ग्वालियर। संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय अच्छे खासे लोगों को बीमार बना रहा है. हवा में प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ महीनों में सबसे अधिक हो गया है. जिससे हवा ऑक्सीजन की मात्र कम हो गई है. इससे पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हवा में धूल के कण ज्यादा मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन को नोटिस थमाया था.
ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल के सफाई की ठेका लेने वाली बीवीजी कंपनी कचरे को इकट्ठा कर उसमें आग लगा रही है, जबकि यह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 का साफ साफ उल्लंघन है. इस मामले में बोर्ड ने डीन को 7 दिन के भीतर कार्रवाई कराने का निर्देश दिया है. वहीं सफाई कंपनी के कर्मचारी अभी भी अपशिष्ट का सही डिस्पोजल नहीं कर रहे हैं. जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिसंबर 2018 और मार्च 2019 में हवा में प्रदूषण का स्तर नापने का यंत्र स्थापित किया था जिसमें महीने भर मशीन में धूल के कण का स्तर जयारोग्य अस्पताल परिसर में पीएम10 की मात्रा 154 पाई गई थी, जो अपने सामान्य से ज्यादा है. जबकि मशीन में धूल के कण सौ से ज्यादा नहीं होने चाहिए.
इसके पीछे के कारणों में अस्पताल परिसर में बने डंपिंग ग्राउंड में सफाई ठेकेदार द्वारा डाले जा रहे, मेडिकल अपशिष्ट और वहां कचरे में आग लगाने की घटना को जिम्मेदार माना गया है. हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने सफाई कंपनी बीवीजी पर साढ़े चार लाख का जुर्माना लगाया था.
मामले पर जानकारी देते हुए जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक ने कहा कि यह पूरी लापरवाही बीवीजी कंपनी की है. उन्होने कहा कि डपिंग ग्राउड गलत तरीके से बनाया गया है. हमने कंपनी को नोटिस जारी कर साफ कह दिया है कि वह अस्पताल परिसर में किसी प्रकार के मेडिकल कचरे को रही जलाए.