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सरकार से जुड़ेंगे MP कांग्रेस के दिग्गज, निगम मंडल और प्राधिकरणों में होगी नियुक्ति - suresh pachori

सरकार की निगम मंडल और प्राधिकरणों की नियुक्तियों के जरिए कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को पद देने की तैयारी है.

प्राधिकरणों की नियुक्ति
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Published : Jun 28, 2019, 1:36 PM IST

भोपाल। भले ही विधानसभा के मानसून सत्र के कारण कमलनाथ सरकार की निगम-मंडल और प्राधिकरणों की नियुक्तियां रुक गई हों, लेकिन चर्चा है कि इन नियुक्तियों के जरिए कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को सरकार में किसी न किसी रूप में शामिल किया जाएगा. इन दिग्गजों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, अरुण यादव जैसे नेताओं के नाम हैं.

प्राधिकरणों और निगम मंडलों में हो सकती है कांग्रेस के दिग्गजों की नियुक्ति


दरअसल निगम मंडल की नियुक्तियों में कमलनाथ सरकार ने उन नेताओं को प्राथमिकता देना तय किया है, जो विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव में पार्टी के कहने पर कठिन सीटों से चुनाव लड़े. इसके अलावा संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए चुनाव के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और अरुण यादव जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं.


केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी की परंपरागत सीट भोजपुर में भूतपूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा के खिलाफ चुनाव लड़ा था और हार गए थे. वहीं अरुण यादव ने भी राहुल गांधी के कहने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ बुधनी से चुनाव लड़ा था. इन नेताओं के अलावा दीपक सक्सेना का नाम भी निगम मंडल और प्राधिकरणों की नियुक्ति में सामने आ रहा है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से जीत हासिल करने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए छिंदवाड़ा सीट से इस्तीफा दे दिया था. इसके अलावा संगठन में काम करने वाले कई दिग्गज भी कमलनाथ सरकार का नियुक्तियों के जरिए हिस्सा बनेंगे.


इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है कि निगम मंडल आयोग और प्राधिकरण में हमेशा राजनीतिक नियुक्तियां होती रही हैं और आगे भी होती रहेंगी. अब किस निगम मंडल और किस प्राधिकरण में किसे रखा जाना है, यह संगठन प्रमुख और मुख्यमंत्री के निर्णय पर निर्भर करेगा, क्योंकि उन्हें भी जानकारी है और वह इस बात को अच्छे से जानते हैं कि किसकी, कहां और कितनी उपयोगिता है.

भोपाल। भले ही विधानसभा के मानसून सत्र के कारण कमलनाथ सरकार की निगम-मंडल और प्राधिकरणों की नियुक्तियां रुक गई हों, लेकिन चर्चा है कि इन नियुक्तियों के जरिए कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को सरकार में किसी न किसी रूप में शामिल किया जाएगा. इन दिग्गजों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, अरुण यादव जैसे नेताओं के नाम हैं.

प्राधिकरणों और निगम मंडलों में हो सकती है कांग्रेस के दिग्गजों की नियुक्ति


दरअसल निगम मंडल की नियुक्तियों में कमलनाथ सरकार ने उन नेताओं को प्राथमिकता देना तय किया है, जो विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव में पार्टी के कहने पर कठिन सीटों से चुनाव लड़े. इसके अलावा संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए चुनाव के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और अरुण यादव जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं.


केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी की परंपरागत सीट भोजपुर में भूतपूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा के खिलाफ चुनाव लड़ा था और हार गए थे. वहीं अरुण यादव ने भी राहुल गांधी के कहने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ बुधनी से चुनाव लड़ा था. इन नेताओं के अलावा दीपक सक्सेना का नाम भी निगम मंडल और प्राधिकरणों की नियुक्ति में सामने आ रहा है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से जीत हासिल करने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए छिंदवाड़ा सीट से इस्तीफा दे दिया था. इसके अलावा संगठन में काम करने वाले कई दिग्गज भी कमलनाथ सरकार का नियुक्तियों के जरिए हिस्सा बनेंगे.


इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है कि निगम मंडल आयोग और प्राधिकरण में हमेशा राजनीतिक नियुक्तियां होती रही हैं और आगे भी होती रहेंगी. अब किस निगम मंडल और किस प्राधिकरण में किसे रखा जाना है, यह संगठन प्रमुख और मुख्यमंत्री के निर्णय पर निर्भर करेगा, क्योंकि उन्हें भी जानकारी है और वह इस बात को अच्छे से जानते हैं कि किसकी, कहां और कितनी उपयोगिता है.

Intro:भोपाल। भले ही विधानसभा के मानसून सत्र के कारण कमलनाथ सरकार की निगम- मंडल और प्राधिकरणों की नियुक्तियां रुक गई हो। लेकिन चर्चा है कि इन नियुक्तियों के जरिए कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को सरकार में किसी न किसी रूप में शामिल किया जाएगा। इन दिग्गजों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, अरुण यादव जैसे नेताओं के नाम हैं। इसके अलावा संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर अहम भूमिका निभा रहे नेताओं को भी निगम- मंडल और प्राधिकरणों के जरिए सरकार में शामिल किया जाएगा। कमलनाथ सरकार के बनते ही कई दिनों से निगम मंडल की नियुक्तियों का इंतजार है और दावेदार नेता एआईसीसी और एमपी पीसीसी के जरिए अपने दावे कर रहे हैं। लेकिन फिलहाल मानसून सत्र के कारण निगम-मंडल और प्राधिकरणों की नियुक्तियां टल गई है।


Body:दरअसल निगम मंडल की नियुक्तियों में कमलनाथ सरकार ने उन नेताओं को प्राथमिकता देना तय किया है। जो विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव में पार्टी के कहने पर कठिन सीटों से चुनाव लड़े। इसके अलावा संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए चुनाव के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई। इनमें जहां दिग्गज नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और अरुण यादव जैसे नेताओं के नाम हैं। केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने विधानसभा चुनाव में भाजपा की परंपरागत सीट भोजपुर में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदर लाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा के खिलाफ चुनाव लड़ा था और हार गए थे। वहीं अरुण यादव ने भी राहुल गांधी के कहने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ बुधनी से चुनाव लड़ा था। इन नेताओं के अलावा दीपक सक्सेना भी निगम मंडल और प्राधिकरणों की नियुक्ति में किसी न किसी रूप में सरकार में शामिल किए जाएंगे। क्योंकि विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से जीत हासिल करने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए छिंदवाड़ा सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा संगठन में काम करने वाले कई दिग्गज भी कमलनाथ सरकार का नियुक्तियों के जरिए हिस्सा बनेंगे। इनमें कमलनाथ के नजदीकी और मध्य प्रदेश कांग्रेस में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे चंद्रप्रभाष शेखर और प्रकाश जैन के नाम महत्वपूर्ण है।इसके अलावा प्रदेश संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे राजीव सिंह और मीडिया विभाग में अहम जिम्मेदारी संभाल रहे शोभा ओझा, भूपेंद्र गुप्ता, नरेंद्र सलूजा जैसे नेताओं के नाम हैं। इसके अलावा कई दिग्गज जातिगत और क्षेत्रीय आधार पर भी निगम मंडल और प्राधिकरण में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। हालांकि इन सभी को उम्मीद थी कि इसी महीने उनकी ताजपोशी इन पदों पर हो जाएगी। लेकिन विधानसभा के मानसून सत्र के चलते इन नियुक्तियों का मामला फिलहाल टलता हुआ नजर आ रहा है।


Conclusion:इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है कि निगम मंडल आयोग और प्राधिकरण में हमेशा राजनीतिक नियुक्तियां होती रही हैं और आगे भी होती रहेंगी अब किस निगम मंडल किस प्राधिकरण में किसको रखा जाना है यह संगठन प्रमुख और मुख्यमंत्री के निर्णय पर निर्भर करेगा क्योंकि उन्हें भी जानकारी है और वह इस बात को अच्छे से जानते हैं कि किसकी, कहां और कितनी उपयोगिता है।
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