भिंड। आज के समय मे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तो रोजाना सैंकड़ों समाजसेवी दिख ही जाते हैं. कोई मवेशियॊं के भोजन देकर या पौधरोपण कर फोटो क्लिक कर डालते हैं, तो कोई महाशय मरीजों को केला बांटकर समाचार पत्रों में वाहवाही बटोरते हैं. इस तरह हर समाज सेवक यह छोटे-मोटे काम की फोटो खींचकर अपना बड़प्पन दिखाने की कोशिश करते हैं. लेकिन लहार आलमपुर के बरथरा गांव में एक किसान ने वास्तविक रुप से समाज सेवा में नया आयाम स्थापित किया है. उन्होंने गांव में श्मशान घाट की जमीन ना होने पर अपने पट्टे की कृषि भूमि दान कर दी, जिससे मरघट का निर्माण हो सके. लेकिन उन्होंने इसका प्रचार-प्रसार नहीं किया.
बरथरा गांव में मरघट के लिये जमीन न होने पर अंतिम संस्कार के लिये लोगों को परेशान होना पड़ता है. इस समस्या को दूर करने के लिए अवधकिशोर कौरब ने अपनी कृषि भूमि में से 1 हजार 225 वर्गफीट जमीन ग्राम पंचायत को दान में दे दी है. अब उनकी पंचायत से यही आशा है कि जल्द से जल्द उस भूमि पर पक्का श्मशान का निर्माण हो जाए.
आज के दौर में अधिकांश वनावटी समाजसेवी शासकीय भूमि पर कब्जा किये बैठे हैं, अपने स्वामित्व की भूमि दान करना तो दूर की बात जान पड़ती है. ऐसे समय में किसान अवधकिशोर कौरव ने वाकई सराहनीय कार्य किया है.