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स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने पर एक्शन मोड में नगर निगम, कंपनी पर जुर्माना लगाने की तैयारी

ग्वालियर नगर निगम ने डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के खिलाफ दिखाई सख्ती, कंपनी के धीमे काम से स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ा ग्वालियर शहर.

स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने पर एक्शन मोड में नगर निगम
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Published : Mar 15, 2019, 6:13 PM IST

Updated : Mar 15, 2019, 6:40 PM IST

ग्वालियर। हाल ही में स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने के बाद अब ग्वालियर नगर निगम एक्शन मोड में नजर आ रहा है. निगम ने डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए ईको ग्रीन कंपनी को काम सौंपा था. कंपनी की धीमी गति के चलते ग्वालियर स्वच्छ भारत रैंकिंग 2019 में पिछड़ गया, लेकिन अब निगम ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है.

स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने पर एक्शन मोड में नगर निगम, कंपनी पर जुर्माना लगाने की तैयारी

निगम ने कंपनी को पीपीपी मॉडल पर प्रोजेक्ट दिया था जो कुल 254 करोड़ का है. इसके तहत कचरा कलेक्शन और कचरा प्रबंधन कर खाद बनाना शामिल है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के पहले प्रशासन ने कंपनी को 29 दिसंबर का समय दिया था. इसके बावजूद धीमी गति के चलते काम तय समय पर पूरा नहीं हुआ, तब निगम ने फरवरी माह तक का अतिरिक्त समय दे दिया, लेकिन इसके बाद भी कंपनी के काम करने के तरीके में कोई बदलाव नहीं आया.

कंपनी प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने नई 150 गाड़िया मंगा ली है, अभी उनके मॉडिफाई होने का काम चल रहा है. जल्द ही ग्वालियर शहर के बाकी इलाको को कवर कर लिया जाएगा.

महापौर विवेक सेजवलकर का इस बारे में कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश सरकार ने काम कंपनियों को दिया था. कंपनियों ने काम शुरू कर दिया है, लेकिन उनके काम करने की गति धीमी है. जिसको लेकर उन्हें चेताया भी गया है. अगर फिर भी कंपनी ऐसे ही काम करती रही तो उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी.

ग्वालियर। हाल ही में स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने के बाद अब ग्वालियर नगर निगम एक्शन मोड में नजर आ रहा है. निगम ने डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए ईको ग्रीन कंपनी को काम सौंपा था. कंपनी की धीमी गति के चलते ग्वालियर स्वच्छ भारत रैंकिंग 2019 में पिछड़ गया, लेकिन अब निगम ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है.

स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने पर एक्शन मोड में नगर निगम, कंपनी पर जुर्माना लगाने की तैयारी

निगम ने कंपनी को पीपीपी मॉडल पर प्रोजेक्ट दिया था जो कुल 254 करोड़ का है. इसके तहत कचरा कलेक्शन और कचरा प्रबंधन कर खाद बनाना शामिल है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के पहले प्रशासन ने कंपनी को 29 दिसंबर का समय दिया था. इसके बावजूद धीमी गति के चलते काम तय समय पर पूरा नहीं हुआ, तब निगम ने फरवरी माह तक का अतिरिक्त समय दे दिया, लेकिन इसके बाद भी कंपनी के काम करने के तरीके में कोई बदलाव नहीं आया.

कंपनी प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने नई 150 गाड़िया मंगा ली है, अभी उनके मॉडिफाई होने का काम चल रहा है. जल्द ही ग्वालियर शहर के बाकी इलाको को कवर कर लिया जाएगा.

महापौर विवेक सेजवलकर का इस बारे में कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश सरकार ने काम कंपनियों को दिया था. कंपनियों ने काम शुरू कर दिया है, लेकिन उनके काम करने की गति धीमी है. जिसको लेकर उन्हें चेताया भी गया है. अगर फिर भी कंपनी ऐसे ही काम करती रही तो उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी.

Intro:ग्वालियर- हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने के बाद अब ग्वालियर नगर निगम एक्शन मोड़ पर नजर आ रहा है डोर टू डोर कलेक्शन के लिए अधिकृत एजेंसी इको ग्रीन कंपनी को नगर निगम ने पिछले साल दिसंबर तक निगम के सभी 66 वार्डों से कचरा कलेक्शन का काम करना था। कंपनी को फरवरी तक का अतिरिक्त समय दिया गया फिर भी केवल 40 बॉर्डर तक उनके बाहन दौड़ सके।अब निगम ने शक्ति दिखाना शुरू कर दिया है। और अब हर कंपनी को भुगतान की जाने वाली राशि में से 25 हजार के तौर पर वसूली जाएगी ।


Body:कंपनी को पीपीपी मॉडल पर यह प्रोजेक्ट दिया गया है कुल 254 करोड़ का यह प्रोजेक्ट है ।इसके तहत डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के साथ-साथ कचरा प्रबंधन के तहत खाद बनाना भी शामिल है। कंपनी का काम धीरे से चल रहा है इसके लिए उसे कई बार चेतावनी भी दी जा रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के पहले प्रशासन ने 29 दिसंबर तक का समय दिया था इस पीरियड में काम शुरू पूरा नहीं हुआ था तो फरवरी माह तक समय दिया गया । कंपनी को निगम के सभी वार्डों से डोर टू डोर कचरा का लक्ष्य करना है इस के निपटारे के लिए प्लांट लगाकर बिजली उत्पादन भी करना है। वर्तमान में कंपनी ने ग्वालियर से कचरा कलेक्शन के लिए 140 वाहन लगाएं । जहाँ यह बाहर नहीं जा सकते हैं । वहां लगभग डेढ़ सौ रिक्सो के माध्यम से कचरा इकट्ठा किया जा रहा है।


Conclusion:इस बारे में कंपनी प्रबंधन का कहना है कि हाल में ही नई गाड़ियां आर्डर किया था। इसके तहत लगभग 150 गाड़ियां आ गई है उनकी मॉडिफाई होने का काम चल रहा है जल्द ही ग्वालियर शहर के बाकी इलाको को कवर करने के काम में लगा दी जाएंगी इसके साथ ही एक सैकड़ा से अधिक गाड़ियां नगर निगम की भी है जो उनके हैंडओवर होने जा रही है। इस बारे में नगर निगम महापौर का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश को क्लस्टर में बांटकर विभिन्न कंपनियों को दिया था । उसमें अपना काम भी शुरू कर दिया है । लेकिन इसका काम करने की गति धीमी है। इसको लेकर उनको कई बार चेताया भी गया है यदि फिर भी नहीं मानेगी तो उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी ।

बाईट- विवेक सेजवालकर , महापौर
बाईट - अरविंद , सीईओ , एकोग्रीन कंपनी
Last Updated : Mar 15, 2019, 6:40 PM IST
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