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अशोकनगर: जल संकट गहराया, बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं लोग

बढ़ती गर्मी के चलते पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं. प्रदेश के कई हिस्सों में जल संकट गहरा रहा है. जहां एक ओर अशोकनगर के लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं, तो वहीं सीधी में वन्य प्राणी सूखे के चलते परेशान हो रहे हैं.

जल संकट गहराया
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Published : May 14, 2019, 12:36 PM IST

अशोकनगर। जिले की शंकर कॉलोनी में जल संकट गहरा गया है. कॉलोनी के लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बस्ती में तकरीबन 500 मकान बने हुए हैं. यहां लगभग 8 से 10 शासकीय हैंडपंप भी हैं, जो मार्च माह में ही दम तोड़ चुके हैं.

जल संकट गहराया

नगर के वार्ड नंबर 7 शंकर कॉलोनी में जल संकट गहराने लगा है. इस बार नगर पालिका के टैंकरों पर भी प्रशासन ने बैन लगा दिया है. पानी की समस्या को देखते हुए नगर पालिका ने बोरवेल की व्यवस्था की है. ऐसे में सैकड़ों लोगों को पीने के पानी के लिए केवल एक बोरवेल पर निर्भर होना पड़ रहा है.

वार्ड नंबर 7 में 6 नल लगाए गए हैं, सुबह और शाम दो-दो घंटे लोगों यहां से पानी भर सकते है. वार्ड 6 नहर कॉलोनी के लगभग 100 परिवार को इसी बोरवेल से पीने के लिए पानी मिल रहा है. लोग एक साइकिल पर 10 से 12 पानी के बर्तन भर कर घर ले जाते हैं.

वार्ड की पार्षद कृष्णा संजय जाटव ने बताया कि पानी को लेकर वार्ड में अक्सर लोगों के बीच विवाद होते रहते थे. जिसके कारण नगर पालिका ने इस मोहल्ले में बोरवेल स्वीकृत कराया था. इसके अलावा जो हैंडपंप बंद पड़े हैं, उन्हें सुधारने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.

गर्मी से वन्य प्राणियों के भी हाल बेहाल
सीधी में गर्मी का मौसम शुरु होने के बाद से ही वन्य प्राणियों को अपनी प्यास बुझाने के लिए भटकना पड़ रहा है. जबकि शासन द्वारा विभाग को लाखों रुपए का आवंटन मिलता है. वहीं वन विभाग का दावा है कि विभाग द्वारा जंगली जानवरों की प्यास बुझाने के लिए जरुरी इंतजाम किए जाते हैं.

जल संकट गहराया

वन्य प्राणी प्रेमियों का कहना है कि यूं तो सरकार हर साल लाखों रुपया वन विभाग को जारी करती है, लेकिन वन विभाग कागजों में पानी की सूची बनाकर अपने दायित्व खत्म कर देते हैं.

डीएफओ बिजेंद्र झा का कहना है कि कई बार जंगली जानवरों को पानी की तलाश में अपनी जान गंवानी पड़ती है, तो कई बार जानवर शहरी क्षेत्र में दाखिल हो जाते हैं. वन्य प्राणी को लेकर पानी के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.

अशोकनगर। जिले की शंकर कॉलोनी में जल संकट गहरा गया है. कॉलोनी के लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बस्ती में तकरीबन 500 मकान बने हुए हैं. यहां लगभग 8 से 10 शासकीय हैंडपंप भी हैं, जो मार्च माह में ही दम तोड़ चुके हैं.

जल संकट गहराया

नगर के वार्ड नंबर 7 शंकर कॉलोनी में जल संकट गहराने लगा है. इस बार नगर पालिका के टैंकरों पर भी प्रशासन ने बैन लगा दिया है. पानी की समस्या को देखते हुए नगर पालिका ने बोरवेल की व्यवस्था की है. ऐसे में सैकड़ों लोगों को पीने के पानी के लिए केवल एक बोरवेल पर निर्भर होना पड़ रहा है.

वार्ड नंबर 7 में 6 नल लगाए गए हैं, सुबह और शाम दो-दो घंटे लोगों यहां से पानी भर सकते है. वार्ड 6 नहर कॉलोनी के लगभग 100 परिवार को इसी बोरवेल से पीने के लिए पानी मिल रहा है. लोग एक साइकिल पर 10 से 12 पानी के बर्तन भर कर घर ले जाते हैं.

वार्ड की पार्षद कृष्णा संजय जाटव ने बताया कि पानी को लेकर वार्ड में अक्सर लोगों के बीच विवाद होते रहते थे. जिसके कारण नगर पालिका ने इस मोहल्ले में बोरवेल स्वीकृत कराया था. इसके अलावा जो हैंडपंप बंद पड़े हैं, उन्हें सुधारने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.

गर्मी से वन्य प्राणियों के भी हाल बेहाल
सीधी में गर्मी का मौसम शुरु होने के बाद से ही वन्य प्राणियों को अपनी प्यास बुझाने के लिए भटकना पड़ रहा है. जबकि शासन द्वारा विभाग को लाखों रुपए का आवंटन मिलता है. वहीं वन विभाग का दावा है कि विभाग द्वारा जंगली जानवरों की प्यास बुझाने के लिए जरुरी इंतजाम किए जाते हैं.

जल संकट गहराया

वन्य प्राणी प्रेमियों का कहना है कि यूं तो सरकार हर साल लाखों रुपया वन विभाग को जारी करती है, लेकिन वन विभाग कागजों में पानी की सूची बनाकर अपने दायित्व खत्म कर देते हैं.

डीएफओ बिजेंद्र झा का कहना है कि कई बार जंगली जानवरों को पानी की तलाश में अपनी जान गंवानी पड़ती है, तो कई बार जानवर शहरी क्षेत्र में दाखिल हो जाते हैं. वन्य प्राणी को लेकर पानी के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.

Intro:अशोकनगर। शहर का सबसे गरीब बस्ती शंकर कॉलोनी, इस कॉलोनी में जबरदस्त जल संकट गहरा गया है.अब इस कॉलोनी के लोगों को पानी की विकराल समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इस बस्ती में लगभग 500 मकान बने हुए हैं. और लगभग 8 से 10 शासकीय हैंड पंप लगे है,जो मार्च माह में ही दम तोड़ चुके हैं.इस बार नगर पालिका के टेंकरो पर भी प्रशासन ने प्रतिबंद लगा दिया है.ऐसे में मोहल्लेबासियो को पीने के पानी के लिए घंटो 1बोर के पास,खड़े कोकर इंतजार करना पड़ रहा है.


Body:नगर के वार्ड नंबर 7 शंकर कॉलोनी में जल संकट गहराने लगा है. पानी की समस्या को देखते हुए नगर पालिका ने यहां बोर कराया था. जिसमें 6 टोटिया लगाई गई हैं इन टोटियो से सुबह और शाम दो दो घंटे लोगों को पानी भराया जाता है. जहां शंकर कॉलोनी के करीब 400 परिवार और वार्ड 6 नहर कॉलोनी के लगभग 100 परिवार को इसी बोर से पीने के लिए पानी मिल रहा है. वही सुबह 7से 9एवं शाम को 4 से 6 बजे तक मोहल्ले के लोग इस बोर से पानी भरते हैं.
कॉलोनी में जल संकट ऐसा बड़ा कि दिव्यांग और बच्चे सभी पानी के लिए परेशान होते दिखाई देने लगे. कॉलोनी में जल संकट के हालात ऐसे हैं कि लोग एक साइकिल पर 10 से 12 पानी के बर्तन भर कर घर ले जाते हैं.
वही जब इस संबंध में वार्ड के पार्षद कृष्णा संजय जाटव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पानी को लेकर इस वार्ड में अक्सर लोगों के बीच विवाद होते रहते थे. जिसके कारण नगर पालिका ने इस मोहल्ले में बोर स्वीकृत कराया था. जिस के अलावा जो हैंडपंप बंद पड़े हैं उन्हें सुधारने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.


Conclusion:बोर से पानी भर कर ले जा रहा रवि अहिरवार दोनों पैरों से दिव्यांग है वह अपनी साइकिल पर हर दिन पानी के बर्तन भर कर ले जाता है उसका कहना है कि पैर नहीं है तो क्या हुआ मेरा परिवार तो है पानी खर्च होता है तो पानी भरकर लाना मेरी भी जिम्मेदारी है इसी तरह साथ 8 साल की बेटियां एवं बच्चियां सिर पर पानी भर कर लाते दिखाई देती हैं वही इस संबंध में रवि एवं संजीव यादव ने बताया कि इस बार में पानी की बहुत समस्या है जबकि 2 घंटे 16 और 2 घंटे शाम को बोर से मोहल्ले के लोग पानी भरते हैं लेकिन फिर भी वार्ड के लोगों के घरों में पानी की पूर्ति नहीं हो पाती और कई लोगों को और बंद होने पर खाली बर्तन लेकर जाना पड़ता है नगर पालिका द्वारा अगर टैंकर चलाए जा रहे होते तो एक हद तक परेशानी कम हो जाती
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