इंदौर। देश के दिग्गज खिलाड़ियों के यौन शोषण के आरोपों में घिरे उत्तरप्रदेश के कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह को जहां भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की मतदाता सूची से बाहर कर दिया गया है. वहीं इस मामले में उन्होंने सफाई देते हुए कहा है कि "भारतीय कुश्ती महासंघ से मेरी मर्जी से ही नाम हटा है, क्योंकि मेरे खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा है. इसलिए मैं इस मामले में कोई मीडिया ट्रायल भी नहीं चाहता. उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को लेकर कहा आप मेरा चेहरा देखें क्या इस पर कोई आरोप दिखाई पड़ रहा है?"
इंदौर पहुंचे बृजभूषण सिंह: दरअसल, बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह गुरुवार को इंदौर पहुंचे. वे इंदौर में करणी सेना के संस्थापक स्वर्गीय कल्याण सिंह कालवी की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने इंदौर आए थे. इस दौरान भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह ने करणी सेना के कार्यकर्ताओं को अपने खास शायराना अंदाज में सीख भी दी. वहीं उन्होंने अपनी कविताओं और शायरी के जरिए खुद को मजबूत बनाने के साथ समाज के लिए कुछ कर गुजरने के टिप्स भी दिए.
बृजभूषण सिंह का शायराना अंदाज: इंदौर में करणी सेना के कार्यक्रम में बृजभूषण सिंह ने करणी सेना के संस्थापक कल्याण सिंह कालवी के सम्मान में कविता पढ़ते हुए कहा...
"कोई चलता पद चिन्हों पर... कोई पद चिन्ह बनाता है...
वही सूरमा इस जग में धरती पर पूजा जाता है."
समाज के लिए जीने का दिलाया संकल्प: इतना ही नहीं उन्होंने इस दौरान करणी सेना के पदाधिकारियों और समाज के प्रबुद्ध जनों को समाज के लिए जीने का संकल्प भी दिलाया. उन्होंने कहा "हमें गर्व करना चाहिए अपने पूर्वजों पर और ऊपर वाले पर की दुनिया में हमें जो सबसे महत्वपूर्ण बिरादरी है, वह मिली है. लेकिन हम आखिर मनुष्य जीवन में क्या कर रहे हैं. इस पर खुद से सवाल करना चाहिए. इस दौरान उन्होंने अकबर इलाहाबादी की कविता का जिक्र करते हुए कहा "इसी बात का जजमेंट अकबर इलाहाबादी अपनी कविता में करते थे और उन्होंने अपनी कविता के दौरान खुद से पूछा था और कविता में खुद को बुद्धू बताते हुए कहा था कि...बुद्धू मियां पैदा हुए क्या कर गए, फिर उत्तर लिखा खाया, पिया, बच्चा पैदा किया और मर गए. क्या हम लोग यही तो नहीं कर रहे हैं."
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मेरी मर्जी से हटा मतदाता सूची से नाम: इस दौरान उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से मुखातिब होते हुए कहा हम कौन थे, क्या हो गए और क्या होंगे, आओ मिलकर विचारे. इस दौरान उन्होंने "कहा भारतीय कुश्ती महासंघ से मेरा नाम मेरी सहमति के बाद ही हटा है. मेरे पुत्र भी अब कुश्ती महासंघ के चुनाव का हिस्सा नहीं होंगे." गौरतलब है 25 जुलाई को भारतीय कुश्ती महासंघ की अंतिम मतदाता सूची घोषित की गई है. जिसमें पहली बार बृजभूषण सिंह और उनके बेटे का नाम शामिल नहीं है. हालांकि इस सूची में उनके दामाद का नाम शामिल है. इधर भारतीय कुश्ती महासंघ के संविधान के मुताबिक केवल राज्य कार्यकारिणी के सदस्य ही निर्वाचक मंडल का हिस्सा हो सकते हैं. इधर उन पर लगे यौन शोषण के आरोपों के मामले में भी अब तक 25 लोगों ने गवाही दी है. जिसमें सबूत के तौर पर कोर्ट में फोटो और 164 के तहत हुए बयान हैं. इनमें पीड़ित पहलवानों के अलावा अंतरराष्ट्रीय पहलवान बजरंग पुनिया जबकि एक अन्य पहलवान की दो बहने और रोहतक स्थित महावीर अखाड़े के लोग शामिल हैं. जिन्होंने भूषण के खिलाफ अब तक अपने बयान दर्ज कराए हैं.