टीकमगढ़। आम को फलों का राजा कहा जाता है. हर साल लोग गर्मियों का इंतजार करते हैं, ताकि वे आम की मिठास का स्वाद ले सकें. ऐसे ही आम प्रेमी हैं बुंदेलखण्ड के महाराज राजा मधुकर शाह जिन्होंने आज से 7 साल पहले अमेरिका से एक खास किस्म की आम की नस्ल मंगवाई और उसे अपने बगीचे में लगवाया. आज इस बगीचे में 3000 से ज्यादा शुगर फ्री आम के पेड़ लहलहा रहे हैं. बता दें कि ये आम की नस्ल शुगर फ्री है.
जी हां आम वह भी शुगर फ्री. यह आम खासतौर पर इंग्लैंड और अमेरिका में पाए जाते हैं, जो राजा मधुकर की वजह से अब भारत के टीकमगढ़ में आसानी से मिल जाते हैं. इन आमों की भी चार नस्ल होती है मल्लिका, सूर्या, लालिमा और अंडोमा. खास बात ये है कि ये चारों प्रजाति शुगर फ्री है. इनके पेड़ छोटे होते हैं. ये आम डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद तो है ही, साथ ही साथ आम लोग भी इस रसीले आम का लुफ्त उठा सकते हैं. इन आमों में रस काफी ज्यादा होता है और गूदा काफी कम, जो शुगर के मरीजों के लिए लाभदायक है. मल्लिका, सूर्या, लालिमा ओर अण्डोमा नाम की प्रजातियों के आमों से टीकमगढ़ जिले का यह फॉर्म हाउस महक रहा है.