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अवैध कॉलोनियों के खिसाफ होगी कार्रवाई, HC का बड़ा फैसला

शिवराज सरकार के अति महत्वपूर्ण फैसले को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. अब कॉलोनाइजर एक्ट और नगरपालिका अधिनियम के तहत कॉलोनाइजर पर कार्रवाई की जाएगी.

शिवराज सिंह की योजना पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
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Published : Jun 3, 2019, 3:26 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के शिवराज सरकार के फैसले को हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच से तगड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. कॉलोनाइजर के खिलाफ नगर पालिका एक्ट और कॉलोनाइजर एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई भी की जाएगी.

शिवराज सिंह की योजना पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

ग्वालियर में करीब 800 से ज्यादा अवैध कालोनियां हैं. शहर के बाहरी हिस्से में दबंगों द्वारा जमीन पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां अवैध रूप से कॉलोनी विकसित किया गया है. यह हाल अकेले ग्वालियर में ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में है.

तत्कालीन शिवराज सरकार के फैसले पर हाई कोर्ट के फैसले के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं. याचिका में कहा गया था कि नगर पालिका एक्ट और कॉलोनाइजर एक्ट में बिना प्रावधान लाए संशोधन नहीं किया जा सकता.

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के शिवराज सरकार के फैसले को हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच से तगड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. कॉलोनाइजर के खिलाफ नगर पालिका एक्ट और कॉलोनाइजर एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई भी की जाएगी.

शिवराज सिंह की योजना पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

ग्वालियर में करीब 800 से ज्यादा अवैध कालोनियां हैं. शहर के बाहरी हिस्से में दबंगों द्वारा जमीन पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां अवैध रूप से कॉलोनी विकसित किया गया है. यह हाल अकेले ग्वालियर में ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में है.

तत्कालीन शिवराज सरकार के फैसले पर हाई कोर्ट के फैसले के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं. याचिका में कहा गया था कि नगर पालिका एक्ट और कॉलोनाइजर एक्ट में बिना प्रावधान लाए संशोधन नहीं किया जा सकता.

Intro:ग्वालियर
पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के अति महत्वपूर्ण फैसले को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है शिवराज सरकार प्रदेश की सभी अवैध कालोनियों को वैध करने के लिए पिछले साल ग्वालियर में घोषणा की थी अगले ही दिन स्थानीय अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की और जिसमें कहा कि कालोनियों के नियमितीकरण में नियमों की अनदेखी की जा रही है और सरकारी जमीन पर कब्जे के बाद विकसित की गई कालोनियों को तत्कालीन सीएम के आदेश की आड़ में व्यक्त किया जा रहा है।


Body:हाईकोर्ट ने इस मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए तत्कालीन राज्य सरकार को नोटिस जारी किए थे एकबारगी सरकार का जवाब नहीं आया तो उसे 10000 की कॉस्ट भी हाईकोर्ट से भुगतनी पड़ी बाद में जो अधिकारियों में जवाब पेश किया वह नाकाफी था यहां अधिकारियों ने अवैध कालोनियों की सूची भी सौंपी थी याचिका में कहा गया था कि जिस अधिनियम के तहत इन अवैध कालोनियों को वैध किया जा रहा है उस 1998 की धारा 15 ए को हाईकोर्ट ने अल्ट्रा वायरस या नहीं निरस्त कर दिया ।याचिका में कहा गया कि नगर पालिका एक्ट और कॉलोनाइजर एक्ट में बिना प्रावधान लाए संशोधन नहीं किया जा सकता इस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था।


Conclusion:अब प्रदेश भर की अवैध कालोनियों कॉलोनी या फिर से वैध की जगह अवैध घोषित हो गई हैं और इनके कॉलोनाइजर के खिलाफ नगर पालिका एक्ट और कॉलोनाइजर एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करने और सजा का प्रावधान भी किया जाएगा ।अकेले ग्वालियर में करीब 800 से ज्यादा अवैध कालोनियां हैं। शहर के बाहरी हिस्से में दबंगों द्वारा जमीन पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां अवैध रूप से कानूनी को विकसित किया गया है यह हाल अकेले ग्वालियर में ही नहीं पूरे मध्यप्रदेश का है अब पूर्ववर्ती सरकार के फैसले पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं।
बाइक उमेश बोहरे... याचिकाकर्ता अधिवक्ता
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