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जन धन योजना के अंतर्गत कुल निष्क्रिय खातों की संख्या 5.82 करोड़ : सरकार

केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत 5.82 करोड़ खाते निष्क्रिय हैं और इनमें महिलाओं के निष्क्रिय खातों की संख्या संख्या लगभग 2.02 करोड़ है.

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Published : Aug 10, 2021, 10:05 PM IST

नई दिल्ली : राज्यसभा में एक लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा दी गई सचूना के अनुसार, 28 जुलाई 2021 की स्थिति के अनसुार प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत कुल निष्क्रिय खातों की संख्या लगभग 5.82 करोड़ है.

उन्होंने कहा कि इनमें से महिलाओं के निष्क्रिय खातों की संख्या संख्या लगभग 2.02 करोड़ है. उन्होंने कहा कि यह कुल निष्क्रिय खातों का लगभग 35 प्रतिशत है.

ऐसे खातों की संख्या कम करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर कराड ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों के वित्तीय साक्षरता केंद्रों (एफएलसी) तथा ग्रामीण शाखाओं को जिला व पंचायत स्तर पर जमीनी स्तर के हितधारकों के साथ समन्वय करके ग्राहकों के लिए आउटडोर वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित करने की सलाह दी है.

उन्होंने कहा कि वह महिलाओं, किसानों, लघु उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों, वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशिष्ट शिविरों का भी आयोजन करते हैं.

कराड ने कहा कि आरबीआई के वित्तीय वित्तीय साक्षरता परियोजना केंद्रों पर महिलाओं सहित व्यस्क लोगों को वित्तीय शिक्षा दी जाती है. साथ ही वह बैंक खातों को सक्रिय रखने के लाभ सहित बैंकिंग व्यवहार के विषय में जागरूकता लाने के लिए सामान्य रूप से शिविरों का आयोजन करते हैं.

उन्होंने कहा कि इन पहलों के फलस्वरूप निष्क्रिय खातों की संख्या की प्रतिशतता मार्च 2020 में 18.08 प्रतिशत से जुलाई 2021 में कम होकर 14.02 प्रतिशत हो गयी है.

इसे भी पढ़ें : उज्जवला 2.0 : गैस सिलेंडर सस्ते नहीं हुए तो रसोई में उठता रहेगा लकड़ी का धुआं

बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों को यह सुविधा देने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : राज्यसभा में एक लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा दी गई सचूना के अनुसार, 28 जुलाई 2021 की स्थिति के अनसुार प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत कुल निष्क्रिय खातों की संख्या लगभग 5.82 करोड़ है.

उन्होंने कहा कि इनमें से महिलाओं के निष्क्रिय खातों की संख्या संख्या लगभग 2.02 करोड़ है. उन्होंने कहा कि यह कुल निष्क्रिय खातों का लगभग 35 प्रतिशत है.

ऐसे खातों की संख्या कम करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर कराड ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों के वित्तीय साक्षरता केंद्रों (एफएलसी) तथा ग्रामीण शाखाओं को जिला व पंचायत स्तर पर जमीनी स्तर के हितधारकों के साथ समन्वय करके ग्राहकों के लिए आउटडोर वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित करने की सलाह दी है.

उन्होंने कहा कि वह महिलाओं, किसानों, लघु उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों, वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशिष्ट शिविरों का भी आयोजन करते हैं.

कराड ने कहा कि आरबीआई के वित्तीय वित्तीय साक्षरता परियोजना केंद्रों पर महिलाओं सहित व्यस्क लोगों को वित्तीय शिक्षा दी जाती है. साथ ही वह बैंक खातों को सक्रिय रखने के लाभ सहित बैंकिंग व्यवहार के विषय में जागरूकता लाने के लिए सामान्य रूप से शिविरों का आयोजन करते हैं.

उन्होंने कहा कि इन पहलों के फलस्वरूप निष्क्रिय खातों की संख्या की प्रतिशतता मार्च 2020 में 18.08 प्रतिशत से जुलाई 2021 में कम होकर 14.02 प्रतिशत हो गयी है.

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बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों को यह सुविधा देने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

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