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सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़ाने के लिए बैठक आयोजित, ग्रामीणों को दी गई जानकारी

हरदा जिले के खेड़ीनिमा गांव में ग्राम चौपाल लगाई गई. यहां शिक्षा विभाग के बीआरसी पीसी केवट, एपीसी हेमंत सहित अन्य अधिकारियों ने सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया.

ग्रामीणों ने लिया बच्चों की सरकारी स्कूल भेजने का प्रण
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Published : Jun 15, 2019, 3:29 PM IST

Updated : Jun 16, 2019, 12:37 PM IST

हरदा। सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या को बढ़ाने के लिए के लिए ग्रामीणों को बुलाकर उन्हें सरकारी स्कूलों में पूरे साल में होने वाली वार्षिक कार्य योजना, स्कूल में मिलने वाली मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ शासन से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई. जिसके बाद लोगों ने अपने बच्चों के साथ-साथ पूरे गांव के बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाने का संकल्प लिया.

ग्रामीणों ने लिया बच्चों की सरकारी स्कूल भेजने का प्रण
सरकारी स्कूलों से दूरी बनाए जाने के चलते उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलने के बावजूद बच्चों की संख्या कम हो रही है. इस कमी की वजह को जानने पर पता लगा कि ग्रामीणों की आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते अब लोग सरकारी स्कूलों की बजाय निजी स्कूलों में बच्चों को भेजने लगे हैं, लेकिन इस शिक्षा चौपाल में शामिल होने वाले ग्रामीणों ने इस बात को माना कि उनके द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है. जिसके चलते अब वे अपने पूरे गांव के बच्चों को सरकारी स्कूल में हीं दाखिला दिलाने के लिए मास्टर के साथ घर-घर जाकर संपर्क करेंगे.
  • सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या को बढ़ाने के लिए के लिए ग्रामीणों को बुलाकर दी गई कई जानकारी
  • सरकारी स्कूलों में पूरे साल में होने वाली वार्षिक कार्य योजना से ग्रामीणों को कराया गया अवगत
  • लोगों ने अपने बच्चों के साथ-साथ पूरे गांव के बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाने का लिया संकल्प

हरदा। सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या को बढ़ाने के लिए के लिए ग्रामीणों को बुलाकर उन्हें सरकारी स्कूलों में पूरे साल में होने वाली वार्षिक कार्य योजना, स्कूल में मिलने वाली मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ शासन से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई. जिसके बाद लोगों ने अपने बच्चों के साथ-साथ पूरे गांव के बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाने का संकल्प लिया.

ग्रामीणों ने लिया बच्चों की सरकारी स्कूल भेजने का प्रण
सरकारी स्कूलों से दूरी बनाए जाने के चलते उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलने के बावजूद बच्चों की संख्या कम हो रही है. इस कमी की वजह को जानने पर पता लगा कि ग्रामीणों की आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते अब लोग सरकारी स्कूलों की बजाय निजी स्कूलों में बच्चों को भेजने लगे हैं, लेकिन इस शिक्षा चौपाल में शामिल होने वाले ग्रामीणों ने इस बात को माना कि उनके द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है. जिसके चलते अब वे अपने पूरे गांव के बच्चों को सरकारी स्कूल में हीं दाखिला दिलाने के लिए मास्टर के साथ घर-घर जाकर संपर्क करेंगे.
  • सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या को बढ़ाने के लिए के लिए ग्रामीणों को बुलाकर दी गई कई जानकारी
  • सरकारी स्कूलों में पूरे साल में होने वाली वार्षिक कार्य योजना से ग्रामीणों को कराया गया अवगत
  • लोगों ने अपने बच्चों के साथ-साथ पूरे गांव के बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाने का लिया संकल्प
Intro:यह स्पेशल खबर है कृपया उचित स्थान और सभी विजुअल को महत्त्व दीजिए।
हरदा जिले के ग्राम खेड़ीनिमा में शिक्षा विभाग की अनूठी पहल एवं नवाचार किया गया है।संभवतः पूरे मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों में दर्ज संख्या को बढ़ाने के लिए के लिए पूरे गांव में रहने वाले ग्रामीणों को बुलाकर उन्हें सरकारी स्कूलों में पूरे साल में होने वाली वार्षिक कार्य योजना ,स्कूल में मिलने वाली मुफ्त शिक्षा के साथ साथ उन्हें शासन से मिलने वाली सुविधाओं के साथ साथ उच्च प्रशिक्षित शिक्षकों के द्वारा अध्यापन कार्य कराए जाने की जानकारी भी प्रदान की गई।जिसको लेकर पूरे ग्राम के लोगों ने यहां आयोजित शिक्षा चौपाल में अपने बच्चों के साथ साथ पूरे ग्राम के बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाने का भी संकल्प लिया।


Body:स्कूलों से समाज और समुदाय के द्वारा दूरी बनाए जाने के चलते सरकारी स्कूलों में लगातार दर्ज संख्या उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलने के वाबजूद भी कम हो रही थी।इस कमी की वजह को जानने पर पता लगा की ग्रामीणों की आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते अब लोग सरकारी स्कूलों की बजाय निजी स्कूलों में बच्चों को भेजने लगे हैं।लेकिन इस शिक्षा चौपाल में शामिल होने वाले ग्रामीणों ने इस बात को माना कि उनके द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी उन्हें उनके द्वारा खर्च किए जा रहे रुपयों के अनुरूप शिक्षा नही मिल पा रही है।जिसके चलते अब वे अपने पूरे गांव के बच्चों को सरकारी स्कूल में हीं दाखिला दिलाने के लिए मास्टर जी के साथ घर घर जाकर संपर्क करेंगे।साथ ही ग्राम के हर वर्ग के बच्चों की नियमित उपस्थिति, उच्चतम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा स्तर की प्राप्ति के लिए पालक और समुदाय की सहभागिता बढ़ाने आगे आएंगे।शिक्षा चौपाल में ग्रामीणों ओर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने परस्पर वार्तालाप कर कमियों को दूर कर पूरे प्रदेश में अपने गांव के सरकारी स्कूल को एक आदर्श स्कूल बनाने का भी निर्णय लिया।
बाईट- सेवकराम डूडी,ग्रामीण
बाईट- गीता मेहरा,ग्रामीण महिला


Conclusion:हरदा जिले के ग्राम खेड़ीनिमा में लगी ग्राम चौपाल में शिक्षा विभाग के बीआरसी पीसी केवट,एपीसी हेमंत गौर,बीएसी राजन सिंह रघुवंशी,अनिल चैतन्य,जनशिक्षक अनूप शर्मा,दिनेश सराठे,मुनीराम रावत आदि मौजूद रहे।
डाइट के व्याख्याता बंशीलाल गुर्जर ने बताया कि जिला कलेक्टर एस विश्वनाथन की मंशा अनुसार जिस तरह ग्राम पंचायत स्तर पर जिस तरह ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाता रहा है।ठीक उसी तरह से सरकारी स्कूलों में समाज और समुदाय की सहभागिता को बढ़ाने के उद्देश्य से शिक्षा चोपाल का नया प्रयोग किया गया है।उन्होंने कहा कि यदि ग्रामीणों की शिक्षा और स्कूलों में सहभागिता बढ़ती है तो निश्चित ही सरकारी स्कूलों के रिजल्ट और दर्ज संख्या में व्रद्धि होगी।
बाईट -बंशीलाल गुर्जर
डाइट ब्याख्याता,हरदा
Last Updated : Jun 16, 2019, 12:37 PM IST
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