जबलपुर। गर्भ में पल रहे बच्चे को उसकी मां के जरिये एचआईवी का संक्रमण खतरा उसके ऊपर मंडरा रहा है, यही वजह है कि मां अपने नवजात बच्चे को स्तनपान से दूर रख डिब्बा बंद दूध पिला रही हैं. संभाग की सबसे बड़ी लेडी एल्गिन अस्पताल में सिर्फ 2019 में अभी तक 7 महिलाओं की एचआईपी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
दरअसल, एचआईपी पीड़ित महिलाओं का आंकड़ा वर्ष 2017 और 2018 में भी कम नहीं था. हालांकि लेडी एल्गिन अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर एचाआईवी से पीड़ित मां और बच्चे के ईलाज की व्यवस्था की गई है.
लेडी एल्गिन अस्पताल में 2019 के मई माह तक एचआईवी से पीड़ित 5 महिलाएं प्रशव के लिए भर्ती हो चुकी हैं, डॉक्टरों की माने तो जब भी किसी महिला प्रशव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाता है. तो उनके कई प्रकार की जांच कराई जाती हैं. जिसमें एचआई टेस्ट भी भी होता है.
अगर पीड़िता की तबियत ज्यादा खराब है, तो मेडिकल कॉलेज में उनका ईलाज कराकर उन्हें दवा भी दी जाती है. इस दवा से जच्चा और बच्चा दोनों ही एचआईवी से सुरक्षित रहते हैं. वहीं स्तनपान की बात करें तो अगर मां चाहे तो अपने बच्चे को स्तनपान करवा सकती है.
साल दर साल एचआईवी के मामले आए सामने-
- वर्ष 2015 -15
- वर्ष 2016 -12
- वर्ष 2017 -26
- वर्ष 2018 -22
- वर्ष 2019 (जनवरी से मई) -07