शहडोल। यह संसदीय भले ही आदिवासी सीट कही जाती रही होलेकिन ये सीट पुराने समय से ही दिग्गजों को अपनी ओर आकर्षित करती रही है. शहडोल संसदीय सीट इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. क्योंकि इस बार शहडोल लोकसभा सीट से कांग्रेस-बीजेपी ने महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस कीप्रमिला सिंह का मुकाबला बीजेपी की हिमाद्री सिंह से है.
शहडोल लोकसभा सीट से पहली महिला सांसद चुनकर आई गिरिजा कुमारी के लिए खुद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चुनाव प्रचार किया था. इंदिरा गांधी ने यहां पहुंचकर बड़ी सभा की थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवकुमार नामदेव अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि वही समय था जब वो छात्र राजनीति के बाद पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी में जुड़े थे और उन दिनों यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हुआ करते थे. गिरिजा कुमारी को कांग्रेस से अचानक टिकट देकर सबको सकते में डाल दिया था. सांसद गिरिजा कुमारी दृढ़ निश्चय वाली महिला थीं और पूरे चुनाव प्रचार को बड़े ही अच्छे तरीके से संभालती थी. शिवकुमार आगे बताते हैं कि गिरिजा कुमारी के प्रचार के लिए खुद इंदिरा गांधी शहडोल जिले के लालपुर में सभा करने पहुंची हुई थीं, जहां उन्होंने एक विशाल जनसभा को सम्बोधित किया था,जिसको बड़ा जनसमर्थन मिला हासिल हुआ था
1 लाख से ज्यादा वोटों से जीती थी गिरिजा कुमारी
कांग्रेस के टिकट से गिरिजा कुमारी ने 1 लाख 17,हजार वोटों से जीत हासिल की थीं. उन्होने एस सिंह को हराया था, उनको महज 19,342 वोट मिले थे हालांकि 1971 में गिरिजा कुमारी को एक बार फिर से टिकट दिया गया था लेकिन वो निर्दलीय प्रत्याशी धनशाह से हार गईं थीं।
वहीं शहडोल लोकसभा सीट को दूसरी महिला सांसद साल 2009 में सांसद बनी. 2009 के लोकसभा चुनाव में राजेशनन्दिनी ने बीजेपी के नरेंद्र मरावी को हराया था. राजेशनन्दिनी ने 2 लाख 60 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीती थी