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MP में सीएम शिवराज सिंह चौहान के मंच पर दंपति ने फेंका मासूम बच्चा, शिवराज भी चौंके.. जानें वजह - Shivraj Singh Chouhan Sagar

एमपी में सीएम शिवराज के मंच पर एक दंपति ने अपना 1 साल का बच्चा फेंक दिया, जानकारी मिलने के बाद सीएम ने दंपति को मिलने बुलाया. इस दौरान दंपति ने बताया कि बच्चे के दिल में छेद है और उनके पास इसाज के पैसे नहीं हैं, इसके बाद सीएम शिवराज ने बच्चे का निःशुल्क इलाज कराने का वादा किया.

Shivraj Singh Chouhan Kushwaha Samaj Meet
सीएम के मंच पर दंपति ने फेंका मासूम बच्चा
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Published : May 16, 2023, 12:52 PM IST

Updated : May 16, 2023, 1:28 PM IST

सीएम के मंच पर दंपति ने फेंका मासूम बच्चा

सागर। शहर के पीटीसी ग्राउंड में रविवार को आयोजित कुशवाहा समाज के संभागीय सम्मेलन में विकासखंड केसली के सहजपुर से आए मुकेश और उनकी पत्नी नेहा पटेल ने अपने एक साल के बेटे नरेश का इलाज कराने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मिलने की कोशिश की थी और जब पुलिस वालों ने ऐसा करने से रोक दिया तो नेहा पटेल ने अपने 1 साल के बच्चे को मुख्यमंत्री की सुरक्षा में बनाए गए घेरे के उस तरफ फेंक दिया था. जैसे ही मुख्यमंत्री को यह बात पता चली, तो मुख्यमंत्री ने तत्काल नेहा पटेल को मिलने के लिए बुलाया था. बातचीत में नेहा पटेल ने मुख्यमंत्री को बताया था कि उसके बेटे को दिल की बीमारी है, इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हृदय रोग से पीड़ित बच्चे के माता-पिता की बात सुनकर उसका उचित से उचित इलाज कराने के लिए कलेक्टर से दीपक आर्य को निर्देश दिये थे. परिजनों ने मुख्यमंत्री को बताया था कि उनके बच्चे के दिल में छेद है, महंगा इलाज कराने के लिए वह सक्षम नहीं है.

मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को दिए थे निर्देश: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के निर्देश के बाद कलेक्टर दीपक आर्य ने केसली के ग्राम सहजपुर से मुकेश और उनकी पत्नी, बच्चे को सागर लाने के लिए तहसीलदार सोनम पांडे को निर्देश दिये थे. सोनम पांडे ने तत्काल पीड़ित परिजनों से संपर्क कर उनको कलेक्टर कार्यालय लाकर कलेक्टर दीपक आर्य से मुलाकात कराई, कलेक्टर ने कार्रवाई करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आरबीएसके के मैनेजर को कलेक्टर कार्यालय भेजने के लिए निर्देशित किया. आरबीएसके की मैनेजर सुरभि साहू ने कलेक्टर को बताया कि "नरेश पटेल की 27 फरवरी 2023 को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में हृदय की जांच कराई थी, जहां बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में नरेश पटेल को डॉक्टर द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण हेतु भर्ती किया गया था.

परीक्षण के उपरांत डॉक्टरों द्वारा बताया गया था कि नरेश के दिल में छेद है, उसके बाद आरबीएसके द्वारा 2 मार्च 2023 को सिद्धांता अस्पताल भोपाल का केसली में कैंप लगाया था. कैंप में नरेश पटेल का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया, जहां उसके हृदय में छेद होने की पुष्टि की गई एवं लगातार स्वास्थ्य परीक्षण की बात कही गई. सिद्धांता अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा नरेश पटेल को 2 जून 2023 को फिर स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बोला था, नरेश पटेल के परिजनों को आरबीएसके का फोन नंबर भी दिया गया था और बताया गया था कि यदि किसी भी समय कोई भी परेशानी होती है तो तत्काल फोन नंबर पर संपर्क करें."

  1. निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारकों का नि:शुल्क इलाज, 40% बढ़ा आयुष्मान पैकेज
  2. ग्वालियर: 12 निजी अस्पतालों की पहल, नि:शुल्क होगा कोरोना का इलाज
  3. लोगों के लिए मिसाल बना यह मदरसा, 40 सालों से की जा रही गौ-सेवा

इलाज के लिए भोपाल हुआ रवाना: कलेक्टर दीपक आर्य ने पूरी जानकारी लेने के बाद मध्यप्रदेश राज्य बीमारी सहायता योजना के लिए पूर्व से चिन्हित रेडक्रास सिद्धांता हॉस्पिटल के संचालक से भी फोन पर चर्चा की और नन्हें मासूम बच्चे की बीमारी के बारे में विस्तार से बताया. कलेक्टर दीपक आर्य ने जानकारी देने के बाद रेडक्रास सिद्धांता अस्पताल के संचालकों द्वारा तत्काल बच्चे को भेजने हेतु कहा गया, कलेक्टर दीपक आर्य के निर्देश पर सागर रेडक्रॉस द्वारा बच्चे के परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए 10 हजार की राशि प्रदान की गई. साथ में भोजन, नाश्ता सहित सागर से भोपाल जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई, पीड़ित बच्चा और उसके परिजन के साथ आरबीएसके के डॉक्टर डॉ. मुकेश सेन को एंबुलेंस के साथ भोपाल भेजा गया है. मुकेश और उनकी पत्नी ने बच्चे के, निःशुल्क इलाज कराने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया है.

सीएम के मंच पर दंपति ने फेंका मासूम बच्चा

सागर। शहर के पीटीसी ग्राउंड में रविवार को आयोजित कुशवाहा समाज के संभागीय सम्मेलन में विकासखंड केसली के सहजपुर से आए मुकेश और उनकी पत्नी नेहा पटेल ने अपने एक साल के बेटे नरेश का इलाज कराने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मिलने की कोशिश की थी और जब पुलिस वालों ने ऐसा करने से रोक दिया तो नेहा पटेल ने अपने 1 साल के बच्चे को मुख्यमंत्री की सुरक्षा में बनाए गए घेरे के उस तरफ फेंक दिया था. जैसे ही मुख्यमंत्री को यह बात पता चली, तो मुख्यमंत्री ने तत्काल नेहा पटेल को मिलने के लिए बुलाया था. बातचीत में नेहा पटेल ने मुख्यमंत्री को बताया था कि उसके बेटे को दिल की बीमारी है, इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हृदय रोग से पीड़ित बच्चे के माता-पिता की बात सुनकर उसका उचित से उचित इलाज कराने के लिए कलेक्टर से दीपक आर्य को निर्देश दिये थे. परिजनों ने मुख्यमंत्री को बताया था कि उनके बच्चे के दिल में छेद है, महंगा इलाज कराने के लिए वह सक्षम नहीं है.

मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को दिए थे निर्देश: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के निर्देश के बाद कलेक्टर दीपक आर्य ने केसली के ग्राम सहजपुर से मुकेश और उनकी पत्नी, बच्चे को सागर लाने के लिए तहसीलदार सोनम पांडे को निर्देश दिये थे. सोनम पांडे ने तत्काल पीड़ित परिजनों से संपर्क कर उनको कलेक्टर कार्यालय लाकर कलेक्टर दीपक आर्य से मुलाकात कराई, कलेक्टर ने कार्रवाई करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आरबीएसके के मैनेजर को कलेक्टर कार्यालय भेजने के लिए निर्देशित किया. आरबीएसके की मैनेजर सुरभि साहू ने कलेक्टर को बताया कि "नरेश पटेल की 27 फरवरी 2023 को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में हृदय की जांच कराई थी, जहां बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में नरेश पटेल को डॉक्टर द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण हेतु भर्ती किया गया था.

परीक्षण के उपरांत डॉक्टरों द्वारा बताया गया था कि नरेश के दिल में छेद है, उसके बाद आरबीएसके द्वारा 2 मार्च 2023 को सिद्धांता अस्पताल भोपाल का केसली में कैंप लगाया था. कैंप में नरेश पटेल का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया, जहां उसके हृदय में छेद होने की पुष्टि की गई एवं लगातार स्वास्थ्य परीक्षण की बात कही गई. सिद्धांता अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा नरेश पटेल को 2 जून 2023 को फिर स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बोला था, नरेश पटेल के परिजनों को आरबीएसके का फोन नंबर भी दिया गया था और बताया गया था कि यदि किसी भी समय कोई भी परेशानी होती है तो तत्काल फोन नंबर पर संपर्क करें."

  1. निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारकों का नि:शुल्क इलाज, 40% बढ़ा आयुष्मान पैकेज
  2. ग्वालियर: 12 निजी अस्पतालों की पहल, नि:शुल्क होगा कोरोना का इलाज
  3. लोगों के लिए मिसाल बना यह मदरसा, 40 सालों से की जा रही गौ-सेवा

इलाज के लिए भोपाल हुआ रवाना: कलेक्टर दीपक आर्य ने पूरी जानकारी लेने के बाद मध्यप्रदेश राज्य बीमारी सहायता योजना के लिए पूर्व से चिन्हित रेडक्रास सिद्धांता हॉस्पिटल के संचालक से भी फोन पर चर्चा की और नन्हें मासूम बच्चे की बीमारी के बारे में विस्तार से बताया. कलेक्टर दीपक आर्य ने जानकारी देने के बाद रेडक्रास सिद्धांता अस्पताल के संचालकों द्वारा तत्काल बच्चे को भेजने हेतु कहा गया, कलेक्टर दीपक आर्य के निर्देश पर सागर रेडक्रॉस द्वारा बच्चे के परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए 10 हजार की राशि प्रदान की गई. साथ में भोजन, नाश्ता सहित सागर से भोपाल जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई, पीड़ित बच्चा और उसके परिजन के साथ आरबीएसके के डॉक्टर डॉ. मुकेश सेन को एंबुलेंस के साथ भोपाल भेजा गया है. मुकेश और उनकी पत्नी ने बच्चे के, निःशुल्क इलाज कराने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया है.

Last Updated : May 16, 2023, 1:28 PM IST

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