शाजापुर। जिले में दो एनआरसी संचालित हो रही हैं, जिनकी क्षमता केवल 52 बेड की है, लेकिन अतिकम वजन के बच्चों की भर्ती नहीं होने से इसका लाभ कुपोषित बच्चों को नहीं मिल पा रहा है. इसे देखते हुए कलेक्टर दिनेश जैन ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सभी परियोजना अधिकारियों के लिए मासिक लक्ष्य निर्धारित किया है.
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुभाष जैन ने बताया कि एनआरसी शाजापुर में 26 तथा शुजालपुर में 26, इस प्रकार कुल 52 बिस्तरीय क्षमता है. इसके लिए कलेक्टर ने परियोजना शाजापुर, मो. बड़ोदिया एवं कालापीपल को 10-10, शुजालपुर एवं पोलायकलां को 8-8 तथा बेरछा को 6, अतिकम वजन के बच्चों को प्रतिमाह एनआरसी में भर्ती कराने का लक्ष्य दिया है.
कलेक्टर ने कहा है कि माह अगस्त से सभी परियोजना अधिकारी सुनिश्चित करें कि जिले के दोनों एनआरसी पूरी क्षमता के साथ संचालित हों, परियोजना अधिकारी सुनिश्चित करें कि सत्र शुरू होने के पहले ही अतिकम वजन के बच्चों के परिवार से आवश्यक चर्चा एवं परामर्श कर लें तथा उन्हें मार्गदर्शन दें.
उन्होंने कहा कि यदि किसी बालक या बालिका को पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराना आवश्यक है, तो इसके लिए पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उसके परिवार में काउंसलिंग करें, यदि परिवार वाले इसके लिए तैयार नहीं होते हैं, तो पर्यवेक्षक स्वयं उस परिवार से घर पर मिलकर मार्गदर्शन दें, यदि आवश्यकता लगे तो स्थानीय जनप्रतिनिधि, शिक्षक, पटवारी आदि का भी सहयोग लें.
कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि इन सब प्रयासों के बाद भी यदि बच्चे को एनआरसी में भर्ती कराने के लिए परिवार तैयार नहीं होता है, तो इसका प्रतिवेदन एवं किए गए प्रयासों की जानकारी दें. इसके बाद परियोजना अधिकारी स्वयं जाकर उस परिवार से संपर्क करें. एनआरसी पूरी क्षमता के साथ संचालित नहीं होने पर संबंधितों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.