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शहडोल लोकसभा सीट से दो महिला प्रत्याशी आमने- सामने

शहडोल। यह संसदीय भले ही आदिवासी सीट कही जाती रही हो लेकिन ये सीट पुराने समय से ही दिग्गजों को अपनी ओर आकर्षित करती रही है. शहडोल संसदीय सीट इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. क्योंकि इस बार शहडोल लोकसभा सीट से कांग्रेस-बीजेपी ने महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस की प्रमिला सिंह का मुकाबला बीजेपी की हिमाद्री सिंह से है.

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Published : Mar 29, 2019, 11:57 PM IST

प्रमिला सिंह

शहडोल। यह संसदीय भले ही आदिवासी सीट कही जाती रही होलेकिन ये सीट पुराने समय से ही दिग्गजों को अपनी ओर आकर्षित करती रही है. शहडोल संसदीय सीट इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. क्योंकि इस बार शहडोल लोकसभा सीट से कांग्रेस-बीजेपी ने महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस कीप्रमिला सिंह का मुकाबला बीजेपी की हिमाद्री सिंह से है.

बीजेपी प्रत्याशी प्रमिला सिंह

शहडोल लोकसभा सीट से पहली महिला सांसद चुनकर आई गिरिजा कुमारी के लिए खुद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चुनाव प्रचार किया था. इंदिरा गांधी ने यहां पहुंचकर बड़ी सभा की थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवकुमार नामदेव अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि वही समय था जब वो छात्र राजनीति के बाद पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी में जुड़े थे और उन दिनों यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हुआ करते थे. गिरिजा कुमारी को कांग्रेस से अचानक टिकट देकर सबको सकते में डाल दिया था. सांसद गिरिजा कुमारी दृढ़ निश्चय वाली महिला थीं और पूरे चुनाव प्रचार को बड़े ही अच्छे तरीके से संभालती थी. शिवकुमार आगे बताते हैं कि गिरिजा कुमारी के प्रचार के लिए खुद इंदिरा गांधी शहडोल जिले के लालपुर में सभा करने पहुंची हुई थीं, जहां उन्होंने एक विशाल जनसभा को सम्बोधित किया था,जिसको बड़ा जनसमर्थन मिला हासिल हुआ था

1 लाख से ज्यादा वोटों से जीती थी गिरिजा कुमारी

कांग्रेस के टिकट से गिरिजा कुमारी ने 1 लाख 17,हजार वोटों से जीत हासिल की थीं. उन्होने एस सिंह को हराया था, उनको महज 19,342 वोट मिले थे हालांकि 1971 में गिरिजा कुमारी को एक बार फिर से टिकट दिया गया था लेकिन वो निर्दलीय प्रत्याशी धनशाह से हार गईं थीं।
वहीं शहडोल लोकसभा सीट को दूसरी महिला सांसद साल 2009 में सांसद बनी. 2009 के लोकसभा चुनाव में राजेशनन्दिनी ने बीजेपी के नरेंद्र मरावी को हराया था. राजेशनन्दिनी ने 2 लाख 60 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीती थी


शहडोल। यह संसदीय भले ही आदिवासी सीट कही जाती रही होलेकिन ये सीट पुराने समय से ही दिग्गजों को अपनी ओर आकर्षित करती रही है. शहडोल संसदीय सीट इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. क्योंकि इस बार शहडोल लोकसभा सीट से कांग्रेस-बीजेपी ने महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस कीप्रमिला सिंह का मुकाबला बीजेपी की हिमाद्री सिंह से है.

बीजेपी प्रत्याशी प्रमिला सिंह

शहडोल लोकसभा सीट से पहली महिला सांसद चुनकर आई गिरिजा कुमारी के लिए खुद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चुनाव प्रचार किया था. इंदिरा गांधी ने यहां पहुंचकर बड़ी सभा की थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवकुमार नामदेव अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि वही समय था जब वो छात्र राजनीति के बाद पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी में जुड़े थे और उन दिनों यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हुआ करते थे. गिरिजा कुमारी को कांग्रेस से अचानक टिकट देकर सबको सकते में डाल दिया था. सांसद गिरिजा कुमारी दृढ़ निश्चय वाली महिला थीं और पूरे चुनाव प्रचार को बड़े ही अच्छे तरीके से संभालती थी. शिवकुमार आगे बताते हैं कि गिरिजा कुमारी के प्रचार के लिए खुद इंदिरा गांधी शहडोल जिले के लालपुर में सभा करने पहुंची हुई थीं, जहां उन्होंने एक विशाल जनसभा को सम्बोधित किया था,जिसको बड़ा जनसमर्थन मिला हासिल हुआ था

1 लाख से ज्यादा वोटों से जीती थी गिरिजा कुमारी

कांग्रेस के टिकट से गिरिजा कुमारी ने 1 लाख 17,हजार वोटों से जीत हासिल की थीं. उन्होने एस सिंह को हराया था, उनको महज 19,342 वोट मिले थे हालांकि 1971 में गिरिजा कुमारी को एक बार फिर से टिकट दिया गया था लेकिन वो निर्दलीय प्रत्याशी धनशाह से हार गईं थीं।
वहीं शहडोल लोकसभा सीट को दूसरी महिला सांसद साल 2009 में सांसद बनी. 2009 के लोकसभा चुनाव में राजेशनन्दिनी ने बीजेपी के नरेंद्र मरावी को हराया था. राजेशनन्दिनी ने 2 लाख 60 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीती थी


Intro:Note_ एक बाईट है जो शिवकुमार नामदेव की है जो वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं और गिरिजा कुमारी के समय युथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष थे। मोजो से।

गिरिजा कुमारी की फोटो मेल कर दिया हूँ। इसके अलावा कई विसुअल जिसमें वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी प्रमिला सिंह की है, और भी बहुत कुछ विसुअल है जो मोजो से भेजा हूँ।


जब इस आदिवासी अंचल को पहली महिला सांसद देने के लिए खुद इंदिरा गांधी ने संभाल लिया था मोर्चा

शहडोल- शहडोल लोकसभा सीट भले ही आदिवासी सीट है लेकिन ये पुराने समय से ही दिग्गजों की नज़र में रहने वाली सीट रही है, इस सीट पर अक्सर दिग्गज नेताओं की पैनी नज़र रही है, शहडोल लोकसभा सीट इन दिनों सुर्खियों में है तो उसकी कई वजह है, इस बार इस सीट से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी ने महिला प्रत्याशियों पर दांव खेला है, अभी हाल ही में कांग्रेस सांसद ज्ञान सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कहकर यहां की राजनीति में भूचाल ला दिया है और अब ये सीट और हाई प्रोफाइल हो गई है, लेकिन क्या आपको पता है इस आदिवासी अंचल को पहली महिला सांसद देने के लिए खुद इंदिरा गांधी ने मोर्चा संभाल लिया था।


Body:जब इंदिरा ने संभाला मोर्चा

शहडोल लोकसभा सीट इस बार दो महिला प्रत्याशियों के मैदान पर होने से सुर्खियों में है, लेकिन क्या आपको पता है शहडोल लोकसभा सीट में अबतक 2 महिला सांसद रह चुकी हैं और दोनों ही कांग्रेस की रही हैं।

शहडोल लोकसभा सीट में पहली महिला सांसद बनाने के लिए खुद इंदिरा गांधी ने भी बड़ी सभा की थी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवकुमार नामदेव अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि वही समय था जब वो छात्र राजनीति के बाद पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी में जुड़े हुए थे, यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष थे, और गिरिजा कुमारी को कांग्रेस से अचानक टिकट दे दिया गया था, किसी को अंदाज़ा ही नहीं था कि गिरिजा कुमारी को टिकट दे दिया जाएगा, गिरिजा कुमारी जैतहरी में रहती थीं लेकिन मूल रूप से जैतहरी के पास ही मनोरा गांव की रहने वाली थीं, और आदिवासी समाज में गोंड़ परिवार में वो एक इलाकेदार परिवार की महिला थीं, जिन्हें सांसद का चुनाव लड़ने के लिए चुना गया। गिरिजा कुमारी दृढ़ निश्चय वाली महिला थीं, और पूरे चुनाव प्रचार को बड़े ही अच्छे तरीके से किया, और जीतकर सांसद बनीं, शिवकुमार नामदेव बताते हैं कि गिरिजा कुमारी के लिए प्रचार करने के लिए खुद इंदिरा गांधी शहडोल जिले के लालपुर में सभा करने पहुंची हुई थीं, जहां उन्होंने एक विशाल जनसभा को सम्बोधित किया था, जहां बहुत बड़ा जनसमर्थन मिला था।
इंदिरा गांधी गिरिजा कुमारी को उनके दृढ़संकल्प वाली महिला मानती थीं, और इसीलिए बहुत पसंद भी करती थीं।


Conclusion:1967 में गिरिजा कुमारी बनीं सांसद

गिरिजा कुमारी ने 1967 में कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ते हुए, 1,17, 146 वोट हासिल की थीं, गिरिजा कुमारी ने एस सिंह को हराया था, एस सिंह को महज़ 19,342 वोट मिले थे। हालांकि 1971 में गिरिजा कुमारी को एक बार फिर से टिकट दिया गया था लेकिन वो निर्दलीय प्रत्याशी धनशाह से हार गईं थीं।

2009 में मिली दूसरी महिला सांसद

1967 के बाद शहडोल लोकसभा सीट को दूसरी महिला सांसद साल 2009 में मिली, और ये भी कांग्रेस पार्टी की ही थी, साल 2009 में राजेशनन्दिनी ने कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ा था, जहां उन्होंने बीजेपी के नरेंद्र मरावी को हराकर सांसद बनी, राजेशनन्दिनी ने 2,63,434 वोट हासिल किया था, तो वहीं नरेंद्र मरावी ने 2,50,019 वोट हासिल किए थे, कांग्रेस की राजेशनन्दिनी ने 13, 415 वोट से जीत दर्ज की।

इस बार दो महिला प्रत्याशी आमने सामने

शहडोल लोकसभा सीट में जहां अब तक 2 महिला सांसद ही हो सकी हैं तो वहीं दूसरी ओर इस बार कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टी ने महिला प्रत्याशियों पर दांव खेला है।
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