ग्वालियर। हाल ही में स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने के बाद अब ग्वालियर नगर निगम एक्शन मोड में नजर आ रहा है. निगम ने डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए ईको ग्रीन कंपनी को काम सौंपा था. कंपनी की धीमी गति के चलते ग्वालियर स्वच्छ भारत रैंकिंग 2019 में पिछड़ गया, लेकिन अब निगम ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है.
निगम ने कंपनी को पीपीपी मॉडल पर प्रोजेक्ट दिया था जो कुल 254 करोड़ का है. इसके तहत कचरा कलेक्शन और कचरा प्रबंधन कर खाद बनाना शामिल है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के पहले प्रशासन ने कंपनी को 29 दिसंबर का समय दिया था. इसके बावजूद धीमी गति के चलते काम तय समय पर पूरा नहीं हुआ, तब निगम ने फरवरी माह तक का अतिरिक्त समय दे दिया, लेकिन इसके बाद भी कंपनी के काम करने के तरीके में कोई बदलाव नहीं आया.
कंपनी प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने नई 150 गाड़िया मंगा ली है, अभी उनके मॉडिफाई होने का काम चल रहा है. जल्द ही ग्वालियर शहर के बाकी इलाको को कवर कर लिया जाएगा.
महापौर विवेक सेजवलकर का इस बारे में कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश सरकार ने काम कंपनियों को दिया था. कंपनियों ने काम शुरू कर दिया है, लेकिन उनके काम करने की गति धीमी है. जिसको लेकर उन्हें चेताया भी गया है. अगर फिर भी कंपनी ऐसे ही काम करती रही तो उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी.