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NSUI और युवक कांग्रेस में अब नए सिरे से होगा संगठन का गठन

देशभर में एनएसयूआई और युवक कांग्रेस के चुनाव के तरीके में बदलाव किए जाएंगे. एनएसयूआई और युवक कांग्रेस से छात्रों और युवाओं को आने का मौका मिलेगा. इसमें नए लोगों को जोड़ने के लिए प्रक्रिया सरल की जाएगी.

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Published : Jun 21, 2019, 3:26 PM IST

कांग्रेस अब अपने संगठन और मोर्चे में बड़ा बदलाव करने जा रही है.

भोपाल। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार का शिकार हुई कांग्रेस अब अपने संगठन और मोर्चे में बड़ा बदलाव करने जा रही है. अब AICC नए सिरे से NSUI और युवक कांग्रेस के गठन पर विचार कर रही है. इसके लिए पूरे देश के विधायकों और सांसदों से सुझाव मांगे गए हैं.

कांग्रेस अब अपने संगठन और मोर्चे में बड़ा बदलाव करने जा रही है.


दरअसल AICC, एनएसयूआई और युवक कांग्रेस के संगठन के गठन प्रक्रिया में बदलाव पर विचार कर रही है. पूरे देश में दोनों संगठनों के पदाधिकारी, युवा कार्यकर्ताओं का चयन चुनाव प्रक्रिया से होता था. चर्चा है कि इस प्रक्रिया को समाप्त करने की तैयारी चल रही है. AICC (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) ने कांग्रेस के देशभर के विधायकों और सांसदों से इसके लिए सुझाव मांगे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता इस पर लगातार मंथन कर रहे हैं. हालांकि मौजूदा पद्धति राहुल गांधी ने शुरू करवाई थी, लेकिन इस पद्धति का कोई खास फायदा कांग्रेस को नजर नहीं आया और बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस छात्रों और युवाओं को जोड़ने में असफल रही.


इस मामले में मध्यप्रदेश एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी का कहना है कि संगठनात्मक स्तर पर कुछ बड़े परिवर्तन की बातचीत चल रही है. AICC ने देश के सभी विधायकों और सांसदों से इसके लिए सुझाव मांगे हैं. माना जा रहा है कि देशभर में NSUI और युवक कांग्रेस संगठन के चुनाव के तरीके में बदलाव किए जाएंगे.

भोपाल। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार का शिकार हुई कांग्रेस अब अपने संगठन और मोर्चे में बड़ा बदलाव करने जा रही है. अब AICC नए सिरे से NSUI और युवक कांग्रेस के गठन पर विचार कर रही है. इसके लिए पूरे देश के विधायकों और सांसदों से सुझाव मांगे गए हैं.

कांग्रेस अब अपने संगठन और मोर्चे में बड़ा बदलाव करने जा रही है.


दरअसल AICC, एनएसयूआई और युवक कांग्रेस के संगठन के गठन प्रक्रिया में बदलाव पर विचार कर रही है. पूरे देश में दोनों संगठनों के पदाधिकारी, युवा कार्यकर्ताओं का चयन चुनाव प्रक्रिया से होता था. चर्चा है कि इस प्रक्रिया को समाप्त करने की तैयारी चल रही है. AICC (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) ने कांग्रेस के देशभर के विधायकों और सांसदों से इसके लिए सुझाव मांगे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता इस पर लगातार मंथन कर रहे हैं. हालांकि मौजूदा पद्धति राहुल गांधी ने शुरू करवाई थी, लेकिन इस पद्धति का कोई खास फायदा कांग्रेस को नजर नहीं आया और बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस छात्रों और युवाओं को जोड़ने में असफल रही.


इस मामले में मध्यप्रदेश एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी का कहना है कि संगठनात्मक स्तर पर कुछ बड़े परिवर्तन की बातचीत चल रही है. AICC ने देश के सभी विधायकों और सांसदों से इसके लिए सुझाव मांगे हैं. माना जा रहा है कि देशभर में NSUI और युवक कांग्रेस संगठन के चुनाव के तरीके में बदलाव किए जाएंगे.

Intro:भोपाल।हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार का शिकार हुई कांग्रेस अब अपने संगठन और मोर्चा में बड़ा बदलाव करने जा रही है। बदलाव की बयार का सबसे ज्यादा असर एनएसयूआई और युवक कांग्रेस में देखने को मिलेगा। गौरतलब है कि अब तक एनएसयूआई और युवक कांग्रेस के पदाधिकारियों का चयन चुनाव प्रक्रिया से होता था। इस प्रक्रिया को लेकर यह माना जाता था कि इस पद्धति से असली नेतृत्व का चयन होगा और नए छात्र और युवा प्रतिभाएं कांग्रेस से जुड़ेंगे। लेकिन इस पद्धति का उल्टा असर देखने को मिला और धनबल और बाहुबल वाले छात्रों और युवाओं ने संगठनों के पदों पर कब्जा कर लिया। लेकिन यह लोग नव मतदाताओं और युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने में कारगर भूमिका नहीं निभा पाए। जबकि बीजेपी ने युवाओं और मतदाताओं को रिझाने में कांग्रेस को पछाड़ दिया। अब एआईसीसी नए सिरे से एनएसयूआई और युवक कांग्रेस के गठन पर विचार कर रही है। इसके लिए पूरे देश के विधायकों और सांसदों से सुझाव मांगे गए हैं।


Body:दरअसल एआईसीसी एनएसयूआई और युवक कांग्रेस के संगठन के गठन प्रक्रिया में बदलाव पर विचार कर रही है। पूरे देश में दोनों संगठनों के पदाधिकारी, युवा कार्यकर्ताओं का चयन चुनाव प्रक्रिया से होता था। चर्चा है कि इस प्रक्रिया को समाप्त करने की तैयारी चल रही है। एआईसीसी ने कांग्रेस के देशभर के विधायकों और सांसदों से इसके लिए सुझाव मांगे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता इस पर लगातार मंथन कर रहे हैं। हालांकि मौजूदा पद्धति राहुल गांधी ने शुरू करवाई थी। लेकिन इस पद्धति का कोई खास फायदा कांग्रेस को नजर नहीं आया और बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस छात्रों को और युवाओं को जोड़ने में असफल रही। इसके पीछे यह माना जाता है कि चुनाव पद्धति के चलते धनबल और बाहुबल वाले नेताओं ने इन पदों पर कब्जा कर लिया। इसी वजह से छात्र और युवा संगठन लगातार कमजोर होते रहे है।


Conclusion:इस मामले में मध्यप्रदेश एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी का कहना है कि संगठनात्मक स्तर पर कुछ बड़े परिवर्तन की बातचीत चल रही है। एआईसीसी ने देश के सभी विधायकों और सांसदों से इसके लिए सुझाव मांगे हैं। माना जा रहा है कि देशभर में एनएसयूआई और युवक कांग्रेस संगठन के चुनाव के तरीके में बदलाव किए जाएंगे। फिलहाल इसके लिए चर्चा जारी है और हो सकता है कि जल्दी चयन प्रक्रिया में कुछ बदलाव किया जाए। इससे निश्चित ही संगठन को फायदा मिलेगा और देशभर में एनएसयूआई और युवक कांग्रेस से छात्रों और युवाओं को आने का मौका मिलेगा। इसमें नए लोगों को जोड़ने के लिए प्रक्रिया सरल की जाएगी। फिलहाल जो पद्धति चल रही है, उसमें छात्र सदस्यता के माध्यम से एनएसयूआई से जुड़ता है। जो कॉलेज का अध्यक्ष है, उसका कार्यकाल एक साल का होता है।जिला अध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों का कार्यकाल 2 से 3 साल तक का होता है। लेकिन इसमें अब बदलाव की आवश्यकता महसूस की जा रही है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए प्रक्रिया को सरल करने पर विचार चल रहा है।उम्र की सीमा भी नए सिरे से तय की जाएगी कि किस उम्र तक एनएसयूआई के सदस्य बनाए जाएं और किस उम्र तक युवक कांग्रेस के सदस्य बनाए जाएं।
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