भोपाल: सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के दलितों को लेकर दिए गए विवादित बयान पर बवाल मचा हुआ. पूर्व आईएएस रमेश थेटे ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को दलित विरोधी बताते हुए आलोचना की और एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की.
एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हो
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर हमला बोलते हुए रमेश थेटे ने कहा साध्वी का मतलब होता है साधना लोगों का प्यार साधना लोगों की शक्ति को साधना और न्याय प्रक्रिया को साधना. भोपाल सांसद के नाते प्रज्ञा ठाकुर काम कानून बनाना है लेकिन साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया है, जो कानूनी अपराध है. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर बीजेपी को कार्रवाई करनी चाहिए, केस दर्ज होना चाहिए. अगर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर केस दर्ज नहीं होता है तो समाज की बैठक ली जाएगी और आगे की रणनीति बनाई जाएगी.
2024 में बीजेपी आई तो संविधान खत्म
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा साध्वी प्रज्ञा जैसी घटिया व्यक्ति को प्रधानमंत्री मोदी ने चुनादलितों को अपमान पर पीएम आज चुप क्यों हैं, प्रज्ञा ठाकुर के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे दलित समाज के विधायक सांसद भी चुप हैं चाहे वो किसी भी पार्टी के हो. बाबा साहब ने कहा था कि चुनकर आने के बाद आप चुप रहोगे तो गुलाम बनोगे. साथ ही रमेश थेटे ने कहा अगर 2020 में बीजेपी आती है तो संविधान को खतरा है.
क्या बोली थी भोपाल सांसद
भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने सीहोर में एक कार्यक्रम में कहा था कि ब्राह्मण को ब्राह्मण कहने में ठाकुर को ठाकुर सुनने में बुरा नहीं लगता लेकिन शूद्र को शूद्र कहने में बुरा लगता है अब शुद्र को शुद्र नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे. इसी बयान पर भोपाल सांसद चौतरफा घिरी हुई नजर आ रही हैं.