भोपाल। भोपाल की रहने वाली 26 वर्षीय प्रेम कुमारी ने 101 दिन में 15 इंच मोटी और 12 किलो की संस्कृत भाषा में रामायण लिखकर सबको स्तब्ध कर दिया. मूल रामायण से ही इसे देखकर लिखा गया है. उन्होंने दावा किया कि यह अद्भुत कार्य सबसे कम समय में किया है. अब प्रेम कुमारी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी इसको लेकर प्रयास करेंगी. साथ ही उनकी मंशा है कि इसको वह अयोध्या स्थित राम मंदिर में जाकर समर्पित करें. (bhopal sanskrit ramayana claims) (bhopal she devote book to ram temple in ayodhya)
प्रेम कुमारी की संस्कृत में विशेष रुचिः कहते हैं कुछ करने की ठान लो तो हर काम किया जा सकता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है भोपाल के कोलार के पास रहने वाली प्रेम कुमारी ने. मुख्य रूप से छोटे से परिवार में जीवन यापन करने वाली प्रेम कुमारी सिलाई, मेहंदी आदि का काम करती है. लेकिन संस्कृत से 10वीं तक पढ़ाई करने के बाद उनको संस्कृत भाषा का बेहद अच्छा ज्ञान हो गया है. इसी के चलते उन्होंने वाल्मीकि रामायण को हूबहू वैसे ही लिखने का प्रयास किया. अपने मार्गदर्शक सुनील जोसेफ के सहयोग से वह 101 दिन में रामायण लिखने में कामयाबी हो गई.(claims write ramayana in sanskrit shortest time) (prem kumari wrote a 12 kg book by hand)
सबसे कम समय में धार्मिक ग्रंथ लिखने का दावाः प्रेम कुमारी कि पहले वह कुछ घंटे लिखती थीं. इसके बाद उन्होंने ज्यादा से ज्यादा समय देना शुरू किया. इसी के चलते वह धार्मिक ग्रंथ 101 दिन में यह पूरा कर पायीं. महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ते कदम में मिसाल बन चुकी हैं प्रेम कुमारी. उनका दावा है कि 101 दिन में रामायण लिखने वाली विश्व की पहली महिला है. रामायण संस्कृत में लिखने की प्रेरणा उन्हें उनके गुरु सुनील जोसेफ (विश्व कीर्तिमानधारी) से मिली. प्रेम कुमारी ने बताया कि मैंने जो रामायण लिखी है, उसे मैं राम मंदिर अयोध्या में समर्पित करूंगी यह मेरा संकल्प है. (prem kumari wrote a 12 kg book by hand) (bhopal sanskrit ramayana claims)
नेहा तिवारी ने किया सहयोगः उनकी सहयोगी एवं प्रत्यक्षदर्शी नेहा तिवारी नीलेश तिवारी स्मृति शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति भोपाल की अध्यक्ष है. उन्होंने बताया कि प्रेम कुमारी का हम हमेशा से साथ देते आयें हैं. हम महिला सशक्तिकरण के हित के लिए उनकी सुरक्षा और सफलता के लिए सदैव संकल्पित रहते हैं. प्रेम कुमारी ने इस रामायण को लिखने की प्रेरणा अपने गुरु प्रोफेसर सुनील हासिल की है. सुनील जोसेफ ने भी बाइबल लिखने का रिकॉर्ड बनाया है. उन्हीं से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने रामायण लिखी है. (bhopal she devote book to ram temple in ayodhya)