भोपाल। मध्यप्रदेश के महाकौशल प्रांत के गौंड राजा शंकर शाह और उनके पुत्र रघुनाथ शाह के बंदीगृह को कमलनाथ सरकार प्रेरणा केंद्र बनाने जा रही है, ताकि देशवासी पिता-पुत्र के बलिदान को नमन कर,उनकी शहादत से सीख लेकर,देश भक्ति के लिए हमेशा प्रेरित होकर काम करें.
गोंड राजा शंकर शाह और उनके पुत्र के बंदीगृह को प्रेरणा केन्द्र बनाएगी सरकार
मध्यप्रदेश के महाकौशल प्रांत के गोंड राजा शंकर शाह और उनके पुत्र रघुनाथ शाह के बंदीगृह को कमलनाथ सरकार प्रेरणा केंद्र बनाने जा रही है, ताकि देशवासी पिता-पुत्र के बलिदान को नमन कर,उनकी शहादत से सीख लेकर,देश भक्ति के लिए हमेशा प्रेरित होकर काम करें.
ओमकार सिंह
भोपाल। मध्यप्रदेश के महाकौशल प्रांत के गौंड राजा शंकर शाह और उनके पुत्र रघुनाथ शाह के बंदीगृह को कमलनाथ सरकार प्रेरणा केंद्र बनाने जा रही है, ताकि देशवासी पिता-पुत्र के बलिदान को नमन कर,उनकी शहादत से सीख लेकर,देश भक्ति के लिए हमेशा प्रेरित होकर काम करें.
Intro:मध्य प्रदेश के महाकौशल प्रांत के गौंड राजा शंकर शाह और उनके पुत्र रघुनाथ शाह के बलिदान को सरकार प्रेरणा केंद्र के रूप में जीवंत करने जा रही है। जिस कारागार में पिता-पुत्र रहे उस स्थल को कमलनाथ सरकार प्रेरणा केंद्र बनाया जाएगा। कमलनाथ सरकार 3 मार्च को जबलपुर मैं इसकी स्थापना करेगी। इसके लिए बड़ी संख्या में आदिवासी लोगों को कार्यक्रम में बुलाया जाएगा।
Body:प्रदेश सरकार ने जबलपुर में शहीद स्थल पर होने वाले कार्यक्रम को लेकर बड़ी तैयारियां की है कार्यक्रम के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे सरकार के जनजाति कार्य विभाग ने 14 जिलों की विभागीय अधिकारियों को यह राशि पहले ही आवंटित कर दी है। कार्यक्रम में आने जाने के लिए बसों की व्यवस्था और यात्रा के दौरान चाय नाश्ता भोजन तक की व्यवस्था की गई है कार्यक्रम में जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, सागर तक से आदिवासी लोगों को जुटाया जाएगा। दरअसल प्रेरणा केंद्र के जरिए सरकार जनजाति वर्ग के लोगों को लुभाने की तैयारी की है। गौंड राजाओ की शहादत को जनजाति वर्ग के बीच गर्व के साथ याद किया जाता है। हर साल बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। जनजाति कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के मुताबिक शंकर शाह-रघुनाथ शाह ने आजादी की पहली लड़ाई 1957 में अहम भूमिका निभाई थी। पिता-पुत्र ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने पर अंग्रेजों ने दोनों को तोप के सामने कर मौत की सजा दी थी। इसके पहले उन्हें जबलपुर के एल्गिन अस्पताल के करीब स्थित एक भवन में कैद करके रखा गया था। जनजाति कार्यमंत्री कहते हैं कि गौंड राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान स्थल को प्रेरणा स्थल के रूप में बनाया जा रहा है ताकि आदिवासी बलिदान से प्रेरणा ले सकें। हालांकि बीजेपी इसको लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है।
Conclusion:
Body:प्रदेश सरकार ने जबलपुर में शहीद स्थल पर होने वाले कार्यक्रम को लेकर बड़ी तैयारियां की है कार्यक्रम के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे सरकार के जनजाति कार्य विभाग ने 14 जिलों की विभागीय अधिकारियों को यह राशि पहले ही आवंटित कर दी है। कार्यक्रम में आने जाने के लिए बसों की व्यवस्था और यात्रा के दौरान चाय नाश्ता भोजन तक की व्यवस्था की गई है कार्यक्रम में जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, सागर तक से आदिवासी लोगों को जुटाया जाएगा। दरअसल प्रेरणा केंद्र के जरिए सरकार जनजाति वर्ग के लोगों को लुभाने की तैयारी की है। गौंड राजाओ की शहादत को जनजाति वर्ग के बीच गर्व के साथ याद किया जाता है। हर साल बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। जनजाति कार्य मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के मुताबिक शंकर शाह-रघुनाथ शाह ने आजादी की पहली लड़ाई 1957 में अहम भूमिका निभाई थी। पिता-पुत्र ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने पर अंग्रेजों ने दोनों को तोप के सामने कर मौत की सजा दी थी। इसके पहले उन्हें जबलपुर के एल्गिन अस्पताल के करीब स्थित एक भवन में कैद करके रखा गया था। जनजाति कार्यमंत्री कहते हैं कि गौंड राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान स्थल को प्रेरणा स्थल के रूप में बनाया जा रहा है ताकि आदिवासी बलिदान से प्रेरणा ले सकें। हालांकि बीजेपी इसको लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है।
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