भोपाल। कोरोना वायरस से बचने के लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग पर ध्यान दिया जाए. इसे देखते हुए निजी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं और बीमारियों के मरीजों के टेस्ट भी किये जाने लगे हैं. लेकिन कई निजी अस्पताल ऐसे थे, जो इस महामारी में भी अपना फायदा देखते हुए टेस्ट के लिये 5 से 6 हज़ार रुपए शुल्क ले रहे थे. इन अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने आदेश जारी किया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब निजी अस्पताल कोरोना टेस्ट के लिए 1980 रुपये से लेकर ढाई हजार तक ही शुल्क ले सकते हैं.
इससे पहले भी स्वास्थ विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया था कि निजी अस्पताल कोरोना वायरस टेस्ट के लिए केवल ढाई हजार रुपए ले सकते हैं. लेकिन इस आदेश की अवहेलना करते हुए निजी अस्पताल मनमाने तौर पर 6 हजार रुपए तक वसूल रहे थे. अब नए आदेश में कहा गया है कि सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी लैब रीजनल कलेक्शन सेंटर बनाकर जिलों से उन सैंपल को कलेक्ट करेंगे, जिनकी जांच सरकारी लैब में लोड के कारण संभव नहीं है.
इसके साथ ही सरकारी लैब और अस्पतालों से सैम्पल प्राइवेट लैब को तभी भेजे जाएंगे, जब सरकारी लैब में सैंपल टेस्ट करने की जगह फुल होगी. सैंपल की जांच के एवज में निजी लैब को 1980 रुपये भुगतान किए जाएंगे.