भोपाल। राज्य ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण (MPRRDA) की कार्यकारिणी की 24वीं बैठक मंत्रालय में की गई. इस बैठक में प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल भी उपस्थित रहे. बैठक के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों की खराब हो रही सड़कों को लेकर चिंता जाहिर की गई. साथ ही प्राथमिकता के आधार पर इन सभी सड़कों को जल्द से जल्द सुधारे जाने के निर्देश मंत्री कमलेश्वर पटेल ने दिए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के लिए भी अधिकारियों को कहा गया है.
बैठक के दौरान मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों का प्राथमिकता से संधारण कराया जाए, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गारंटी पीरियड की सड़कों का संधारण संबंधित ठेकेदार से ही कराया जाए.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि ग्रामीण क्षेत्रों तक विकास की योजनाएं सही ढंग से पहुंच सकें. ग्रामीणों को नजदीकी शहरों में जाने-आने के लिए किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास में सड़कों का सर्वाधिक योगदान होता है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण सड़कों के निर्माण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क का गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय टीम भी गठित की जाएगी, जो लगातार इन सड़कों पर किए जा रहे काम का मूल्यांकन करेगी और गड़बड़ी पाए जाने पर सरकार को अवगत भी कराएगी.
MPRRDA के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उमाकांत उमराव ने बैठक में बताया कि प्राधिकरण द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पहले और दूसरे चरण में बनाई गई 84 हजार 936 किलोमीटर सड़कों का संधारण किया जा रहा है. मंडी निधि से 250 आबादी तक वाले गांवों को जोड़ा जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस योजना में 250 करोड़ की लागत से 380 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा किया गया है. इससे 281 गांवों को लाभ मिला है.
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में पूर्व में बनाई गई 10 हजार किलोमीटर कच्ची सड़कों में से 6 हजार 707 किलोमीटर सड़कों का डामरीकरण किया गया है. वर्तमान में 428 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के डामरीकरण का कार्य प्रगति पर है.