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ग्वालियर: जयारोग्य अस्पताल की बदली अवो-हवा, प्रदूषण का स्तर बढ़ा, पीएम-10 का स्तर पहुंचा 154

ग्वालियर संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय अच्छे खासे लोगों को बीमार बना रहा है. हवा में प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ महीनों में सबसे अधिक हो गया है. जिससे हवा ऑक्सीजन की मात्र कम हो गई है. इससे पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हवा में धूल के कण ज्यादा मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन को नोटिस थमाया था.

ग्वालियर
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Published : Apr 4, 2019, 9:46 PM IST

ग्वालियर। संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय अच्छे खासे लोगों को बीमार बना रहा है. हवा में प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ महीनों में सबसे अधिक हो गया है. जिससे हवा ऑक्सीजन की मात्र कम हो गई है. इससे पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हवा में धूल के कण ज्यादा मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन को नोटिस थमाया था.

जयोरोग्य अस्पताल में जमा होता मेडीकल कचरा

ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल के सफाई की ठेका लेने वाली बीवीजी कंपनी कचरे को इकट्ठा कर उसमें आग लगा रही है, जबकि यह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 का साफ साफ उल्लंघन है. इस मामले में बोर्ड ने डीन को 7 दिन के भीतर कार्रवाई कराने का निर्देश दिया है. वहीं सफाई कंपनी के कर्मचारी अभी भी अपशिष्ट का सही डिस्पोजल नहीं कर रहे हैं. जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिसंबर 2018 और मार्च 2019 में हवा में प्रदूषण का स्तर नापने का यंत्र स्थापित किया था जिसमें महीने भर मशीन में धूल के कण का स्तर जयारोग्य अस्पताल परिसर में पीएम10 की मात्रा 154 पाई गई थी, जो अपने सामान्य से ज्यादा है. जबकि मशीन में धूल के कण सौ से ज्यादा नहीं होने चाहिए.

इसके पीछे के कारणों में अस्पताल परिसर में बने डंपिंग ग्राउंड में सफाई ठेकेदार द्वारा डाले जा रहे, मेडिकल अपशिष्ट और वहां कचरे में आग लगाने की घटना को जिम्मेदार माना गया है. हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने सफाई कंपनी बीवीजी पर साढ़े चार लाख का जुर्माना लगाया था.

मामले पर जानकारी देते हुए जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक ने कहा कि यह पूरी लापरवाही बीवीजी कंपनी की है. उन्होने कहा कि डपिंग ग्राउड गलत तरीके से बनाया गया है. हमने कंपनी को नोटिस जारी कर साफ कह दिया है कि वह अस्पताल परिसर में किसी प्रकार के मेडिकल कचरे को रही जलाए.

ग्वालियर। संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय अच्छे खासे लोगों को बीमार बना रहा है. हवा में प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ महीनों में सबसे अधिक हो गया है. जिससे हवा ऑक्सीजन की मात्र कम हो गई है. इससे पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हवा में धूल के कण ज्यादा मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन को नोटिस थमाया था.

जयोरोग्य अस्पताल में जमा होता मेडीकल कचरा

ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल के सफाई की ठेका लेने वाली बीवीजी कंपनी कचरे को इकट्ठा कर उसमें आग लगा रही है, जबकि यह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 का साफ साफ उल्लंघन है. इस मामले में बोर्ड ने डीन को 7 दिन के भीतर कार्रवाई कराने का निर्देश दिया है. वहीं सफाई कंपनी के कर्मचारी अभी भी अपशिष्ट का सही डिस्पोजल नहीं कर रहे हैं. जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिसंबर 2018 और मार्च 2019 में हवा में प्रदूषण का स्तर नापने का यंत्र स्थापित किया था जिसमें महीने भर मशीन में धूल के कण का स्तर जयारोग्य अस्पताल परिसर में पीएम10 की मात्रा 154 पाई गई थी, जो अपने सामान्य से ज्यादा है. जबकि मशीन में धूल के कण सौ से ज्यादा नहीं होने चाहिए.

इसके पीछे के कारणों में अस्पताल परिसर में बने डंपिंग ग्राउंड में सफाई ठेकेदार द्वारा डाले जा रहे, मेडिकल अपशिष्ट और वहां कचरे में आग लगाने की घटना को जिम्मेदार माना गया है. हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने सफाई कंपनी बीवीजी पर साढ़े चार लाख का जुर्माना लगाया था.

मामले पर जानकारी देते हुए जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक ने कहा कि यह पूरी लापरवाही बीवीजी कंपनी की है. उन्होने कहा कि डपिंग ग्राउड गलत तरीके से बनाया गया है. हमने कंपनी को नोटिस जारी कर साफ कह दिया है कि वह अस्पताल परिसर में किसी प्रकार के मेडिकल कचरे को रही जलाए.

Intro: ग्वालियर
ग्वालियर चंबल अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल यानी जयारोग्य चिकित्सालय समूह मरीजों की बीमारियां ठीक करने की बजाए अच्छे खासे और स्वस्थ लोगों को बीमार बनाने का काम कर रहा है। यहां हवा में प्रदूषण का स्तर निर्धारित स्तर से काफी ज्यादा निकला है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हवा में धूल के कण ज्यादा मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन को नोटिस थमाया है।


Body:दरअसल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिसंबर 2018 और मार्च में हवा में प्रदूषण का स्तर नापने का यंत्र स्थापित किया था महीने भर के लिए स्थापित यंत्र में धूल के कण का स्तर जयारोग्य अस्पताल परिसर में पीएम 10 में 154 पाया। जबकि यहां हवा में धूल के कण सौ से ज्यादा नहीं होने थे। इसके पीछे जब कारण पता लगा तो अस्पताल परिसर में बने डंपिंग ग्राउंड में सफाई ठेकेदार द्वारा डाले जा रहे मेडिकल अपशिष्ट और वहां कचरे में आग लगाने की घटना को पाया। इसके बाद 15 मार्च और 19 मार्च को सफाई कंपनी बीवीजी पर अस्पताल प्रबंधन ने 4 . 6 0 लाख का जुर्माना लगाया वही संभागीय आयुक्त ने सफाई का ठेका लेने वाली कंपनी पर एक लाख रूपये का फाइन किया है।


Conclusion:दरअसल जयारोग्य अस्पताल सफाई का ठेका लेने वाली बीवीजी कंपनी जगह जगह कचरा इकट्ठा कर आग लगा रही है जबकि यह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 का सरासर उल्लंघन है। इस मामले में बोर्ड ने डीन को 7 दिन के भीतर कार्रवाई कराने का निर्देश दिया है। वहीं सफाई कंपनी के कर्मचारी अभी भी अपशिष्ट का सही डिस्पोजल नहीं कर रहे हैं। जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। खास बात यह है कि जिस जगह कंपनी ने डंपिंग ग्राउंड बनाया है वहां कर्मचारियों के भी आवास बने हुए हैं पिछले दिनों कर्मचारी आवास में रहने वाला लक्ष्मी नारायण नामक व्यक्ति प्रदूषण की वजह से बेहोश हो गया था ।अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यदि सफाई ठेकेदार ने ठीक तरह से काम नहीं किया तो उसके कॉन्ट्रैक्ट को निरस्त करने के लिए सरकार को लिखा जाएगा।
डा अशोक मिश्रा अधीक्षक जयारोग्य अस्पताल समूह ग्वालियर
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