वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन पर आयात शुल्क (import duty) को हटाने से फिलहाल इंकार कर दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह चीनी प्रोडक्ट पर लगाए गए आयात शुल्क को हटाने के लिए तैयार नहीं हैं. चीन से आयात शुल्क हटाने के बारे में क्या किया जा सकता है, यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव कैथरीन ताई अभी उस पर काम कर रही हैं, लेकिन जवाब अनिश्चित है.
व्हाइट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो बाइडेन ने कहा कि भले ही अमेरिकी कंपनियां आयात शुल्क मुक्त करने की मांग करती है, मगर अमेरिका चीन के आयात शुल्क पर लगे प्रतिबंध को फिलहाल नहीं हटाएगा. बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर के चलते अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने चीन पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे. साथ ही द्विपक्षीय व्यापार में असंतुलन को कम करने के लिए आयात शुल्क में भी बढ़ोतरी कर दी थी. उस समय दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन लगभग 350 अरब डॉलर तक का था. इसे दूर करने के लिए चीन ने अपने वादे के अनुसार केवल 60 प्रतिशत से थोड़ा अधिक सामान खरीदा है. जबकि फेज वन समझौते के तहत चीन को बौद्धिक संपदा अधिकारों को लागू करना है. साथ ही उसे कृषि आयात के लिए गैर-टैरिफ बाधाओं को दूर करने और अपने वित्तीय सेवा क्षेत्र को उदार बनाने की प्रक्रिया शुरु करनी होगी.
बता दें कि अमेरिका के कई कारोबारियों ने चीन पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध की शिकायत की थी. चीन ने प्रतिबंध के कारण पिछले दो साल में अमेरिका के साथ कारोबार में काफी गिरावट का सामना किया है. अब चीन 200 बिलियन अमरीकी डॉलर खरीदने के लिए भी पूरी तरह से सक्षम नहीं है.
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर चीन में निवेश को प्रभावित करने वाला एकमात्र कारक नहीं है. शिनजियांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन, हांगकांग, चीन की जीरो COVID रणनीति, आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियां और बढ़ती लागत के परिणामस्वरूप कई वैश्विक कंपनियां चीन को छोड़ रही हैं. ट्रंप की तरह अमेरिका की जो बाइडन प्रशासन भी चीन से हांगकांग में कारोबारियों से दुर्व्यवहार और शिनजियांग में उइगर मुसलमानों को लेकर खफा है.
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