भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी भोपाल की मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा आज दोपहर 3:00 बजे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा एवं आरएसएस पर एक पुस्तक लेकर भोपाल के पीपुल्स मॉल के लिए रवाना हुईं. संगीत शर्मा राष्ट्र ध्वज और पुस्तक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भेंट करेंगी. प्रोग्राम जारी होते ही भोपाल पुलिस के कुछ अधिकारी कांग्रेस कार्यालय पहुंच गए.
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तिरंगा विरोधी आरएसएस :
— MP Congress (@INCMP) August 6, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
संघ प्रमुख को तिरंगा भेंट करने जा रहे कांग्रेस नेताओं को भाजपा द्वारा पुलिस बल भेजकर रोकने की कोशिश जारी।
शिवराज जी,
क्या संघ को तिरंगा भेंट करना अपराध है❓
भाजपा-आरएसएस देशविरोधी हैं। pic.twitter.com/dhYZLCc5Ck
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— MP Congress (@INCMP) August 6, 2022
संघ प्रमुख को तिरंगा भेंट करने जा रहे कांग्रेस नेताओं को भाजपा द्वारा पुलिस बल भेजकर रोकने की कोशिश जारी।
शिवराज जी,
क्या संघ को तिरंगा भेंट करना अपराध है❓
भाजपा-आरएसएस देशविरोधी हैं। pic.twitter.com/dhYZLCc5Ckतिरंगा विरोधी आरएसएस :
— MP Congress (@INCMP) August 6, 2022
संघ प्रमुख को तिरंगा भेंट करने जा रहे कांग्रेस नेताओं को भाजपा द्वारा पुलिस बल भेजकर रोकने की कोशिश जारी।
शिवराज जी,
क्या संघ को तिरंगा भेंट करना अपराध है❓
भाजपा-आरएसएस देशविरोधी हैं। pic.twitter.com/dhYZLCc5Ck
संगीता शर्मा का वक्तव्य: इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष ने कहा कि, 'मध्य प्रदेश की सम्मानित जनता, मैं आपको सूचित करना चाहती हूं कि आज शाम को मैंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख श्री मोहन भागवत को भारत का राष्ट्र ध्वज तिरंगा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सच्चे इतिहास से जुड़ी एक पुस्तक भेंट करने का संकल्प किया है. लेकिन अभी से मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में मेरे कक्ष में पुलिस की तैनाती कर दी गई है.
पुलिस तैनात करने पर खड़े किए सवाल: कार्यालय के बाहर भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. मुझे अपने कक्ष से निकलने नहीं दिया जा रहा है. मैं मध्य प्रदेश की जनता से पूछना चाहती हूं कि, क्या देश की आजादी की जयंती के अवसर पर संविधान को मानने वाली एक नागरिक को इस तरह से पुलिस के पहरे में रखना संविधान के अनुकूल है. क्या आजाद भारत में देश का राष्ट्र ध्वज तिरंगा किसी को भेंट करना अपराध है. आजाद भारत में स्वतंत्रता दिवस के पहले आम जनता की आजादी पर पुलिस का पहरा बैठाना क्या सच्ची आजादी है. लेकिन मैं डरूंगी नहीं और राष्ट्रध्वज तिरंगा सम्मान पूर्वक भेंट करके ही रहूंगी. मैं आजादी की दूसरी लड़ाई के लिए तैयार हूं.