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भिंड: इस गांव में सड़कों की जगह हैं कीचड़, कई ग्रामीण गिरकर हो चुके हैं घायल - भिंड

भिंड जिले के गोहद विधानसभा का हबीपुरा गांव ऐसा है जहां आज भी लोग गंदगी में रह रहे हैं. सफाईकर्मी हर रोज अपना काम करते हैं, इसके बावजूद इस गांव में सड़कों की जगह कीचड़ दिखाई देता है.

गोहद विधानसभा का हबीपुरा गांव
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Published : May 31, 2019, 11:59 PM IST

भिंड। एक ओर जहां सरकार देश को स्वच्छ बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रहा है. शौचालय निर्माण से लेकर स्वच्छ भारत अभियान तक को तवज्जो देने के लिए करोड़ों रुपए हर महीने खर्च किया जा रहै हैं, वही भिंड जिले के गोहद विधानसभा का हबीपुरा गांव ऐसा है जहां आज भी लोग गंदगी में रह रहे हैं. सफाईकर्मी हर रोज अपना काम करते हैं, इसके बावजूद इस गांव में सड़कों की जगह कीचड़ दिखाई देता है.

ग्रामीणों का कहना है कि गांव की हालत गांव के सरपंच की वजह से है, जिन्होंने कभी गांव के विकास पर ध्यान नहीं दिया. इतना ही नहीं उनका यह भी कहना है कि गांव में जगह-जगह गड्ढे हैं जिन्हें भरवाया नहीं गया है. ऐसे में सड़कों पर कीचड़ ही कीचड़ हो चुका है. यहां तक कि वाहनों के निकलने में भी परेशानी होती है. अक्सर लोग चोटिल भी हो जाते हैं. गांववालों का भी कहना है कि गांव की स्थिति की जानकारी पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य से लेकर सरपंच तक को है, लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं दिया है.

गोहद विधानसभा का हबीपुरा गांव

सचिव का कहना था कि उन्होंने कई बार लोगों को अभियान चलाकर और जानकारी देकर स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया है. इसके बावजूद लोग अपने घरों का कचरा सही जगह नहीं फेंकते हैं. गांव में धीरे-धीरे सारी प्रस्तावित सड़कें बन रही हैं. विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में आचार संहिता लगने से कुछ समय के लिए सड़कों का निर्माण कार्य रुक गया था जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा. वहीं मनरेगा कार्यों को लेकर के कहा कि मनरेगा कार्यों का पेमेंट नहीं होने की वजह से काम में रूकावट आई है लेकिन जैसे ही पेमेंट होगा वह काम भी जल्द पूरे कर लिए जाएंगे.

भिंड। एक ओर जहां सरकार देश को स्वच्छ बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रहा है. शौचालय निर्माण से लेकर स्वच्छ भारत अभियान तक को तवज्जो देने के लिए करोड़ों रुपए हर महीने खर्च किया जा रहै हैं, वही भिंड जिले के गोहद विधानसभा का हबीपुरा गांव ऐसा है जहां आज भी लोग गंदगी में रह रहे हैं. सफाईकर्मी हर रोज अपना काम करते हैं, इसके बावजूद इस गांव में सड़कों की जगह कीचड़ दिखाई देता है.

ग्रामीणों का कहना है कि गांव की हालत गांव के सरपंच की वजह से है, जिन्होंने कभी गांव के विकास पर ध्यान नहीं दिया. इतना ही नहीं उनका यह भी कहना है कि गांव में जगह-जगह गड्ढे हैं जिन्हें भरवाया नहीं गया है. ऐसे में सड़कों पर कीचड़ ही कीचड़ हो चुका है. यहां तक कि वाहनों के निकलने में भी परेशानी होती है. अक्सर लोग चोटिल भी हो जाते हैं. गांववालों का भी कहना है कि गांव की स्थिति की जानकारी पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य से लेकर सरपंच तक को है, लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं दिया है.

गोहद विधानसभा का हबीपुरा गांव

सचिव का कहना था कि उन्होंने कई बार लोगों को अभियान चलाकर और जानकारी देकर स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया है. इसके बावजूद लोग अपने घरों का कचरा सही जगह नहीं फेंकते हैं. गांव में धीरे-धीरे सारी प्रस्तावित सड़कें बन रही हैं. विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में आचार संहिता लगने से कुछ समय के लिए सड़कों का निर्माण कार्य रुक गया था जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा. वहीं मनरेगा कार्यों को लेकर के कहा कि मनरेगा कार्यों का पेमेंट नहीं होने की वजह से काम में रूकावट आई है लेकिन जैसे ही पेमेंट होगा वह काम भी जल्द पूरे कर लिए जाएंगे.

Intro:एक और जहां भारत सरकार देश को स्वच्छ बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रहा है जहां शौचालय निर्माण से लेकर स्वच्छ भारत अभियान तक को तवज्जो देने के लिए करोड़ों रुपए हर महीने खर्च हो रहे हैं वही भिंड का एक गांव ऐसा भी है जहां आज भी लोग गंदगी में रह रहे हैं इस गांव में हर जगह सड़कों की जगह कीचड़ दिखाई देता है


Body:भिंड जिले के गोहद विधानसभा में अभी पूरा नाम की ग्राम पंचायत है जहां आज भी स्वच्छता का अभाव देखने को मिलता है गांव में हर तरफ गंदगी पसरी हुई है कहने को सफाई कर्मी हर हर रोज अपना काम करते हैं बावजूद इसके इस गांव में सड़कों की जगह सिर्फ कीचड़ ही लदा दिखाई देता है

कुछ गांव वालों का कहना है कि गांव की हालत गांव के सरपंच की वजह से है जिन्होंने कभी गांव के विकास पर ध्यान नहीं दिया उनका आरोप है कि अगर गांव में प्रॉपर सड़कें बन जाए तो शायद इस तरह की गंदगी न फैले गांव वालों का कहना है कि गांव में जगह-जगह गड्ढे भी हैं जिन्हें भरवाया नहीं गया है ऐसे में सड़कों पर कीचड़ ही कीचड़ हो चुका है यहां तक कि वाहनों के निकलने में भी परेशानी होती है अक्सर लोग भी चोटिल हो जाते हैं गांव वालों का यह भी कहना है कि गांव की स्थिति की जानकारी पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य से लेकर सरपंच तक को है लेकिन कोई इस ओर ध्यान देना नहीं चाहता

बाइट- परशुराम, ग्रामीण, ग्राम हबीपुरा
बाइट- पंजाब सिंह, ग्रामीण

वहीं मामले को लेकर जब हबीपुरा ग्राम पंचायत के सचिव से बात की गई तो तो उनका कहना था कि स्वच्छता सिर्फ एक व्यक्ति के प्रयासों से नहीं होती उन्होंने कहा कि कई बार लोगों को अभियान चलाकर और जानकारी देकर स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया है बावजूद इसके लोग अपना घर का कचरा सही जगह नहीं फेंकते और क्योंकि आसपास खेत होने की वजह से अक्सर सड़कों पर मिट्टी कट्टी हो जाती है जो हल्का पानी आने में ही कीचड़ जैसा बन जाता है वहीं जब उनसे सड़कों को लेकर जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि गांव में धीरे-धीरे सारी प्रस्तावित सड़कें बन रही हैं आचार संहिता पहले विधानसभा और बाद में लोकसभा के चुनाव की वजह से लगने से कुछ समय के लिए सड़कों का निर्माण कार्य रुक गया था जिसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा क्योंकि गांव की आधी सड़कें बन चुकी हैं और कुछ प्रस्तावित सड़कें अभी बनना बाकी हैं वहीं मनरेगा कार्यो को लेकर के कहा कि मनरेगा कार्यों का पेमेंट नहीं होने की वजह से काम में रूकावट आई है लेकिन जैसे ही पेमेंट होगा वह काम भी जल्द पूरे कर लिए जाएंगे

बाइट- सोबरन सिंह, सचिव, ग्राम पंचायत हबीपूरा


Conclusion:अब गलती गांव वालों की माने या सरपंच और सचिव की। या कहें कि शायद जिला प्रशासन और मध्य प्रदेश शासन इन ग्रामीणों की समस्याएं सुनने को तैयार नहीं है, जिसकी वजह से स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगता नजर आ रहा है, क्योंकि जब तक सफाई के लिए कुछ कारगर कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक प्रधानमंत्री मोदी का स्वच्छ भारत का सपना शायद अधूरा ही नजर आएगा।

भिंड से ईटीवी भारत के लिए पियूष श्रीवास्तव की रिपोर्ट
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