छिंदवाड़ा। सतपुड़ा के जंगलों में बसा आदिवासी अंचल तामिया का सावरवानी गांव इन दिनों दुनिया भर में चर्चाओं में है. मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की पहल पर विकसित किए गए होम स्टे दुनिया भर के पर्यटकों की पहली पसंद बन गये हैं. जिसके चलते अब इस गांव को विश्व स्तर के सम्मान से नवाजा जाएगा. सावरवानी को विश्व स्तर पर इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पांसिबल टूरिज्म आई.सी.आर.टी. के रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म अवॉर्ड्स 2023 से 30 सितंबर को नई दिल्ली में बीएलटीएम ट्रेड शो के दौरान समारोह में सम्मानित किया जायेगा.
सर्वोत्तम सकारात्मक पर्यटन क्षेत्र के लिए दिया जा रहा अवार्ड: यह अवार्ड सर्वोत्तम सकारात्मक पर्यटन क्षेत्र के लिए दिया जा रहा है. अतिरिक्त कलेक्टर केसी बोपचे ने बताया कि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के माध्यम से सावरवानी को पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित करते हुये यहां 10 होम स्टे बनवायें जा रहे हैं, जिसमें 5 का काम कम्प्लीट हो चुका है. जो अब देश-विदेश के पर्यटकों के लिए बहुत ही आकर्षण का केंद्र है. सावरवानी ने विश्व स्तर पर इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म के रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म अवॉर्ड्स 2023 में अपना परचम लहराया है. टूरिज्म बोर्ड के ग्रामीण पर्यटन परियोजना के अंतर्गत छिंदवाड़ा जिले के सावरवानी को इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पांसिबल टूरिज्म द्वारा अवार्ड से नवाजा जायेगा. सावरवानी का प्रकृति के लिए सर्वोत्तम सकारात्मक पर्यटन श्रेणी में नामांकन किया गया था.
![Tribal village Savarwani of Chhindwara](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04-09-2023/mp-chh-02-trible-villege-international-award-spl-7204291_04092023182753_0409f_1693832273_852.jpg)
चार देशों के पर्यटन स्थल का किया गया चयन: रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म अवॉर्ड्स 2023 पुरस्कारों को चार क्षेत्रों अफ्रीका, भारत, लैटिन अमेरिका और शेष विश्व में विभाजित किया गया है. प्रत्येक क्षेत्र के विजेता को नवंबर में होने वाले वैश्विक पुरस्कारों के लिए चयन किया जायेगा. मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने विलेज वेज संस्था के माध्यम से सावरवानी को पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित किया है. जिससे स्थानीय स्तर पर ही लोगों को रोजगार मिल रहा है. प्रदेश शासन के पर्यटन व संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव व मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिवशेखर शुक्ला ने मई 2023 में सावरवानी दौरे के दौरान बताया था कि, भारत देश के साथ ही अभी तक 6 दूसरे देशों के विदेशी पर्यटक भी सावरवानी के होम स्टे में रह चुके हैं. उन्होंने कहा था कि सावरवानी का राष्ट्रीय बेस्ट टूरिज्म प्लेस प्रतियोगिता में शामिल होना छिंदवाड़ा जिले के लिये बहुत ही गौरव की बात है, जबकि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड अभी तक इसे ट्रायल बेस पर मानकर चल रहा था, लेकिन यहां पर्यटकों से मिले फीडबैक के कारण सावरवानी को स्पर्धा में शामिल होने का मौका मिला है.
![Tribal village Savarwani of Chhindwara](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04-09-2023/mp-chh-02-trible-villege-international-award-spl-7204291_04092023182753_0409f_1693832273_968.jpg)
आदिवासी संस्कृति, मिलेट का भोजन और प्राकृतिक सुंदरता विदेशियों के लिए खास: सावरवानी गांव देशी-विदेशी पर्यटकों से गुलजार हो रहा है. कुछ दिन पहले यूके से आए टूरिस्ट होम स्टे में रुके हैं. विदेशी पर्यटक यहां की लोक संस्कृति से रूबरू हो रहे हैं और लोकल खान-पान आदिवासी संस्कृति, और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर सावरवानी के आसपास के पहाड़ और जंगल विदेशियों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. देसी तरीके से चूल्हे में पकाया गया खाना गांव की आदिवासी संस्कृति के तरीके से मेहमान का स्वागत और खास तौर पर आदिवासी गांव में होने वाला शैला डांस यहां की खासियत है. जो लोगों को काफी पसंद आता है. कई बार तो विदेशी सैलानी यहां पर आदिवासियों के साथ झूमते नजर भी आए हैं. खास तौर पर मोटे अनाज से कोदो कुटकी से बने कई प्रकार की डिश और बालर की दाल के अलावा महुआ की कुकीज और खीर यहां की विशेष पहचान है.
एमपी सरकार ने सावरवानी को बनाया होम स्टे का मॉडल: मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा विकसित किया किए गए तामिया के पर्यटन गांव सावरवानी को होम स्टे मॉडल बनाया है. प्रदेश के अन्य जिलों में बनने वाले होम स्टे सावरवानी की तरह खूबसूरत, सर्वसुविधायुक्त हों, इसके लिए दूसरे जिलों के हितग्राहियों को यहां का भ्रमण करवाया जा रहा है. बैतूल जिले के विकासखंड घोड़ाडोंगरी के बांचा ग्राम से 16 लोगों और बालाघाट व छतरपुर जिलों के हितग्राही भी इस होम स्टे को देखकर जा चुके हैं. छिंदवाड़ा जिले के विकासखंड तामिया के चिमटीपुर व घटलिंगा में होम स्टे बना रहे हितग्राहियों को भी सावरवानी में कच्ची मिट्टी से बने होम स्टे दिखाये गये हैं. सावरवानी में काफी कम लागत पर विदेशों से भी खूबसूरत, आरामदायक, सर्वसुविधायुक्त कॉटेज बनाये गये हैं, जो पर्यटकों को लुभा रहें हैं. जिला पुरातत्व, पर्यटन व संस्कृति परिषद के नोडल अधिकारी बलराम सिंह राजपूत ने बताया कि "होम स्टे को ग्रामीण परिवेश के अनुरूप पर्यटकों की सुविधानुसार बनाया गया है. पर्यटकों को प्राकृतिक वातावरण मिले, वे आसानी से आसपास के स्पॉट घूम सकें, इसका भी ध्यान रखा गया है.
![Tribal village Savarwani of Chhindwara](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04-09-2023/mp-chh-02-trible-villege-international-award-spl-7204291_04092023182753_0409f_1693832273_555.jpg)
सावरवानी में स्टे के बाद यहां घूम सकते हैं पर्यटक: छिंदवाड़ा-भोपाल रोड में पर झिरपा से चार किमी अंदर पर्यटन गांव सावरवानी बहुत खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ है. यहां से अनहोनी मंदिर भी पास में है और सप्तधारा भी सावरवानी के करीब है. जिसके चलते पर्यटकों में सावरवानी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. सावरवानी में स्टे करने वाले पर्यटक मौनीबाबा की पहाड़ी, मंदिर, अनहोनी कुंड व सप्तधारा के साथ झिंगरिया वाटरफॉल घूम सकते हैं. साथ ही सावरवानी पर्यटन गांव पचमढ़ी आने-जाने वाले पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश व आदिवासी संस्कृति से मिलवाने और सही मायने में ग्रामीण पर्यटन से जोड़ेगा.
![Tribal village Savarwani of Chhindwara](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04-09-2023/mp-chh-02-trible-villege-international-award-spl-7204291_04092023182753_0409f_1693832273_998.jpg)
ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा और स्थानीय स्तर पर रोजगार देने बनाई योजना: पर्यटन को बढावा देने के लिए एमपी मध्य प्रदेश टूरिज्म ने होम स्टे योजना शुरू की है. मध्यप्रदेश में पर्यटकों को गांव में घूमने, ठहरने और खानपान का स्वाद लेने का मौका दिया जा रहा है. इस योजना में गांव का कोई भी ग्रामीण अपना-अपना घर होम स्टे के लिए दे सकता है और व्यापार शुरू कर सकता है. पहले चरण में मध्य प्रदेश के 100 गांवों को होमस्टे योजना के तहत डेवलप करने का लक्ष्य रखा गया है. योजना के तहत चयनित गांवों में होम स्टे निर्माण एवं उन्नयन के लिए लागत की 40 फीसदी सब्सिडी सरकार दे रही है. नए होम स्टे बनाने के लिए अधिकतम 2 लाख रुपए दिए जाएंगे. योजना में पर्यटकों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था और सैलानियों को स्थानीय भोजन उपलब्ध कराया जाता है. ग्रामीण संस्कृति स्थानीय भोजन और संस्कृति से जोड़ने के चलते स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. जिसके चलते पहले चरण 20 हजार ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य भी रखा गया है.