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गरीब बच्चों को 'अमीर' शिक्षा देने के लिए सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करेगी सरकारः कांग्रेस - mp news

स्कूल चलो अभियान को लेकर कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री स्कूलों में बेहतर शिक्षा के साथ बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर देना चाहते हैं, ताकि प्रदेश के गरीब बच्चे निजी स्कूलों की तरह शिक्षा प्राप्त कर सकें.

स्कूलों का कायाकल्प करेगी कांग्रेस सरकार
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Published : Jun 26, 2019, 7:45 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में 24 जून से शुरू हुए स्कूल चलो अभियान को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ की गंभीरता को कांग्रेस ने स्वागत योग्य बताया है. मुख्यमंत्री ने इस अभियान की शुरुआत झाबुआ जिले से की थी. कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री स्कूलों में बेहतर शिक्षा के साथ बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर देना चाहते हैं, ताकि प्रदेश के गरीब बच्चे निजी स्कूलों की तरह शिक्षा प्राप्त कर सकें.

स्कूलों का कायाकल्प करेगी कांग्रेस सरकार


मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग के अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की स्कूल चलो अभियान को लेकर गंभीरता स्वागत योग्य है. ये इस बात का संकेत है कि बीजेपी राज की तरह शिक्षा का अब माफिया करण और व्यापारी करण नहीं होगा. पिछले डेढ़ दशक में शिक्षा माफिया ने इस प्रदेश में सरकारी संरक्षण में अपना जाल फैलाया. उससे ऐसे निजी स्कूल पनपे कि सरकारी स्कूलों की पूरी व्यवस्था प्रदेश सरकार की घोर उपेक्षा के चलते चरमरा गई.


व्यापमं जैसे मामलों में लिप्त पिछली सरकार के नुमाइंदे केवल शिक्षा के व्यवसायीकरण में रुचि रखते थे. इसलिए उन्होंने सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत नहीं होने दिया. ओझा का कहना है कि स्कूली शिक्षा किसी भी व्यक्ति के जीवन का मुख्य और अहम अंग होता है. स्कूली शिक्षा से ही व्यक्ति का जीवन निर्धारित होता है कि आगे चलकर वह क्या करेगा. ऐसे में जरूरी है कि प्रदेश के बच्चों को स्कूली शिक्षा बेहतर और अच्छे स्तर की दी जाए. 15 साल की बीजेपी सरकार के चलते आज स्कूल व्यवस्था बदहाल स्थिति में हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश में 24 जून से शुरू हुए स्कूल चलो अभियान को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ की गंभीरता को कांग्रेस ने स्वागत योग्य बताया है. मुख्यमंत्री ने इस अभियान की शुरुआत झाबुआ जिले से की थी. कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री स्कूलों में बेहतर शिक्षा के साथ बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर देना चाहते हैं, ताकि प्रदेश के गरीब बच्चे निजी स्कूलों की तरह शिक्षा प्राप्त कर सकें.

स्कूलों का कायाकल्प करेगी कांग्रेस सरकार


मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग के अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की स्कूल चलो अभियान को लेकर गंभीरता स्वागत योग्य है. ये इस बात का संकेत है कि बीजेपी राज की तरह शिक्षा का अब माफिया करण और व्यापारी करण नहीं होगा. पिछले डेढ़ दशक में शिक्षा माफिया ने इस प्रदेश में सरकारी संरक्षण में अपना जाल फैलाया. उससे ऐसे निजी स्कूल पनपे कि सरकारी स्कूलों की पूरी व्यवस्था प्रदेश सरकार की घोर उपेक्षा के चलते चरमरा गई.


व्यापमं जैसे मामलों में लिप्त पिछली सरकार के नुमाइंदे केवल शिक्षा के व्यवसायीकरण में रुचि रखते थे. इसलिए उन्होंने सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत नहीं होने दिया. ओझा का कहना है कि स्कूली शिक्षा किसी भी व्यक्ति के जीवन का मुख्य और अहम अंग होता है. स्कूली शिक्षा से ही व्यक्ति का जीवन निर्धारित होता है कि आगे चलकर वह क्या करेगा. ऐसे में जरूरी है कि प्रदेश के बच्चों को स्कूली शिक्षा बेहतर और अच्छे स्तर की दी जाए. 15 साल की बीजेपी सरकार के चलते आज स्कूल व्यवस्था बदहाल स्थिति में हैं.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश में 24 जून से शुरू हुए स्कूल चलो अभियान को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ की गंभीरता को कांग्रेस ने स्वागत योग्य बताया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस अभियान की शुरुआत झाबुआ जिले से की थी। कांग्रेस का कहना है कि इस अभियान को लेकर मुख्यमंत्री की गंभीरता स्वागत योग्य है। मुख्यमंत्री की गंभीरता से शिक्षा का माफिया करण और व्यापमी करण नहीं होगा। मुख्यमंत्री की सोच है कि स्कूलों में बेहतर शिक्षा के साथ बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर भी दिया जाए। ताकि हमारे प्रदेश के गरीब बच्चे निजी स्कूलों की तरह शिक्षा प्राप्त कर अच्छा भविष्य बना सकें।


Body:मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग के अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की स्कूल चलो अभियान को लेकर गंभीरता स्वागत योग्य है। यह इस बात का संकेत है कि भाजपा राज की तरह शिक्षा का अब माफिया करण और व्यापारी करण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ दशक में शिक्षा माफिया ने इस प्रदेश में सरकारी संरक्षण में अपना जाल फैलाया। उससे ऐसे निजी स्कूल पनपे की सरकारी स्कूलों की पूरी व्यवस्था प्रदेश सरकार की घोर उपेक्षा के चलते चरमरा गई। व्यापमं जैसे मामलों में लिप्त पिछली सरकार के नुमाइंदे केवल शिक्षा के व्यवसायीकरण में रुचि रखते थे। इसलिए उन्होंने सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत नहीं होने दिया।भाजपा की सरकार में निजी स्कूलों के मुकाबले खुलने वाली सरकारी स्कूलों की संख्या इस वजह से आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलना नामुमकिन हो गया था। किंतु प्रदेश में कांग्रेस की जन हितेषी सरकार बनी है।मुख्यमंत्री की ताजा पहल से साफ हो गया है कि मध्यप्रदेश में स्कूलों की व्यवस्था गुणवत्ता व शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ होगी। जिससे आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे भी उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।


Conclusion:मध्यप्रदेश प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा का कहना है कि स्कूली शिक्षा किसी भी व्यक्ति के जीवन का मुख्य और अहमअंग होता है। स्कूली शिक्षा से ही व्यक्ति का जीवन निर्धारित होता है कि आगे चलकर वह क्या करेगा। ऐसे में जरूरी है कि प्रदेश के बच्चों को स्कूली शिक्षा बेहतर और अच्छे स्तर की दी जाए। 15 साल की बीजेपी सरकार के चलते आज स्कूल व्यवस्था बदहाल स्थिति में हैं।यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री के शिवराज सिंह के गृह जिले में बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। कहीं स्कूल की बिल्डिंग नहीं है,तो कहीं स्कूल में मवेशी बैठे हुए हैं।हमारे मुख्यमंत्री की सोच है कि सरकारी स्कूलों में हमें ऐसी व्यवस्था देनी है। हमें शिक्षा के साथ बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर देना है। जिससे हमारे गरीब बच्चे निजी स्कूलों की तरह अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें और अच्छा भविष्य बना सकें। इसलिए मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों की तरफ पूरा ध्यान लगाया है।
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