उज्जैन। महाकाल मंदिर में इस साल पर्जन्य यज्ञ नहीं किए जाने के चलते पंडे-पुजारियों और धार्मिक नगरी के विद्वानों में मतभेद पैदा हो गए हैं. कुछ सालों से महाकाल प्रबंध समिति के सदस्यों और पंडे-पुजारियों ने निजी हितों के चलते ये अनुष्ठान बंद कर दिए हैं, जिस वजह से धार्मिक नगरी के विद्वानों में नाराजगी है.
उज्जैन में आर्द्रा और मृगशिरा नक्षत्र के पहले महाकाल मंदिर में पंडे-पुजारियों के समूह द्वारा निश्चित समयावधि में अच्छी वर्षा की कामना और खेती-किसानी के लिये पर्जन्य यज्ञ किए जाने की परम्परा रही है. सिंधिया स्टेट के काल से महाकाल मंदिर में ये पूजन किया जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह देखने में आया है कि पर्जन्य यज्ञ आयोजन का दिन, समय और नक्षत्र कुछ पुजारियों द्वारा बदला जाता रहा है, जिसका प्रबुद्ध वर्ग की ओर से विरोध भी किया जाता रहा है.
सूत्रों की मानें तो निजी हितों को साधने के लिए महाकाल प्रबंध समिति के सदस्यों और पंडे-पुजारियों की मिलीभगत से ये अनुष्ठान बंद किया गया है. बहरहाल प्रतिवर्ष अच्छी बारिश के लिये महाकालेश्वर मंदिर में सरकारी तौर पर किये जाने वाले पर्जन्य यज्ञ का आयोजन इस वर्ष नहीं किये जाने से श्रद्धालुओं और किसानों में भी नाराजगी का माहौल है.