अशोकनगर। जिले की शंकर कॉलोनी में जल संकट गहरा गया है. कॉलोनी के लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बस्ती में तकरीबन 500 मकान बने हुए हैं. यहां लगभग 8 से 10 शासकीय हैंडपंप भी हैं, जो मार्च माह में ही दम तोड़ चुके हैं.
नगर के वार्ड नंबर 7 शंकर कॉलोनी में जल संकट गहराने लगा है. इस बार नगर पालिका के टैंकरों पर भी प्रशासन ने बैन लगा दिया है. पानी की समस्या को देखते हुए नगर पालिका ने बोरवेल की व्यवस्था की है. ऐसे में सैकड़ों लोगों को पीने के पानी के लिए केवल एक बोरवेल पर निर्भर होना पड़ रहा है.
वार्ड नंबर 7 में 6 नल लगाए गए हैं, सुबह और शाम दो-दो घंटे लोगों यहां से पानी भर सकते है. वार्ड 6 नहर कॉलोनी के लगभग 100 परिवार को इसी बोरवेल से पीने के लिए पानी मिल रहा है. लोग एक साइकिल पर 10 से 12 पानी के बर्तन भर कर घर ले जाते हैं.
वार्ड की पार्षद कृष्णा संजय जाटव ने बताया कि पानी को लेकर वार्ड में अक्सर लोगों के बीच विवाद होते रहते थे. जिसके कारण नगर पालिका ने इस मोहल्ले में बोरवेल स्वीकृत कराया था. इसके अलावा जो हैंडपंप बंद पड़े हैं, उन्हें सुधारने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.
गर्मी से वन्य प्राणियों के भी हाल बेहाल
सीधी में गर्मी का मौसम शुरु होने के बाद से ही वन्य प्राणियों को अपनी प्यास बुझाने के लिए भटकना पड़ रहा है. जबकि शासन द्वारा विभाग को लाखों रुपए का आवंटन मिलता है. वहीं वन विभाग का दावा है कि विभाग द्वारा जंगली जानवरों की प्यास बुझाने के लिए जरुरी इंतजाम किए जाते हैं.
वन्य प्राणी प्रेमियों का कहना है कि यूं तो सरकार हर साल लाखों रुपया वन विभाग को जारी करती है, लेकिन वन विभाग कागजों में पानी की सूची बनाकर अपने दायित्व खत्म कर देते हैं.
डीएफओ बिजेंद्र झा का कहना है कि कई बार जंगली जानवरों को पानी की तलाश में अपनी जान गंवानी पड़ती है, तो कई बार जानवर शहरी क्षेत्र में दाखिल हो जाते हैं. वन्य प्राणी को लेकर पानी के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.