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HIV पॉजिटिव महिला से होने वाले बच्चे को संक्रमण का खतरा, ऐसे कर रही हैं बचाव

गर्भ में पल रहे बच्चे को बचाने के लिए मां अपने नवजात बच्चे को स्तनपान से दूर रख डिब्बा बंद दूध पिला रही हैं, लेडी एल्गिन अस्पताल में 2019 के मई माह तक एचआईवी से पीड़ित 5 महिलाएं प्रशव के लिए भर्ती हो चुकी हैं.

लेडी एल्गिन अस्पताल
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Published : May 28, 2019, 12:09 AM IST

जबलपुर। गर्भ में पल रहे बच्चे को उसकी मां के जरिये एचआईवी का संक्रमण खतरा उसके ऊपर मंडरा रहा है, यही वजह है कि मां अपने नवजात बच्चे को स्तनपान से दूर रख डिब्बा बंद दूध पिला रही हैं. संभाग की सबसे बड़ी लेडी एल्गिन अस्पताल में सिर्फ 2019 में अभी तक 7 महिलाओं की एचआईपी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

जानकारी देते हुए डॉक्टर


दरअसल, एचआईपी पीड़ित महिलाओं का आंकड़ा वर्ष 2017 और 2018 में भी कम नहीं था. हालांकि लेडी एल्गिन अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर एचाआईवी से पीड़ित मां और बच्चे के ईलाज की व्यवस्था की गई है.
लेडी एल्गिन अस्पताल में 2019 के मई माह तक एचआईवी से पीड़ित 5 महिलाएं प्रशव के लिए भर्ती हो चुकी हैं, डॉक्टरों की माने तो जब भी किसी महिला प्रशव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाता है. तो उनके कई प्रकार की जांच कराई जाती हैं. जिसमें एचआई टेस्ट भी भी होता है.


अगर पीड़िता की तबियत ज्यादा खराब है, तो मेडिकल कॉलेज में उनका ईलाज कराकर उन्हें दवा भी दी जाती है. इस दवा से जच्चा और बच्चा दोनों ही एचआईवी से सुरक्षित रहते हैं. वहीं स्तनपान की बात करें तो अगर मां चाहे तो अपने बच्चे को स्तनपान करवा सकती है.


साल दर साल एचआईवी के मामले आए सामने-

  • वर्ष 2015 -15
  • वर्ष 2016 -12
  • वर्ष 2017 -26
  • वर्ष 2018 -22
  • वर्ष 2019 (जनवरी से मई) -07

जबलपुर। गर्भ में पल रहे बच्चे को उसकी मां के जरिये एचआईवी का संक्रमण खतरा उसके ऊपर मंडरा रहा है, यही वजह है कि मां अपने नवजात बच्चे को स्तनपान से दूर रख डिब्बा बंद दूध पिला रही हैं. संभाग की सबसे बड़ी लेडी एल्गिन अस्पताल में सिर्फ 2019 में अभी तक 7 महिलाओं की एचआईपी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

जानकारी देते हुए डॉक्टर


दरअसल, एचआईपी पीड़ित महिलाओं का आंकड़ा वर्ष 2017 और 2018 में भी कम नहीं था. हालांकि लेडी एल्गिन अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर एचाआईवी से पीड़ित मां और बच्चे के ईलाज की व्यवस्था की गई है.
लेडी एल्गिन अस्पताल में 2019 के मई माह तक एचआईवी से पीड़ित 5 महिलाएं प्रशव के लिए भर्ती हो चुकी हैं, डॉक्टरों की माने तो जब भी किसी महिला प्रशव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाता है. तो उनके कई प्रकार की जांच कराई जाती हैं. जिसमें एचआई टेस्ट भी भी होता है.


अगर पीड़िता की तबियत ज्यादा खराब है, तो मेडिकल कॉलेज में उनका ईलाज कराकर उन्हें दवा भी दी जाती है. इस दवा से जच्चा और बच्चा दोनों ही एचआईवी से सुरक्षित रहते हैं. वहीं स्तनपान की बात करें तो अगर मां चाहे तो अपने बच्चे को स्तनपान करवा सकती है.


साल दर साल एचआईवी के मामले आए सामने-

  • वर्ष 2015 -15
  • वर्ष 2016 -12
  • वर्ष 2017 -26
  • वर्ष 2018 -22
  • वर्ष 2019 (जनवरी से मई) -07
Intro:जबलपुर
गर्भ में पल रहे बच्चे को उसकी माँ के जरिये hiv का संक्रमण उसके ऊपर मंडरा रहा है यही वजह है कि माँ अपने नवजात बच्चे को स्तनपान से दूर रख डिब्बेबन्द दूध पिला रही है।संभाग की सबसे बड़ी लेडी एल्गिन अस्पताल में सिर्फ 2019 में अभी तक 7 महिलाओं की hiv रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।जबकि hiv पीड़ित महिलाओं का आंकड़ा वर्ष 2017 और 2018 में भी कम नही था।हालांकि लेडी एल्गिन अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर hiv से पीड़ित माँ और बच्चे का बेहतर ईलाज की व्यवस्था जरूर की गई है।


Body:लेडी एल्गिन अस्पताल में 2019 के मई माह तक hiv से पीड़ित 5 महिलाए प्रशव के लिए भर्ती हो चुकी है।डॉक्टरों की माने तो जब भी कोई महिला प्रशव के लिए अस्पताल में भर्ती होती है तो उनके परीक्षण किये जाते है जिसमे hiv टेस्ट भी होते है।अगर पीड़िता की तबियत ज्यादा खराब है तो मेडिकल कॉलेज में उनका ईलाज कर उन्हें दवा भी दी जाती है।इस दवा से जच्चा और बच्चा दोनों ही hiv से सुरक्षित रहते है।वही स्तनपान की बात करे तो अगर माँ चाहे तो अपने बच्चे को स्तनपान करवा सकती है।


Conclusion:साल दर साल कुछ इस तरह से hiv के मामले आ रहे है सांमने।
वर्ष 2015 15
वर्ष 2016 12
वर्ष 2017 26
वर्ष 2018 22
वर्ष 2019(जन-मई)07
bite.1-डॉ संजय मिश्रा......चिकित्सक, लेडी एल्गिन हॉस्पिटल
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