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आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े का मामला, यूपी के सॉल्वर को कोर्ट ने सुनाई पांच साल की सजा

सीबीआई की विशेष कोर्ट ने आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में सॉल्वर के रूप में शामिल होने आए उत्तर प्रदेश के अभिजीत प्रसाद को 5 साल की सजा सुनाई है.

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Published : May 22, 2019, 9:16 PM IST

ग्वालियर कोर्ट

ग्वालियर। बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में सॉल्वर के रूप में शामिल होने आए उत्तर प्रदेश के एक युवक को 5 साल की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर साढ़े तीन हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.

सौरव वर्मा, सीबीआई के अधिवक्ता


दरअसल उत्तरप्रदेश के मेरठ में रहने वाला अभिजीत प्रसाद ग्वालियर के जितेश कुमार की जगह 15 मई 2012 परीक्षा देते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था, उसके खिलाफ परीक्षा अधिनियम धोखाधड़ी और अवैध रूप से परीक्षा में शामिल होने के आरोप में अपराध दर्ज किया गया था. इस मामले में जितेश कुमार की गिरफ्तारी हो चुकी है. आरोपी के खिलाफ सीबीआई ने जांच की और कोर्ट में ठोस सबूत पेश किए.


सीबीआई के अधिवक्ता ने बताया कि अभिजीत प्रसाद की परीक्षा भवन साइंस कॉलेज में उपस्थिति पर्यवेक्षक ने कोर्ट को बताई थी और उसने अभिजीत की पहचान भी की थी. इसके अलावा एफएसएल रिपोर्ट से भी अभिजीत के परीक्षा में शामिल होने के प्रमाण मिले. न्यायालय में अभिजीत को उसके अपराध की सजा सुनाई गई.

ग्वालियर। बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में सॉल्वर के रूप में शामिल होने आए उत्तर प्रदेश के एक युवक को 5 साल की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर साढ़े तीन हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.

सौरव वर्मा, सीबीआई के अधिवक्ता


दरअसल उत्तरप्रदेश के मेरठ में रहने वाला अभिजीत प्रसाद ग्वालियर के जितेश कुमार की जगह 15 मई 2012 परीक्षा देते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था, उसके खिलाफ परीक्षा अधिनियम धोखाधड़ी और अवैध रूप से परीक्षा में शामिल होने के आरोप में अपराध दर्ज किया गया था. इस मामले में जितेश कुमार की गिरफ्तारी हो चुकी है. आरोपी के खिलाफ सीबीआई ने जांच की और कोर्ट में ठोस सबूत पेश किए.


सीबीआई के अधिवक्ता ने बताया कि अभिजीत प्रसाद की परीक्षा भवन साइंस कॉलेज में उपस्थिति पर्यवेक्षक ने कोर्ट को बताई थी और उसने अभिजीत की पहचान भी की थी. इसके अलावा एफएसएल रिपोर्ट से भी अभिजीत के परीक्षा में शामिल होने के प्रमाण मिले. न्यायालय में अभिजीत को उसके अपराध की सजा सुनाई गई.

Intro:ग्वालियर
बहुचर्चित व्यापम घोटाले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में सलवार के रूप में शामिल होने आए यूपी के एक युवक को 5 साल की सजा से दंडित किया है ।उस पर साढे तीन हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।


Body:दरस दरअसल यूपी के मेरठ में रहने वाला अभिजीत प्रसाद ग्वालियर के जितेश कुमार की जगह 15 मई 2012 परीक्षा देते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। उसके खिलाफ परीक्षा अधिनियम धोखाधड़ी और अवैध रूप से परीक्षा में शामिल होने पर आरोप लगाते हुए अपराध दर्ज किया गया था । इस मामले में जितेश कुमार की गिरफ्तारी हो चुकी है सॉल्वर के रूप में अभिजीत प्रसाद शामिल हुआ था उसके खिलाफ भी सीबीआई ने जांच की और इसके खिलाफ सबूत पेश किए।


Conclusion:सीबीआई के अधिवक्ता ने बताया कि अभिजीत प्रसाद की परीक्षा भवन साइंस कॉलेज में उपस्थिति पर्यवेक्षक ने कोर्ट को बताई थी और उसने अभिजीत की पहचान भी की थी।इसके अलावा एफएसएल रिपोर्ट से भी अभिजीत के परीक्षा में शामिल होने के प्रमाण मिले। पता चला है कि किसी बिचौलिए के माध्यम से अभिजीत प्रसाद इस परीक्षा में शामिल होने ग्वालियर आया था।लेकिन शक होने पर उसे पकड़ लिया गया। न्यायालय में अभिजीत को उसके अपराध की सजा सुनाई गई बाद में न्यायालय के आदेश पर पुलिस उसे जेल ले गई।
बाइट सौरव वर्मा... सीबीआई के अधिवक्ता जिला न्यायालय
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