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श्राप की देवी! दिग्विजय से शिवराज तक कई बन चुके 'साध्वी' के शिकार

सांसद और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं. साध्वी ने एक बार फिर ऐसा ही एक बयान दे डाला है. सांसद ने एक मंच से एक व्यक्ति को श्राप दे डाला. सांसद ने कहा कि एक युवक ने कुछ दिन पहले उनका कबड्डी का वीडियो वायरल कर दिया था. अब भी समय है सुधर जाओ, नहीं तो बुढ़ापा और आने वाला जन्म बिगड़ जाएगा.

shrap ki devi
श्राप की देवी
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Published : Oct 16, 2021, 5:24 PM IST

Updated : Oct 16, 2021, 5:55 PM IST

साध्वी प्रज्ञा का रूष्ट होना और श्राप देना नया नहीं है. वह अपने आग उगलते बयानों के लिए पहले भी विवादों में रही हैं. ताजा विवाद की वजह उन्ही का कबड्डी खेलते हुए वीडियो है, जो अब वायरल हो रहा है. इससे साध्वी काफी नाराज हैं और उन्होंने वीडियो बनाने वाले को श्राप दे दिया है,

साध्वी ने बुढ़ापा और अगला जन्म खराब होने का दिया श्राप

भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर के कबड्डी खेलने वाले वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर काफी बवाल जारी है. कांग्रेस ने भी उनके इस वीडियो पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि वे स्वास्थ्य कारणों से जेल से बाहर हैं, लेकिन कभी डांडिया खेलते हुए और कभी कबड्डी खेलते नजर आ रही हैं. इस वीडियो के वायरल होने से सांसद गुस्से में हैं. उन्होंने इसे वायरल कराने वाले युवक को श्राप दे दिया है. उन्होंने इस युवक को रावण कहकर बुढ़ापा और अगला जन्म खराब होने का श्राप दिया है.

कबड्डी वीडियो वायरल हुआ, तो आग बबूला हो गईं साध्वी,दे डाला श्राप

किस बात से आग बबूला हो गईं साध्वी

भोपाल के संत नगर में सिंधी समुदाय की ओर से आयोजित दशहरे के कार्यक्रम में सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने वायरल वीडियो पर अपनी भड़ास निकाली. सांसद ठाकुर ने कहा कि “मैं दो दिन पहले एक दुर्गा पंडाल में आरती करने गई थी, जब मैदान पर खेल रहे कुछ खिलाड़ियों ने मुझसे कबड्डी खेलने का अनुरोध किया तो मैं खुद को रोक नहीं पाई. खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए मैं मैदान में चली गई. इसी दौरान किसी ने वीडियो बना लिया, वीडियो बनाने वाला कोई रावण ही होगा, जिसका बुढ़ापा और अगला जन्म खराब हो जाएगा.

'प्रज्ञा ठाकुर के दिमाग का इलाज कराए बीजेपी'

दिमाग का इलाज कराएं प्रज्ञा ठाकुर-कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता फिरोज सिद्दीकी का कहना है कि भाजपा को सांसद प्रज्ञा ठाकुर के दिमाग का इलाज कराना चाहिए. नहीं तो कांग्रेस पार्टी उनके दिमाग का फ्री इलाज कराएगी. कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया कि भाजपा सांसद ये बताएं कि भोपाल के लिए उनका क्या योगदान रहा है. अब तक उन्होंने भोपाल की जनता के लिए क्या काम किए हैं. तीन साल में उनकी क्या उपलब्धियां रही हैं. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जनता से माफी मांगना चाहिए. सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि जब भोपाल की जनता को सांसद से काम होता है तो वो बीमार हो जाती हैं और जब विपत्ति का समय निकल जाता है तो वे कभी कबड्डी खेलने लगती हैं और कभी मंच पर आ जाती हैं.

साध्वी ने एम्स डायरेक्टर को भी धमकाया था

हाल में प्रज्ञा ठाकुर ने एम्स के डायरेक्टर सरमन सिंह को चेतावनी देते हुए कहा था- वे चुप रहेंगे तो सब ठीक रहेगा, उन्होंने गलती की है तो स्वीकार करते हुए इस्तीफा देना चाहिए.

क्यों दी चेतावनी?

भोपाल स्थित एम्स के डायरेक्टर सरमन सिंह ने कुछ दिन पहले कहा था कि सांसद और विधायक उन्हें अपना नौकर बनाना चाहते हैं. प्रज्ञा ठाकुर ने इसका जवाब देते हुए कहा कि ये गलत है और इस प्रकार का बयान सरमन सिंह की भाषा और उनके संस्कारों को दर्शाता है. प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि एम्स डायरेक्टर जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को हर बात सबूत के साथ बोलनी चाहिए. बीजेपी सांसद ने सरमन सिंह पर कुछ डॉक्टरों को धमकाने का भी आरोप लगाया.

प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, उन्होंने मेरे नाम का दुरुपयोग करते हुए एक विभाग के डॉक्टरों को धमकाया भी है. तभी मैंने उन्हें नोटिस भेजा था. जिसका जवाब उन्होंने क्षमा मांगते हुए दिया और जरूरत पड़ी तो मैं उस पत्र को सार्वजनिक भी करूंगी. कोरोना के समय उन्होंने जो परिस्थितियां पैदा कीं, वो सभी जानते हैं. ना तो जनप्रतिनिधियों के फोन उठाए और ना ही समय पर उपस्थित रहे.

शिवराज सिंह को भी दे चुकी हैं अंजाम भुगतने की चेतावनी

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर श्राप देने में माहिर हैं. वे शिवराज सिंह को भी अंजाम भुगतने की चेतावनी दे चुकी हैं. किस्सा बहुत पुराना नहीं हैं, जब उन्होंने जेल में रहते हुए उज्जैन सिंहस्थ में स्नान की अनुमति नहीं मिलने के विवाद में तब के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर बड़ा हमला बोला था. साध्वी ने अपने तत्कालीन हालातों के लिए उन्हें जिम्मेदार बताया था. साध्वी ने कहा था जिन लोगों ने उन्हें परेशान किया, उनके नेता शिवराज हैं. यह कहते हुए उन्हें अंजाम भुगतने की चेतावनी तक दे डाली थी.

जेल में भूख हड़ताल की चेतावनी

मामला ये था कि साध्वी प्रज्ञा ने जेल में रहते हुए सिंहस्थ महाकुंभ में स्नान की मांग करते हुए शिवराज सिंह को पत्र लिखा था. जिसमे दावा किया था कि अगर अनुमति नहीं दी गई तो वे जेल में भूख हड़ताल कर देंगी. शिवराज सरकार ने सुरक्षा का हवाला देते हुए यह मांग पूरी नहीं की. इसके बाद मामला अदालत तक पहुंचा जहां से अनुमति के बाद वे उज्जैन महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंची थी.

हालातों ने दुश्मनों को बना दिया दोस्त

साध्वी को शिवराज सरकार ने ही सबसे पहले संघ प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में कथित आरोपी मानकर 2007- 2008 में गिरफ्तार किया था. जिस कारण वे शिवराज सिंह पर नाराज थीं. इसके बाद साध्वी का नाम मालेगांव ब्लास्ट केस में जुड़ा. बदले हुए राजनीतिक हालातों में यही शिवराज हैं जिन्होंने साध्वी को भाजपा की सदस्यता दिलवाई और लोकसभा चुनाव 2019 में भोपाल से उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए कहा कि साध्वी का तो जन्म ही देश की रक्षा के लिए हुआ है.

एटीएस चीफ करकरे को दिया था श्राप!

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का एक बयान बड़ा विवादों में रहा था. प्रज्ञा ने आरोप लगाया था कि 26/11 हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे को उनके कर्मों की सजा मिली. उनके कर्म ठीक नहीं थे, इसलिए उन्हें संन्यासियों का श्राप लगा था. साध्वी प्रज्ञा ने कहा, 'जिस दिन मैं जेल गई थी उसके 45 दिन के अंदर ही आतंकियों ने उसका अंत कर दिया.'

भोपाल में मीडिया से बात करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा था, 'एटीएस मुझे 10 अक्टूबर 2008 को सूरत से मुंबई लेकर गई थी. वहां 13 दिन तक बंधक बनाकर रखा गया. पुरुष एटीएस कर्मियों ने इस दौरान मुझे खूब प्रताड़ित किया. पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे को संन्यासियों का श्राप लगा और मेरे जेल जाने के करीब 45 दिन बाद ही वह 26/11 के आतंकी हमले का शिकार हो गए.'

दिग्विजय सिंह को बताया था आतंकी

2019 लोकसभा चुनावों के वक्त भोपाल संसदीय क्षेत्र से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को आतंकवादी बताया था. उन्होंने यह बयान सीहोर में चुनाव प्रचार कार्यालय का उद्घाटन करते हुए दिया. भोपाल संसदीय क्षेत्र के सीहोर में प्रचार कार्यालय का उद्घाटन करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने दिग्विजय सिंह को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा कि राज्य में 16 साल पहले उमा दीदी ने हराया था और वह 16 साल मुंह नहीं उठा पाया. अब फिर से सिर उठा है तो दूसरी संन्यासी सामने आ गई है जो उसके कर्मो का प्रत्यक्ष प्रमाण है. उन्होंने कहा, “एक बार फिर ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए संन्यासी को खड़ा होना पड़ा है.

साध्वी प्रज्ञा का रूष्ट होना और श्राप देना नया नहीं है. वह अपने आग उगलते बयानों के लिए पहले भी विवादों में रही हैं. ताजा विवाद की वजह उन्ही का कबड्डी खेलते हुए वीडियो है, जो अब वायरल हो रहा है. इससे साध्वी काफी नाराज हैं और उन्होंने वीडियो बनाने वाले को श्राप दे दिया है,

साध्वी ने बुढ़ापा और अगला जन्म खराब होने का दिया श्राप

भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर के कबड्डी खेलने वाले वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर काफी बवाल जारी है. कांग्रेस ने भी उनके इस वीडियो पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि वे स्वास्थ्य कारणों से जेल से बाहर हैं, लेकिन कभी डांडिया खेलते हुए और कभी कबड्डी खेलते नजर आ रही हैं. इस वीडियो के वायरल होने से सांसद गुस्से में हैं. उन्होंने इसे वायरल कराने वाले युवक को श्राप दे दिया है. उन्होंने इस युवक को रावण कहकर बुढ़ापा और अगला जन्म खराब होने का श्राप दिया है.

कबड्डी वीडियो वायरल हुआ, तो आग बबूला हो गईं साध्वी,दे डाला श्राप

किस बात से आग बबूला हो गईं साध्वी

भोपाल के संत नगर में सिंधी समुदाय की ओर से आयोजित दशहरे के कार्यक्रम में सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने वायरल वीडियो पर अपनी भड़ास निकाली. सांसद ठाकुर ने कहा कि “मैं दो दिन पहले एक दुर्गा पंडाल में आरती करने गई थी, जब मैदान पर खेल रहे कुछ खिलाड़ियों ने मुझसे कबड्डी खेलने का अनुरोध किया तो मैं खुद को रोक नहीं पाई. खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए मैं मैदान में चली गई. इसी दौरान किसी ने वीडियो बना लिया, वीडियो बनाने वाला कोई रावण ही होगा, जिसका बुढ़ापा और अगला जन्म खराब हो जाएगा.

'प्रज्ञा ठाकुर के दिमाग का इलाज कराए बीजेपी'

दिमाग का इलाज कराएं प्रज्ञा ठाकुर-कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता फिरोज सिद्दीकी का कहना है कि भाजपा को सांसद प्रज्ञा ठाकुर के दिमाग का इलाज कराना चाहिए. नहीं तो कांग्रेस पार्टी उनके दिमाग का फ्री इलाज कराएगी. कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया कि भाजपा सांसद ये बताएं कि भोपाल के लिए उनका क्या योगदान रहा है. अब तक उन्होंने भोपाल की जनता के लिए क्या काम किए हैं. तीन साल में उनकी क्या उपलब्धियां रही हैं. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जनता से माफी मांगना चाहिए. सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि जब भोपाल की जनता को सांसद से काम होता है तो वो बीमार हो जाती हैं और जब विपत्ति का समय निकल जाता है तो वे कभी कबड्डी खेलने लगती हैं और कभी मंच पर आ जाती हैं.

साध्वी ने एम्स डायरेक्टर को भी धमकाया था

हाल में प्रज्ञा ठाकुर ने एम्स के डायरेक्टर सरमन सिंह को चेतावनी देते हुए कहा था- वे चुप रहेंगे तो सब ठीक रहेगा, उन्होंने गलती की है तो स्वीकार करते हुए इस्तीफा देना चाहिए.

क्यों दी चेतावनी?

भोपाल स्थित एम्स के डायरेक्टर सरमन सिंह ने कुछ दिन पहले कहा था कि सांसद और विधायक उन्हें अपना नौकर बनाना चाहते हैं. प्रज्ञा ठाकुर ने इसका जवाब देते हुए कहा कि ये गलत है और इस प्रकार का बयान सरमन सिंह की भाषा और उनके संस्कारों को दर्शाता है. प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि एम्स डायरेक्टर जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को हर बात सबूत के साथ बोलनी चाहिए. बीजेपी सांसद ने सरमन सिंह पर कुछ डॉक्टरों को धमकाने का भी आरोप लगाया.

प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, उन्होंने मेरे नाम का दुरुपयोग करते हुए एक विभाग के डॉक्टरों को धमकाया भी है. तभी मैंने उन्हें नोटिस भेजा था. जिसका जवाब उन्होंने क्षमा मांगते हुए दिया और जरूरत पड़ी तो मैं उस पत्र को सार्वजनिक भी करूंगी. कोरोना के समय उन्होंने जो परिस्थितियां पैदा कीं, वो सभी जानते हैं. ना तो जनप्रतिनिधियों के फोन उठाए और ना ही समय पर उपस्थित रहे.

शिवराज सिंह को भी दे चुकी हैं अंजाम भुगतने की चेतावनी

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर श्राप देने में माहिर हैं. वे शिवराज सिंह को भी अंजाम भुगतने की चेतावनी दे चुकी हैं. किस्सा बहुत पुराना नहीं हैं, जब उन्होंने जेल में रहते हुए उज्जैन सिंहस्थ में स्नान की अनुमति नहीं मिलने के विवाद में तब के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर बड़ा हमला बोला था. साध्वी ने अपने तत्कालीन हालातों के लिए उन्हें जिम्मेदार बताया था. साध्वी ने कहा था जिन लोगों ने उन्हें परेशान किया, उनके नेता शिवराज हैं. यह कहते हुए उन्हें अंजाम भुगतने की चेतावनी तक दे डाली थी.

जेल में भूख हड़ताल की चेतावनी

मामला ये था कि साध्वी प्रज्ञा ने जेल में रहते हुए सिंहस्थ महाकुंभ में स्नान की मांग करते हुए शिवराज सिंह को पत्र लिखा था. जिसमे दावा किया था कि अगर अनुमति नहीं दी गई तो वे जेल में भूख हड़ताल कर देंगी. शिवराज सरकार ने सुरक्षा का हवाला देते हुए यह मांग पूरी नहीं की. इसके बाद मामला अदालत तक पहुंचा जहां से अनुमति के बाद वे उज्जैन महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंची थी.

हालातों ने दुश्मनों को बना दिया दोस्त

साध्वी को शिवराज सरकार ने ही सबसे पहले संघ प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में कथित आरोपी मानकर 2007- 2008 में गिरफ्तार किया था. जिस कारण वे शिवराज सिंह पर नाराज थीं. इसके बाद साध्वी का नाम मालेगांव ब्लास्ट केस में जुड़ा. बदले हुए राजनीतिक हालातों में यही शिवराज हैं जिन्होंने साध्वी को भाजपा की सदस्यता दिलवाई और लोकसभा चुनाव 2019 में भोपाल से उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए कहा कि साध्वी का तो जन्म ही देश की रक्षा के लिए हुआ है.

एटीएस चीफ करकरे को दिया था श्राप!

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का एक बयान बड़ा विवादों में रहा था. प्रज्ञा ने आरोप लगाया था कि 26/11 हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे को उनके कर्मों की सजा मिली. उनके कर्म ठीक नहीं थे, इसलिए उन्हें संन्यासियों का श्राप लगा था. साध्वी प्रज्ञा ने कहा, 'जिस दिन मैं जेल गई थी उसके 45 दिन के अंदर ही आतंकियों ने उसका अंत कर दिया.'

भोपाल में मीडिया से बात करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा था, 'एटीएस मुझे 10 अक्टूबर 2008 को सूरत से मुंबई लेकर गई थी. वहां 13 दिन तक बंधक बनाकर रखा गया. पुरुष एटीएस कर्मियों ने इस दौरान मुझे खूब प्रताड़ित किया. पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे को संन्यासियों का श्राप लगा और मेरे जेल जाने के करीब 45 दिन बाद ही वह 26/11 के आतंकी हमले का शिकार हो गए.'

दिग्विजय सिंह को बताया था आतंकी

2019 लोकसभा चुनावों के वक्त भोपाल संसदीय क्षेत्र से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को आतंकवादी बताया था. उन्होंने यह बयान सीहोर में चुनाव प्रचार कार्यालय का उद्घाटन करते हुए दिया. भोपाल संसदीय क्षेत्र के सीहोर में प्रचार कार्यालय का उद्घाटन करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने दिग्विजय सिंह को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा कि राज्य में 16 साल पहले उमा दीदी ने हराया था और वह 16 साल मुंह नहीं उठा पाया. अब फिर से सिर उठा है तो दूसरी संन्यासी सामने आ गई है जो उसके कर्मो का प्रत्यक्ष प्रमाण है. उन्होंने कहा, “एक बार फिर ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए संन्यासी को खड़ा होना पड़ा है.

Last Updated : Oct 16, 2021, 5:55 PM IST
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