ETV Bharat / briefs

मेहगांव विधानसभा सीट पर देखने को मिलेगा कड़ा मुकाबला, बीजेपी के ओपीएस भदौरिया से होगी कांग्रेस के हेमंत की टक्कर

मेहगांव विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. बीजेपी ने अपना उम्मीदवार ओपीएस भदौरिया को बनाया है, तो वहीं कांग्रेस से हेमंत कटारे चुनावी मैदान में हैं.

By-election in Mehgaon assembly seat
मेहगांव विधानसभा सीट पर उपचुनाव
author img

By

Published : Oct 7, 2020, 5:45 AM IST

Updated : Oct 7, 2020, 6:57 AM IST

भिंड. एक लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है, मेहगांव विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने तो पहले से ही विधायकी छोड़ बीजेपी की सरकार बनाने वाले सिंधिया समर्थित पूर्व विधायक और राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया को अपना उम्मीदवार बता दिया था. वहीं राकेश चौधरी और हेमंत कटारे की खींचतान को खत्म करते हुए आखिरकार कांग्रेस ने हेमंत कटारे को तरजीह दी है.

भिंड के मेहगांव में 3 नवंबर को उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी. पूरे प्रदेश में मेहगांव विधानसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चित रही है, क्योंकि बीजेपी ने तो पहले ही साफ कर दिया था कि उनके उम्मीदवार सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हुए और अपनी विधायकी छोड़कर मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाने वाले ओपीएस भदौरिया होंगे. लेकिन कांग्रेस में चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी और हेमंत कटारे को लेकर कई दिनों से लगातार मंथन चल रहा था. एक लंबी खींचतान के बाद आखिरकार मंगलवार शाम को कांग्रेस ने ट्विटर हैंडल पर उपचुनाव के लिए बचे हुए 4 उम्मीदवारों के नाम भी घोषित कर दिए और चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी का पत्ता काटते हुए यह साफ कर दिया मेहगांव विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक हेमंत कटारे उनके प्रत्याशी होंगे.

वैसे तो ओपीएस भदौरिया अपने कॉलेज टाइम से ही कांग्रेस से जुड़ गए थे, लेकिन साल 2018 में पहली बार मेहगांव की जनता ने कांग्रेस पर विश्वास जताते हुए ओपीएस भदौरिया को विधायक बनने का मौका दिया. ओपीएस भदोरिया पहले भी एक बार चुनाव लड़ चुके थे, लेकिन 2018 में जनता ने बीजेपी से चुनाव लड़े राकेश शुक्ला से 25 हजार 814 वोट ज्यादा देकर जीत का सेहरा भदोरिया को पहनाया. लेकिन डेढ़ साल बाद ही कांग्रेस की सरकार में उपेक्षा का शिकार बने और लगातार अपने नेता सिंधिया के साथ हो रहे व्यवहार को देखते हुए विधायकी छोड़ अन्य 21 विधायकों के साथ इस्तीफा देकर सिंधिया के समर्थन में बीजेपी में शामिल हो गए. हालांकि बीजेपी ने भी उनके त्याग का इनाम दिया और नई शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल में उन्हें राज्यमंत्री के पद से नवाजा गया और अब वे 2020 में हो रहे उपचुनाव में मेहगांव से बीजेपी के प्रत्याशी हैं.

वहीं, बात अगर हेमंत कटारे की की जाए तो हेमंत कटारे का राजनीतिक करियर उनके पिता के देहांत के बाद शुरू हुआ. हेमंत कटारे के पिता सत्यदेव कटारे कांग्रेस के एक दिग्गज और कद्दावर नेता थे. वह नेता प्रतिपक्ष भी रहे, लेकिन अटेर से विधायक रहे सत्यदेव कटारे की मौत के बाद साल 2017 में हुए उपचुनाव में अपने पिता की सीट पर अटेर से हेमंत कटारे कांग्रेस से चुनाव लड़ें और सहानुभूति वोटों से चुनाव जीता भी, लेकिन साल भर बाद जब विधानसभा 2018 के चुनाव हुए तो कटारे बीजेपी के उम्मीदवार अरविंद भदौरिया से हार गए. लेकिन लगातार क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय रहे, यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने इस बार उन्हें मेहगांव में अपना उम्मीदवार बनाकर उतारा है.

भिंड. एक लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है, मेहगांव विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने तो पहले से ही विधायकी छोड़ बीजेपी की सरकार बनाने वाले सिंधिया समर्थित पूर्व विधायक और राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया को अपना उम्मीदवार बता दिया था. वहीं राकेश चौधरी और हेमंत कटारे की खींचतान को खत्म करते हुए आखिरकार कांग्रेस ने हेमंत कटारे को तरजीह दी है.

भिंड के मेहगांव में 3 नवंबर को उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी. पूरे प्रदेश में मेहगांव विधानसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चित रही है, क्योंकि बीजेपी ने तो पहले ही साफ कर दिया था कि उनके उम्मीदवार सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हुए और अपनी विधायकी छोड़कर मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाने वाले ओपीएस भदौरिया होंगे. लेकिन कांग्रेस में चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी और हेमंत कटारे को लेकर कई दिनों से लगातार मंथन चल रहा था. एक लंबी खींचतान के बाद आखिरकार मंगलवार शाम को कांग्रेस ने ट्विटर हैंडल पर उपचुनाव के लिए बचे हुए 4 उम्मीदवारों के नाम भी घोषित कर दिए और चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी का पत्ता काटते हुए यह साफ कर दिया मेहगांव विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक हेमंत कटारे उनके प्रत्याशी होंगे.

वैसे तो ओपीएस भदौरिया अपने कॉलेज टाइम से ही कांग्रेस से जुड़ गए थे, लेकिन साल 2018 में पहली बार मेहगांव की जनता ने कांग्रेस पर विश्वास जताते हुए ओपीएस भदौरिया को विधायक बनने का मौका दिया. ओपीएस भदोरिया पहले भी एक बार चुनाव लड़ चुके थे, लेकिन 2018 में जनता ने बीजेपी से चुनाव लड़े राकेश शुक्ला से 25 हजार 814 वोट ज्यादा देकर जीत का सेहरा भदोरिया को पहनाया. लेकिन डेढ़ साल बाद ही कांग्रेस की सरकार में उपेक्षा का शिकार बने और लगातार अपने नेता सिंधिया के साथ हो रहे व्यवहार को देखते हुए विधायकी छोड़ अन्य 21 विधायकों के साथ इस्तीफा देकर सिंधिया के समर्थन में बीजेपी में शामिल हो गए. हालांकि बीजेपी ने भी उनके त्याग का इनाम दिया और नई शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल में उन्हें राज्यमंत्री के पद से नवाजा गया और अब वे 2020 में हो रहे उपचुनाव में मेहगांव से बीजेपी के प्रत्याशी हैं.

वहीं, बात अगर हेमंत कटारे की की जाए तो हेमंत कटारे का राजनीतिक करियर उनके पिता के देहांत के बाद शुरू हुआ. हेमंत कटारे के पिता सत्यदेव कटारे कांग्रेस के एक दिग्गज और कद्दावर नेता थे. वह नेता प्रतिपक्ष भी रहे, लेकिन अटेर से विधायक रहे सत्यदेव कटारे की मौत के बाद साल 2017 में हुए उपचुनाव में अपने पिता की सीट पर अटेर से हेमंत कटारे कांग्रेस से चुनाव लड़ें और सहानुभूति वोटों से चुनाव जीता भी, लेकिन साल भर बाद जब विधानसभा 2018 के चुनाव हुए तो कटारे बीजेपी के उम्मीदवार अरविंद भदौरिया से हार गए. लेकिन लगातार क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय रहे, यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने इस बार उन्हें मेहगांव में अपना उम्मीदवार बनाकर उतारा है.

Last Updated : Oct 7, 2020, 6:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.