भोपाल। भविष्य में उपयोग में आने वाले नए बैंड के लिए अब अलग एंटीना की जरूरत नहीं पड़ेगी. राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने ऐसा एंटीना डिजाइन किया है, जो अलग-अलग 5 बैंड पर एक साथ काम कर सकेगा. वहीं ओटीटी प्लेटफाॅर्म पर रिलीज होने वाले कंटेंट की पायरेसी को रोकने के लिए भी RGPV के प्रोफेसरों ने एक साॅफ्टवेयर तैयार किया है. दोनों ही नवाचारों के पेटेंट के लिए प्रोफेसरों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.
अलग-अलग फ्रिक्वेंसी पर काम करेगा एंटीना
अक्सर लोगों की डिमांड होती है कि उन्हें बेहतर फ्रिक्वेंसी मिले, जिससे कनेक्टीविटी बेहतर हो. लेकिन इस दिशा में सबसे बड़ी चुनौती आईटी स्पेशलिस्ट के सामने गीगाहर्ट्स को बढ़ाने की होती है. क्योंकि इसके लिए कंपोनेंट और एंटीना की डिजाइन को छोटा बनाए रखना होता है. इस दिशा में भोपाल के आरजीपीवी विश्वविद्यालय के इलेक्ट्राॅनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर विनोद सोनी ने महत्वपूर्ण काम किया है. विनोद सोनी ने एक ऐसा एंटीना डिजाइन किया है, जो एक साथ पांच बैंड पर काम कर सकेगा.
असिस्टेंट प्रोफेसर विनोद सोनी कहते हैं कि अभी देश में जीएसएम 900, वायफाई, वायमैस जैसे बैंड चल रहे हैं. लेकिन उनके द्वारा तैयार बैंड इसके अलावा भविष्य में आने वाले कई और बैंड को सपोर्ट कर सकेगा. इसका उपयोग बड़े स्तर से लेकर छोटे स्तर तक हो सकेगा. इसकी मदद से अलग-अलग बैंड पर चलने वाले इक्युपमेंट एक साथ एक ही कम्प्युनिकेशन सिस्टम की मदद से चल सकेंगे. इसे हाईब्रिड फ्रेक्टल क्वाड बैंड एंटीना नाम दिया गया है.
एंटीना का हो चुका पेटेंट
असिस्टेंट प्रोफेसर विनोद सोनी कहते हैं कि उन्होंने डिजाइन-इन-एनालिसिस ऑफ मल्टी बैंड हाईब्रिड फेक्टल लाइट एंटीना और वायरलेस कम्युनिकेशन सब्जेक्ट पर पीएचडी किया था. पीएचडी वर्क के दौरान उनका यह वर्क अनपब्लिश रह गया, जिसके बाद उन्होंने इसका पेटेंट कराया. जनवरी माह में इसका उन्हें पेटेंट मिल गया. कम्प्युनिकेशन सेक्टर में काम करने वाले स्पेशलिस्ट ने उनके रिसर्च को खूब सराहा है. उम्मीद है कंपनियां इसके कमर्शियल उपयोग के लिए आगे आएंगी.
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कंटेंट चोरी होने से बचाएगा साॅफ्टवेयर
ओटीटी यानी ओवर-द-टाॅप प्लेटफॉर्म पर फिल्म और वेब सीरीज का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है. पिछले कुछ सालों में ओटीटी एक बड़े प्लेटफाॅर्म में तब्दील हो चुका है, लेकिन इसके साथ ही इसके कंटेंट के चोरी होने की घटनाएं भी बढ़ी हैं. कई वेब सीरीज और प्रोग्राम के कंटेंट चोरी कर उन्हें सोशल मीडिया पर डाला जा रहा है. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भोपाल के राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के यूआईटी के प्रोफेसर पियूष शुक्ला ने साथी प्रोफेसर्स की मदद से एक सिक्योर सिस्टम डेवलप किया है.
प्रोफेसर पियूष शुक्ला के मुताबिक, उन्होंने इस सिक्योर सिस्टम में व्हाइट टिक्टोग्राफी तकनीक का उपयोग किया है. इसकी मदद से ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज होने वाले कंटेंट की चोरी रोकने में मदद मिलेगी. उनके मुताबिक, इसका पेटेंट अपने आखिरी चरण में हैं और वे इसके लिए ग्रांट के लिए भी कोशिश कर रहे हैं.