भोपाल। भले ही विधानसभा के मानसून सत्र के कारण कमलनाथ सरकार की निगम-मंडल और प्राधिकरणों की नियुक्तियां रुक गई हों, लेकिन चर्चा है कि इन नियुक्तियों के जरिए कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को सरकार में किसी न किसी रूप में शामिल किया जाएगा. इन दिग्गजों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, अरुण यादव जैसे नेताओं के नाम हैं.
दरअसल निगम मंडल की नियुक्तियों में कमलनाथ सरकार ने उन नेताओं को प्राथमिकता देना तय किया है, जो विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव में पार्टी के कहने पर कठिन सीटों से चुनाव लड़े. इसके अलावा संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए चुनाव के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और अरुण यादव जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं.
केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी की परंपरागत सीट भोजपुर में भूतपूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा के खिलाफ चुनाव लड़ा था और हार गए थे. वहीं अरुण यादव ने भी राहुल गांधी के कहने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ बुधनी से चुनाव लड़ा था. इन नेताओं के अलावा दीपक सक्सेना का नाम भी निगम मंडल और प्राधिकरणों की नियुक्ति में सामने आ रहा है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से जीत हासिल करने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए छिंदवाड़ा सीट से इस्तीफा दे दिया था. इसके अलावा संगठन में काम करने वाले कई दिग्गज भी कमलनाथ सरकार का नियुक्तियों के जरिए हिस्सा बनेंगे.
इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है कि निगम मंडल आयोग और प्राधिकरण में हमेशा राजनीतिक नियुक्तियां होती रही हैं और आगे भी होती रहेंगी. अब किस निगम मंडल और किस प्राधिकरण में किसे रखा जाना है, यह संगठन प्रमुख और मुख्यमंत्री के निर्णय पर निर्भर करेगा, क्योंकि उन्हें भी जानकारी है और वह इस बात को अच्छे से जानते हैं कि किसकी, कहां और कितनी उपयोगिता है.