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योगी आदित्यनाथ को अपमानित करने वाले औंधे मुंह गिरेंगे, मथुरा में मेरी भूमिका पार्टी तय करेगी : उमा - uma bharti statment on bundelkhand separate state

मध्य प्रदेश के महोबा में भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Former Chief Minister of Madhya Pradesh Uma Bharti) ने बीते दिनों अयोध्या, काशी के बाद मथुरा की बारी वाले यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य (Deputy CM Keshav Maurya) के ट्वीट को उनकी व्यक्तिगत राय करार दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि मथुरा को लेकर वह मेरी भूमिका नहीं तय कर सकते, यह पार्टी तय करेगी.

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उमा भारती ईटीवी भारत
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Published : Dec 4, 2021, 8:53 PM IST

महोबा : भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Former Chief Minister of Madhya Pradesh Uma Bharti) ने बीते दिनों अयोध्या, काशी के बाद मथुरा की बारी वाले यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य (Deputy CM Keshav Maurya) के ट्वीट को उनकी व्यक्तिगत राय करार दिया है.

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मथुरा को लेकर केशव मेरी भूमिका नहीं तय कर सकते, यह पार्टी तय करेगी. उन्होंने कहा कि यह सबकी आस्था का विषय है. साथ ही उन्होंने कहा कि एजेंडा तय करने का काम भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विहिप का है. उसी एजेंडे के अनुरूप पार्टी चलती है.

जानें उमा भारती ने क्या कहा

गौरतलब है कि बीते दिनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अयोध्या और काशी के बाद मथुरा की बारी वाला ट्वीट किया था. इस बयान को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव समेत कई विपक्षियों ने ऐतराज जताया था. इस बारे में जब उमा भारती से प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने इसे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की निजी राय करार दिया.

उमा भारती ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाने पर रखा. उमा भारती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सीएम योगी को चिलमजीवी वाले बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर की. उन्होंने कहा कि 2017 में भी अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ को बाबा कहकर अपमानित किया था.

जिसका परिणाम उन्हें विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ा था. राजनीति में आमर्यादित भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. अखिलेश खुद को घंमडी और बड़े खानदान का समझते हैं. ऐसे लोग ही औंधे मुंह गिरते हैं.

पृथक बुंदलेखंड राज्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि पृथक राज्य बनने में तब दिक्कत आती है जब उसमें दो राज्यों की सीमा जुडी हो. बुंदेलखंड को दो राज्यों को मिलाकर राज्य बनाने की मांग हो रही है. यूपी में क्षेत्रफल कम पड़ रहा है. एमपी के लोग यहां आना नहीं चाहते हैं. वहां के भाजपा नेता तो इसका विरोध भी कर चुके हैं.

यह भी पढ़ें- बीजेपी को शिकस्त देने के लिए टीएमसी से गठबंधन को तैयार अखिलेश ?

ऐसे में जनभावना का सम्मान किया जाना चाहिए. इस वजह से इस समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि बुंदेलखंड की संजीवनी केन बेतवा लिंक परियोजना से बड़ा लाभ होने वाला है.

महोबा : भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Former Chief Minister of Madhya Pradesh Uma Bharti) ने बीते दिनों अयोध्या, काशी के बाद मथुरा की बारी वाले यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य (Deputy CM Keshav Maurya) के ट्वीट को उनकी व्यक्तिगत राय करार दिया है.

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मथुरा को लेकर केशव मेरी भूमिका नहीं तय कर सकते, यह पार्टी तय करेगी. उन्होंने कहा कि यह सबकी आस्था का विषय है. साथ ही उन्होंने कहा कि एजेंडा तय करने का काम भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विहिप का है. उसी एजेंडे के अनुरूप पार्टी चलती है.

जानें उमा भारती ने क्या कहा

गौरतलब है कि बीते दिनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अयोध्या और काशी के बाद मथुरा की बारी वाला ट्वीट किया था. इस बयान को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव समेत कई विपक्षियों ने ऐतराज जताया था. इस बारे में जब उमा भारती से प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने इसे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की निजी राय करार दिया.

उमा भारती ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाने पर रखा. उमा भारती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सीएम योगी को चिलमजीवी वाले बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर की. उन्होंने कहा कि 2017 में भी अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ को बाबा कहकर अपमानित किया था.

जिसका परिणाम उन्हें विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ा था. राजनीति में आमर्यादित भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. अखिलेश खुद को घंमडी और बड़े खानदान का समझते हैं. ऐसे लोग ही औंधे मुंह गिरते हैं.

पृथक बुंदलेखंड राज्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि पृथक राज्य बनने में तब दिक्कत आती है जब उसमें दो राज्यों की सीमा जुडी हो. बुंदेलखंड को दो राज्यों को मिलाकर राज्य बनाने की मांग हो रही है. यूपी में क्षेत्रफल कम पड़ रहा है. एमपी के लोग यहां आना नहीं चाहते हैं. वहां के भाजपा नेता तो इसका विरोध भी कर चुके हैं.

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ऐसे में जनभावना का सम्मान किया जाना चाहिए. इस वजह से इस समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि बुंदेलखंड की संजीवनी केन बेतवा लिंक परियोजना से बड़ा लाभ होने वाला है.

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