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दिव्यांगों के लिए लाई गई ट्राई साइकिलें हो रही 'अपाहिज', वीरेंद्र खटीक पर लापरवाही का आरोप

बीजेपी सांसद वीरेंद्र खटीक द्वारा दिव्यांगजनों को वितरित करने के लिए लाई गई ट्राई साइकिलें नगरपालिका के कचरा संस्करण केंद्र में धूल फांक रही हैं, जिसे लेकर अब कई सवाल उठ रहे हैं.

गई ट्राई साइकिलें हो रही 'अपाहिज'
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Published : Apr 9, 2019, 1:14 PM IST

छतरपुर। टीकमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र खटीक अपनी निष्क्रियता और अपने ही नेताओं द्वारा विरोध के चलते चर्चाओं में हैं. ऐसे में दिव्यांगों के लिए लाई गई ट्राई साइकिलें वीरेंद्र खटीक की मुश्किलें बढ़ा रही हैं. दरअसल 200 से 250 ट्राई साइकिलें नगर पालिका छतरपुर के कचरा संस्करण केंद्र में जंग खा रही हैं.

गई ट्राई साइकिलें हो रही 'अपाहिज'


बता दें कि इन ट्राई साइकिलों को दिव्यांगजनों को वितरित करने के लिए लाया गया था, लेकिन किसी कारणवश सांसद वीरेंद्र खटीक इन्हें वितरित नहीं कर पाए. यह ट्राई साइकिलें नगरपालिका के कचरा संस्करण केंद्र में धूल फांक रहे हैं. इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि नगर पालिका अधिकारियों को यह भी नहीं पता कि आखिर उनके कचरा संस्करण केंद्र में यह ट्राई साइकिलें कहां से आई थीं और किसने यहां पर उन्हें रखा था.


छतरपुर नगर पालिका सीएमओ ने बताया कि यह साइकिल भारत सरकार के राज्यमंत्री वीरेंद्र खटीक द्वारा मंगाई गई थी. उन्होंने इन ट्राई साइकिलों को अपनी सांसद निधि से मंगाया था, बावजूद इसके वह इसे वितरित नहीं कर पाए. वहीं ग्रामीण एवं पंचायत विभाग के अधिकारी ने यह मानने से ही इंकार कर दिया कि यह ट्राई साइकिलें सांसद वीरेंद्र खटीक द्वारा अपनी सांसद निधि से मंगाई गई थी.

छतरपुर। टीकमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र खटीक अपनी निष्क्रियता और अपने ही नेताओं द्वारा विरोध के चलते चर्चाओं में हैं. ऐसे में दिव्यांगों के लिए लाई गई ट्राई साइकिलें वीरेंद्र खटीक की मुश्किलें बढ़ा रही हैं. दरअसल 200 से 250 ट्राई साइकिलें नगर पालिका छतरपुर के कचरा संस्करण केंद्र में जंग खा रही हैं.

गई ट्राई साइकिलें हो रही 'अपाहिज'


बता दें कि इन ट्राई साइकिलों को दिव्यांगजनों को वितरित करने के लिए लाया गया था, लेकिन किसी कारणवश सांसद वीरेंद्र खटीक इन्हें वितरित नहीं कर पाए. यह ट्राई साइकिलें नगरपालिका के कचरा संस्करण केंद्र में धूल फांक रहे हैं. इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि नगर पालिका अधिकारियों को यह भी नहीं पता कि आखिर उनके कचरा संस्करण केंद्र में यह ट्राई साइकिलें कहां से आई थीं और किसने यहां पर उन्हें रखा था.


छतरपुर नगर पालिका सीएमओ ने बताया कि यह साइकिल भारत सरकार के राज्यमंत्री वीरेंद्र खटीक द्वारा मंगाई गई थी. उन्होंने इन ट्राई साइकिलों को अपनी सांसद निधि से मंगाया था, बावजूद इसके वह इसे वितरित नहीं कर पाए. वहीं ग्रामीण एवं पंचायत विभाग के अधिकारी ने यह मानने से ही इंकार कर दिया कि यह ट्राई साइकिलें सांसद वीरेंद्र खटीक द्वारा अपनी सांसद निधि से मंगाई गई थी.

Intro:टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद एवं भारत सरकार के राज्यमंत्री वीरेंद्र खटीक एक बार फिर लापरवाही के चलते चर्चाओं में है वैसे तो वीरेंद्र खटीक को लोग उनके सरल एवं स्वभाव के लिए जानते हैं लेकिन वर्तमान में वीरेंद्र खटीक अपनी निष्क्रियता एवं अपने ही नेताओं द्वारा विरोध के चलते चर्चाओं में है! ऐसे में दिव्यांगों के लिए लाई गई ट्राई साइकिलें वीरेंद्र खटीक की मुश्किलें बढ़ा रही हैं!

आपको बता दें कि बस 2017 18 में वीरेंद्र खटीक द्वारा सर्वे कराकर सांसद निधि के पैसे से ट्राई साइकिलें मंगाई गई थी लेकिन 200 से ढाई सौ ट्राई साइकिलें आज भी नगर पालिका छतरपुर के कचरा संस्करण केंद्र में जंग खा रहे हैं हालात इतने बदतर हैं कि अगर जल्द ही उनको सुधार नहीं दिया गया तो वह कबाड़ी में तब्दील हो जाएंगी!

(इस खबर को लेकर कुछ फाइलें मेल पर है)


Body: आपको बता दें कि वीरेंद्र खटीक द्वारा इन ट्राई साइकिल ओं को दिव्यांग जनों को वितरित करने के लिए लाया गया था लेकिन किसी कारणवश वह इन्हें वितरित नहीं कर पाए और अब यह ट्राई साइकिलें नगरपालिका के कचरा संस्करण केंद्र में धूल फांक रहे हैं क्योंकि मामला एक सांसद और भारत सरकार के राज्यमंत्री से जुड़ा हुआ है इसलिए सवाल खड़े होने लाजमी है कि आखिर कैसे भारत सरकार के राज्य मंत्री द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही कर दी गई!

इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि ना तो नगर पालिका यह बता पा रही है कि आखिर कैसे उनके कचरा संस्करण केंद्र में यह ट्राई साइकिलें रखी गई है कहां से आई थी और किसने यहां पर उन्हें रखा था इसका उनके पास कोई जवाब नहीं है!

इस संबंध में जब हमने छतरपुर नगर पालिका के सीएमओ से बात की तो उन्होंने बताया कि यह साइकिल है भारत सरकार के राज्यमंत्री श्री वीरेंद्र खटीक द्वारा मनाई गई थी उन्होंने इन ट्राई साइकिल ओं को अपनी सांसद निधि से मंगाया था बावजूद इसके वह वितरित नहीं कर पाए और यही कारण है कि वह वहां पर धूल खा रहे हैं हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास साइकिल को रखने के लिए जाने के संबंध में किसी भी प्रकार का कोई लिखित में डॉक्यूमेंट नहीं है!

जब संबंध में हमने ग्रामीण एवं पंचायत विभाग के अधिकारी विजय लड़की से बात की तो उन्होंने इस बात को माना कि यह ट्राई साइकिलें सांसद वीरेंद्र खटीक द्वारा अपनी सांसद निधि से मांगी थी क्योंकि यह केंद्र का प्रोजेक्ट होता है इसलिए उन्हें इस बारे में बहुत जानकारी नहीं है हालांकि उन्होंने सर्वे कराने के बाद दिव्यांग जनों को ट्राई साइकिलें वितरण करने की बात कही थी किसी कारण बस जो दिव्यांगजन मौके पर नहीं पहुंच सके उन्हीं की ट्राई साइकिलें बस गई और उन्हें वहां रख दिया गया था!

बाइट_विजय टर्की(अधिकारी ग्रमीण एवं पंचायत विभाग)

बाइट_अरुण पटेरिया सीएमओ




Conclusion:बजा कुछ भी हो लेकिन मामला एक सांसद एवं भारत सरकार के राज्यमंत्री जुड़ा हुआ है इसलिए सुर्खियों में बना हुआ है वीरेंद्र खटीक अपने सांसद निधि की राशि का ठीक से उपयोग नहीं कर पाए हैं उनके द्वारा ली गई ट्राईसाईकिल कचरा घर में धूल फांक रही है जो इस बात को दर्शाती हैं कि सही समय पर इन साइकिल का वितरण नहीं किया गया!
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