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पानी की समस्या से परेशान ग्रामीण, "नहर नहीं तो वोट नहीं " के लगाए नारे - election boycott

पानी की समस्या से परेशान छिरवेल गांव के लोग कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने "नहर नहीं तो वोट नहीं " के नारे लगाते हुए गांव को मुख्य नहर से जोड़ने की मांग की है.

पानी की समस्या
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Published : May 17, 2019, 12:35 PM IST

खंडवा। जिले के छिरवेल गांव के लोग सिंचाई के लिए पानी की कमी से परेशान होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. ग्रामीणों ने कलेक्टर ऑफिस के सामने "नहर नहीं तो वोट नहीं " के नारे भी लगाए. ग्रामीणों की मांग है कि उनके गांव को मुख्य नहर से जोड़ा जाए.

पानी की समस्या


गौरतलब है कि जिले के छैगांवमाखन ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले 60-65 गांवों में सिंचाई और पेयजल की समस्या सालों से लागातर बनी हुई है. यह समस्या गर्मी में और विकराल रूप ले लेती है, जिसके लिए साल 2017 में छैगांवमाखन उद्वहन सिंचाई योजना की शुरुआत की गई. योजना में ब्लॉक के लगभग सभी गांवों तक अंडरग्राउंड पाइप के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था. फिलहाल इस योजना का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन अभी इसे पूरा होने में लगभग एक साल से अधिक का वक्त लग जाएगा.


वहीं छिरवेल ग्राम के लोगों का कहना है कि इस नहर की योजना में उनके गांव को शामिल नहीं किया गया है, जबकि उनके गांव के आसपास 2 किलोमीटर दूर के गांवों तक इसकी पाइप लाइन डाली जा रही है. साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने सांसद से कई बार शिकायत भी की, लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.

खंडवा। जिले के छिरवेल गांव के लोग सिंचाई के लिए पानी की कमी से परेशान होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. ग्रामीणों ने कलेक्टर ऑफिस के सामने "नहर नहीं तो वोट नहीं " के नारे भी लगाए. ग्रामीणों की मांग है कि उनके गांव को मुख्य नहर से जोड़ा जाए.

पानी की समस्या


गौरतलब है कि जिले के छैगांवमाखन ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले 60-65 गांवों में सिंचाई और पेयजल की समस्या सालों से लागातर बनी हुई है. यह समस्या गर्मी में और विकराल रूप ले लेती है, जिसके लिए साल 2017 में छैगांवमाखन उद्वहन सिंचाई योजना की शुरुआत की गई. योजना में ब्लॉक के लगभग सभी गांवों तक अंडरग्राउंड पाइप के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था. फिलहाल इस योजना का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन अभी इसे पूरा होने में लगभग एक साल से अधिक का वक्त लग जाएगा.


वहीं छिरवेल ग्राम के लोगों का कहना है कि इस नहर की योजना में उनके गांव को शामिल नहीं किया गया है, जबकि उनके गांव के आसपास 2 किलोमीटर दूर के गांवों तक इसकी पाइप लाइन डाली जा रही है. साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने सांसद से कई बार शिकायत भी की, लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.

Intro:खंडवा - खंडवा के छिरवेल गाँव के लोग आज कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. यहां वे "नहर नही तो वोट नहीं" नारेबाजी करते हुए पहुंचे. दरअसल इनका गाँव छैगांवमाखन उद्वहन सिंचाई योजना में शामिल नहीं हैं और इस योजना के तहत मिलने वाली सिंचाई का लाभ इन्हें नही मिल पाएगा. इसलिए इनका कहना हैं कि इनके गांव को भी मुख्य नहर से जोड़ा जाए. नही तो पूरे गांव के साथ साथ 2 और गाँव के लोग भी 19 मई के मतदान का बहिष्कार करेंगे.


Body:ग़ौरतलब हैं जिले के छैगांवमाखन ब्लाक के अंतर्गत आने 60-65 गाँवो में सिंचाई और पेयजल की समस्या सालों से लागातर बनी हुई हैं और यह समस्या गर्मी में और विकराल रूप ले लेती
हैं. यहां गर्मी के सीजन में पेयजल का भीषण संकट खड़ा हो जाता हैं. जिसके लिए साल 2017 में छैगांवमाखन उद्वहन सिंचाई योजना की शुरुआत की गई जिसमें ब्लाक के लगभग सभी गाँवो तक अंडरग्राउंड पाईप के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया. फिलहाल इस योजना का काम तेजी से चल रहा हैं लेकिन अभी इसे पूरा होने में लगभग एक से अधिक का वक्त लग जाएगा. वहीं छिरवेल ग्राम के लोगों का कहना इस नहर की योजना में उनके गाँव को शामिल नही किया गया जबकि उनके गाँव के आसपास 2 किलोमीटर दूर के गाँवो इसकी पाईप लाईन डाली जा रही हैं. लेकिन से हमारे 4-5 गाँवो को इससे नही जोड़ा जा रहा हैं.


Conclusion:साथ ही ग्रामीणों का कहना हैं हमनें सांसद से कई बार कहा प्रशासन को कहा कि हमारे गाँव 2 किलोमीटर नजदीक से नहर की लाईन गुजर रही हैं इसका लाभ हमारे गाँव के किसानों को भी मिलना चाहिए लेकिन अभी तक किसी ने इस ओर प्रशासन के द्वारा कोई ध्यान नही दिया. या उन्हें कोई लिखित आश्वासन नही दिया गया तो 4 गाँव के लोग मतदान में शामिल नही होंगे.

byte - परशुराम मीणा उपसरपंच ग्राम छिरवेल
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