्री वॉल के अंदर यह मंदिर आ रहा है, जिसको हटाने को लेकर वन विभाग द्वारा कोशिश की जा रही है.