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खराब सड़क के कारण चढ़ाई नहीं चढ़ पाया ट्रैक्टर, ग्रामीणों ने खुद खींचकर पहुंचाया ट्रांसफार्मर

अलीराजपुर जिले के वाग्दी ग्राम पंचायत में सड़क ना होने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आलम यह है कि बिजली की समस्याओं के समाधान के लिए लाया गए ट्रांसफॉर्मर को उचित स्थान तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को खुद वाहन खींचना पड़ा.

Villagers pulled transformers themselves
ग्रामीणों ने खुद खींचकर पहुंचाया ट्रांसफार्मर
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Published : Sep 8, 2020, 7:12 PM IST

अलीराजपुर। जिले के वाग्दी गांव के निवासी सड़क ना होने के चलते रोजाना परेशानियां झेल रहे हैं. वहीं गांव में बिजली की समस्या से छुटकारा पाने के लिए ग्रामीण जब ट्रांसफॉर्मर लेकर गांव में पहुंचे, तो उसे ठिकाने तक पहुंचाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. गांव में बहने वाली टोकरा नदी पर पुल तथा सड़क मार्ग नहीं होने से यह परेशानी आम हो चली है. कुकरा नदी के किनारे के सड़क मार्ग की चढ़ाई इतनी है कि ट्रैक्टर भी स्वयं को असमर्थ महसूस करता है तथा सामान से लदी ट्रॉली को फलिया में पहुंचाने के लिए तीन-तीन ट्रैक्टर लगाकर खींचना पड़ता है.

इन समस्याओं को लेकर ग्राम पंचायत ने कई बार जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित किया लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. सोमवार को ग्राम वाग्दी के माफी दार फलिया में विद्युत विभाग का ट्रांसफॉर्मर शिफ्ट करना था, इसे ग्रामवासी ग्राम की सीमा तक तो लेकर आ गए, किंतु जैसे ही उसे निर्धारित स्थान पर पहुंचाने का वक्त आया, तो लगभग 15 ग्रामीणों को बैलों की भांति खींचना पड़ा और काफी मशक्कत के बाद उसे ठिकाने पर पहुंचाया.

उल्लेखनीय है कि साल 2018 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा जोबट क्षेत्र से भी गुजरी थी. तब ग्रामीणों ने उन्हें सड़क के साथ टोकरा नदी पर पुल बनाने व सड़क बनाने संबंधी ज्ञापन दिया था. ज्ञापन के परिपेक्ष्य में तत्कालीन कलेक्टर शेखर वर्मा ने लोक निर्माण विभाग को तुरंत मौके पर भेजा तथा वस्तुस्थिति की रिपोर्ट तलब की. रिपोर्ट प्राप्त होते ही उन्होंने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को सड़क पुल निर्माण का प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश दिए. इसी बीच जोबट से डाबड़ी व्हाया नेहतडा मार्ग स्वीकृत हुआ तथा ग्राम नेहतडा मे बनने वाली पुलिया भी इसी मार्ग के प्राक्कलन में शामिल की गई.

जबकि नेहतडा के लिए पहले ही एक पुलिया स्वीकृत हुई थी, जो इस मार्ग के स्वीकृत होने के बाद नहीं बनी. तब तत्कालीन कलेक्टर व लोक निर्माण विभाग ने प्रयास किया कि यह पुलिया का स्थान परिवर्तित हो जाए, किंतु नहीं हो पाया. ग्रामीण सेवा यांत्रिकी विभाग ने प्राक्कलन बनाकर जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को भेज भी दिया, किंतु तकनीकी कारणों से निराकरण नहीं हुआ. ग्रामवासी और पंचायत अभी भी ग्राम की एकमात्र समस्या को हल करने के लिए प्रयासरत हैं, किंतु कहीं से भी उन्हें सकारात्मक परिणाम दिखाई नहीं दे रहे हैं.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
ग्राम पंचायत के युवा सरपंच बीरबल डोडवे का कहना है कि वे अपनी इस मांग को पूरा करने के लिए शासन जो भी चाहे वह त्याग करने को तैयार हैं. वहीं लोक निर्माण विभाग के एसडीओ विजय पटेल का कहना है कि हमने कलेक्टर के आदेश पर वस्तु स्थिति से अवगत कराकर जांच प्रतिवेदन भेज दिया था. फिलहाल लोक निर्माण विभाग इस तरह की कोई भी पुलिया या सड़क का निर्माण नहीं करती है. इसके लिए ग्राम वासियों को प्रधानमंत्री सड़क या अन्य शासकीय विभाग जो ग्रामों में इस प्रकार के कार्य करते हैं, वे ही इसे पूर्ण कर सकते हैं.

अलीराजपुर। जिले के वाग्दी गांव के निवासी सड़क ना होने के चलते रोजाना परेशानियां झेल रहे हैं. वहीं गांव में बिजली की समस्या से छुटकारा पाने के लिए ग्रामीण जब ट्रांसफॉर्मर लेकर गांव में पहुंचे, तो उसे ठिकाने तक पहुंचाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. गांव में बहने वाली टोकरा नदी पर पुल तथा सड़क मार्ग नहीं होने से यह परेशानी आम हो चली है. कुकरा नदी के किनारे के सड़क मार्ग की चढ़ाई इतनी है कि ट्रैक्टर भी स्वयं को असमर्थ महसूस करता है तथा सामान से लदी ट्रॉली को फलिया में पहुंचाने के लिए तीन-तीन ट्रैक्टर लगाकर खींचना पड़ता है.

इन समस्याओं को लेकर ग्राम पंचायत ने कई बार जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित किया लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. सोमवार को ग्राम वाग्दी के माफी दार फलिया में विद्युत विभाग का ट्रांसफॉर्मर शिफ्ट करना था, इसे ग्रामवासी ग्राम की सीमा तक तो लेकर आ गए, किंतु जैसे ही उसे निर्धारित स्थान पर पहुंचाने का वक्त आया, तो लगभग 15 ग्रामीणों को बैलों की भांति खींचना पड़ा और काफी मशक्कत के बाद उसे ठिकाने पर पहुंचाया.

उल्लेखनीय है कि साल 2018 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा जोबट क्षेत्र से भी गुजरी थी. तब ग्रामीणों ने उन्हें सड़क के साथ टोकरा नदी पर पुल बनाने व सड़क बनाने संबंधी ज्ञापन दिया था. ज्ञापन के परिपेक्ष्य में तत्कालीन कलेक्टर शेखर वर्मा ने लोक निर्माण विभाग को तुरंत मौके पर भेजा तथा वस्तुस्थिति की रिपोर्ट तलब की. रिपोर्ट प्राप्त होते ही उन्होंने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को सड़क पुल निर्माण का प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश दिए. इसी बीच जोबट से डाबड़ी व्हाया नेहतडा मार्ग स्वीकृत हुआ तथा ग्राम नेहतडा मे बनने वाली पुलिया भी इसी मार्ग के प्राक्कलन में शामिल की गई.

जबकि नेहतडा के लिए पहले ही एक पुलिया स्वीकृत हुई थी, जो इस मार्ग के स्वीकृत होने के बाद नहीं बनी. तब तत्कालीन कलेक्टर व लोक निर्माण विभाग ने प्रयास किया कि यह पुलिया का स्थान परिवर्तित हो जाए, किंतु नहीं हो पाया. ग्रामीण सेवा यांत्रिकी विभाग ने प्राक्कलन बनाकर जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को भेज भी दिया, किंतु तकनीकी कारणों से निराकरण नहीं हुआ. ग्रामवासी और पंचायत अभी भी ग्राम की एकमात्र समस्या को हल करने के लिए प्रयासरत हैं, किंतु कहीं से भी उन्हें सकारात्मक परिणाम दिखाई नहीं दे रहे हैं.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
ग्राम पंचायत के युवा सरपंच बीरबल डोडवे का कहना है कि वे अपनी इस मांग को पूरा करने के लिए शासन जो भी चाहे वह त्याग करने को तैयार हैं. वहीं लोक निर्माण विभाग के एसडीओ विजय पटेल का कहना है कि हमने कलेक्टर के आदेश पर वस्तु स्थिति से अवगत कराकर जांच प्रतिवेदन भेज दिया था. फिलहाल लोक निर्माण विभाग इस तरह की कोई भी पुलिया या सड़क का निर्माण नहीं करती है. इसके लिए ग्राम वासियों को प्रधानमंत्री सड़क या अन्य शासकीय विभाग जो ग्रामों में इस प्रकार के कार्य करते हैं, वे ही इसे पूर्ण कर सकते हैं.

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