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पंचतत्व में विलीन हुए महाधिवक्ता राजेंद्र तिवारी, नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई - एमपी न्यूज

मध्यप्रदेश के महाधिवक्ता राजेंद्र तिवारी का निधन रविवार रात गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में हुआ था. आज न्याय जगत की तमाम हस्तियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी.

एडवोकेट जनरल राजेंद्र तिवारी
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Published : May 7, 2019, 3:39 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश के एडवोकेट जनरल राजेंद्र तिवारी के पार्थिव शरीर का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. न्याय जगत की तमाम हस्तियों के साथ राज्य सरकार के कई मंत्री और विधायक अंतिम संस्कार में शामिल हुए.

एडवोकेट जनरल राजेंद्र तिवारी

मध्यप्रदेश के महाधिवक्ता राजेंद्र तिवारी का निधन रविवार रात गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में हुआ था. राजेंद्र तिवारी 83 वर्ष के थे. राजेंद्र तिवारी जबलपुर के जाने-माने वकील थे. इसके पहले भी वे मध्य प्रदेश सरकार के उप महाधिवक्ता रह चुके थे.

राजेंद्र तिवारी को अंतिम विदाई देने के लिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसके सेठ के साथ-साथ हाईकोर्ट के लगभग सभी जज मौजूद थे. साथ ही राज्यसभा सांसद विवेक तंखा, मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट, कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया, जबलपुर बरगी विधायक संजय यादव, अतिरिक्त महाधिवक्ता शशांक शेखर और हाईकोर्ट के सैकड़ों वकील भी महाधिवक्ता राजेंद्र तिवारी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.

राजेंद्र तिवारी के बेटे एडवोकेट उदयन तिवारी ने उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया. इस मौके पर जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज और पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल भी मौजूद रहे. राजेंद्र तिवारी ने पद पर रहते हुए अंतिम सांस ली है, इसलिए उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. पहले राजेंद्र तिवारी के घर पर पुलिस ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद श्मशान घाट पर एक बार फिर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

जबलपुर। मध्यप्रदेश के एडवोकेट जनरल राजेंद्र तिवारी के पार्थिव शरीर का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. न्याय जगत की तमाम हस्तियों के साथ राज्य सरकार के कई मंत्री और विधायक अंतिम संस्कार में शामिल हुए.

एडवोकेट जनरल राजेंद्र तिवारी

मध्यप्रदेश के महाधिवक्ता राजेंद्र तिवारी का निधन रविवार रात गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में हुआ था. राजेंद्र तिवारी 83 वर्ष के थे. राजेंद्र तिवारी जबलपुर के जाने-माने वकील थे. इसके पहले भी वे मध्य प्रदेश सरकार के उप महाधिवक्ता रह चुके थे.

राजेंद्र तिवारी को अंतिम विदाई देने के लिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसके सेठ के साथ-साथ हाईकोर्ट के लगभग सभी जज मौजूद थे. साथ ही राज्यसभा सांसद विवेक तंखा, मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट, कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया, जबलपुर बरगी विधायक संजय यादव, अतिरिक्त महाधिवक्ता शशांक शेखर और हाईकोर्ट के सैकड़ों वकील भी महाधिवक्ता राजेंद्र तिवारी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.

राजेंद्र तिवारी के बेटे एडवोकेट उदयन तिवारी ने उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया. इस मौके पर जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज और पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल भी मौजूद रहे. राजेंद्र तिवारी ने पद पर रहते हुए अंतिम सांस ली है, इसलिए उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. पहले राजेंद्र तिवारी के घर पर पुलिस ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद श्मशान घाट पर एक बार फिर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

Intro:राजकीय सम्मान के साथ मध्य प्रदेश के एडवोकेट जनरल राजेंद्र तिवारी का अंतिम संस्कार न्याय जगत की तमाम हस्तियों के साथ राज्य सरकार के कई मंत्री और विधायक अंतिम संस्कार में हुए शामिल


Body:मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता राजेंद्र तिवारी का निधन परसों रात दिल्ली के मेदांता अस्पताल में हो गया था राजेंद्र तिवारी 83 वर्ष के थे और मध्य प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता थे राजेंद्र तिवारी जबलपुर के जाने-माने वकील थे इसके पहले भी वे मध्य प्रदेश सरकार के उप महाधिवक्ता रह चुके थे राजेंद्र को अंतिम विदाई देने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सेठ के साथ हाई कोर्ट के लगभग सभी जज पहुंचे इसके साथ ही राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया जबलपुर बरगी विधायक संजय यादव अतिरिक्त महाधिवक्ता शशांक शेखर और हाई कोर्ट के सैकड़ों वकील एडवोकेट राजेंद्र तिवारी को अंतिम विदाई देने के लिए जबलपुर के रानीताल पहुंचे यही राजेंद्र तिवारी के पुत्र एडवोकेट उदयन तिवारी ने राजेंद्र तिवारी का अंतिम संस्कार किया इस मौके पर जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज जबलपुर पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल भी मौजूद रहे
राजेंद्र तिवारी ने पद पर रहते हुए अंतिम सांस ली है इसलिए उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई पहले राजेंद्र तिवारी के घर पर पुलिस ने उन्हें गार्ड आफ आनर दिया इसके बाद शमशान घाट पर दोबारा गार्ड आफ आनर दिया गया



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