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माता पिता और मातृभूमि को याद रखते हुए जीवन में करें उन्नति, Bhoj Open University Convocation में बोले राज्यपाल मंगुभाई पटेल - राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020

Bhoj Open University Convocation को दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य प्रदेश के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के उन जनजाति तथा पिछड़े अंचलों में पत्राचार के माध्यम से शिक्षा पहुंचाने एवं शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध करवाना है, जो किन्हीं कारणों से नियमित रूप से उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं.

Bhoj Open University Convocation
भोज मुक्त विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह
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Published : Aug 10, 2022, 9:49 PM IST

भोपाल। राज्यपाल एवं कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने विद्यार्थियों से आह्वान किया है कि माता-पिता एवं मातृभूमि को सदैव याद रखें. आज जो प्रतिज्ञा एवं संकल्प लिए हैं, उन्हें हमेशा अपने जीवन में याद रखें और अमल में लायें. राज्यपाल भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के षष्टम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे.

शिक्षित होना पर्याप्त नहीं है, सुशिक्षित आचरण जरूरी है: राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि - "दीक्षांत समारोह शिक्षण काल की पूर्णता और सेवा काल का आरंभ है. शिक्षा हमारी आत्मा है, शिक्षा हमें सुसंस्कृत करती है." उन्होंने कहा कि जीवन में जहा भी रहें अपने सामर्थ्य के अनुसार हमेशा वंचित लोगों का सहयोग करें और बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करें. शिक्षा ही ऐसा मार्ग है, जिससे हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है. राज्यपाल कहा कि मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य प्रदेश के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के उन जनजाति तथा पिछड़े अंचलों में पत्राचार के माध्यम से शिक्षा पहुंचाने एवं शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध करवाना है, जो किन्हीं कारणों से नियमित रूप से उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी भावी जीवन में सफलताओं के साथ अपने कर्त्तव्यों के प्रति भी सजग रहें. शिक्षित होना पर्याप्त नहीं है, सुशिक्षित आचरण जरूरी है.

भोज मुक्त विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह
भोज मुक्त विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह

केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2022 लोकसभा में पारित

राज्यपाल कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि भोज विश्वविद्यालय ने वंचित वर्गों के कल्याण के लिए धरमपुरी के 5 गांवों में सिकल सेल के लिए काम किया जा रहा है. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वह समूह बना कर अपने गांव में वंचित वर्गों के लिए सिकल सेल कैम्प लगाने के लिए सहयोग करें.

शिक्षा और दीक्षा दीक्षांत से ही पूर्ण होती: उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शिक्षा और दीक्षा दीक्षांत से ही पूर्ण होती है. यह विश्वविद्यालय दूरस्थ अंचल में बैठे शिक्षा के आकांक्षी विद्यार्थियों को अवसर देकर महती जिम्मेदारी निभा रहा है. राज्य शासन ने प्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालयों में भोज विश्वविद्यालय के अध्ययन केन्द्र खोले हैं. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय की डिग्री की महत्ता किसी से कम नहीं है. मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि श्रीरामचरितमानस पर पाठ्यक्रम प्रारंभ कर भोज विश्वविद्यालय ने देश में अपना स्थान बनाया है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 कौशल विकसित करेगी: राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वी. विजय कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के समसामयिक महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि रोजगार और व्यवसाय के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से यह नीति लाई गई है. इसमें बहुसंकायी पाठ्यक्रमों की व्यवस्था है. साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा व्यवस्था को रिस्ट्रक्चर किया गया है. इससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा. परंपरागत शिक्षा व्यवस्था के साथ व्यवसायिक शिक्षा पर भी इसमें फोकस किया गया है.(National Education Policy 2020 )

'आपकी शिक्षा-आपके द्वार' : भोज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जयंत सोनवलकर ने कहा कि भोज विश्वविद्यालय निरंतर 'आपकी शिक्षा-आपके द्वार' सिद्धांत पर अमल करते हुए छात्रों को सुगम एवं सहज शिक्षा प्रदान करने को संकल्पित है. उन्होंने कहा कि भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय द्वारा दूरस्थ अंचलों में निवासरत छात्रों को सहज एवं सुगम शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से स्नातक स्तर के लगभग 206 व्याख्यानों को दूरदर्शन के माध्यम से प्रसारित कराया गया, जिन्हें यू-ट्यूब क्लासरूम, डी.डी.एम.पी. पर भी देखा जा सकता है.

इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी संकाय के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की. साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय की स्मारिका का भी विमोचन किया. (Bhoj Open University Convocation)(Governor Mangu Bhai Patel)

भोपाल। राज्यपाल एवं कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने विद्यार्थियों से आह्वान किया है कि माता-पिता एवं मातृभूमि को सदैव याद रखें. आज जो प्रतिज्ञा एवं संकल्प लिए हैं, उन्हें हमेशा अपने जीवन में याद रखें और अमल में लायें. राज्यपाल भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के षष्टम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे.

शिक्षित होना पर्याप्त नहीं है, सुशिक्षित आचरण जरूरी है: राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि - "दीक्षांत समारोह शिक्षण काल की पूर्णता और सेवा काल का आरंभ है. शिक्षा हमारी आत्मा है, शिक्षा हमें सुसंस्कृत करती है." उन्होंने कहा कि जीवन में जहा भी रहें अपने सामर्थ्य के अनुसार हमेशा वंचित लोगों का सहयोग करें और बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करें. शिक्षा ही ऐसा मार्ग है, जिससे हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है. राज्यपाल कहा कि मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य प्रदेश के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के उन जनजाति तथा पिछड़े अंचलों में पत्राचार के माध्यम से शिक्षा पहुंचाने एवं शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध करवाना है, जो किन्हीं कारणों से नियमित रूप से उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी भावी जीवन में सफलताओं के साथ अपने कर्त्तव्यों के प्रति भी सजग रहें. शिक्षित होना पर्याप्त नहीं है, सुशिक्षित आचरण जरूरी है.

भोज मुक्त विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह
भोज मुक्त विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह

केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2022 लोकसभा में पारित

राज्यपाल कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि भोज विश्वविद्यालय ने वंचित वर्गों के कल्याण के लिए धरमपुरी के 5 गांवों में सिकल सेल के लिए काम किया जा रहा है. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वह समूह बना कर अपने गांव में वंचित वर्गों के लिए सिकल सेल कैम्प लगाने के लिए सहयोग करें.

शिक्षा और दीक्षा दीक्षांत से ही पूर्ण होती: उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शिक्षा और दीक्षा दीक्षांत से ही पूर्ण होती है. यह विश्वविद्यालय दूरस्थ अंचल में बैठे शिक्षा के आकांक्षी विद्यार्थियों को अवसर देकर महती जिम्मेदारी निभा रहा है. राज्य शासन ने प्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालयों में भोज विश्वविद्यालय के अध्ययन केन्द्र खोले हैं. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय की डिग्री की महत्ता किसी से कम नहीं है. मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि श्रीरामचरितमानस पर पाठ्यक्रम प्रारंभ कर भोज विश्वविद्यालय ने देश में अपना स्थान बनाया है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 कौशल विकसित करेगी: राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वी. विजय कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के समसामयिक महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि रोजगार और व्यवसाय के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से यह नीति लाई गई है. इसमें बहुसंकायी पाठ्यक्रमों की व्यवस्था है. साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा व्यवस्था को रिस्ट्रक्चर किया गया है. इससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा. परंपरागत शिक्षा व्यवस्था के साथ व्यवसायिक शिक्षा पर भी इसमें फोकस किया गया है.(National Education Policy 2020 )

'आपकी शिक्षा-आपके द्वार' : भोज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जयंत सोनवलकर ने कहा कि भोज विश्वविद्यालय निरंतर 'आपकी शिक्षा-आपके द्वार' सिद्धांत पर अमल करते हुए छात्रों को सुगम एवं सहज शिक्षा प्रदान करने को संकल्पित है. उन्होंने कहा कि भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय द्वारा दूरस्थ अंचलों में निवासरत छात्रों को सहज एवं सुगम शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से स्नातक स्तर के लगभग 206 व्याख्यानों को दूरदर्शन के माध्यम से प्रसारित कराया गया, जिन्हें यू-ट्यूब क्लासरूम, डी.डी.एम.पी. पर भी देखा जा सकता है.

इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी संकाय के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की. साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय की स्मारिका का भी विमोचन किया. (Bhoj Open University Convocation)(Governor Mangu Bhai Patel)

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