भोपाल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) राजधानी भोपाल पहुंची और एशिया के सबसे बड़े इंटरनेशनल साहित्य उत्सव 'उन्मेष' का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि साहित्य ही सत्य का स्वभाव होता है. मध्य प्रदेश की तारीफ करते हुए राष्ट्रपति ने काह कि MP साहित्य कला और संस्कृति की संगम स्थली है. इससे पहले भोपाल एयरपोर्ट पर सीएम शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल सहित भाजपा नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का स्वागत किया. सीएम ने ट्वीट करते हुए कहा कि ''हम सबके सौभाग्य से आज राजा भोज एवं रानी कमलापति की नगरी भोपाल में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पधारी हैं. मैं मध्यप्रदेश के समस्त नागरिकों की ओर से आपका हृदय से स्वागत वंदन एवं अभिनंदन करता हूं. आपका आगमन हमारे लिए गौरव व हर्ष का विषय है.
-
महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने @GovernorMP श्री मंगुभाई पटेल जी, मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी की गरिमामयी उपस्थिति में भोपाल में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' व राष्ट्रीय उत्सव 'उत्कर्ष' का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया।@rashtrapatibhvn pic.twitter.com/QjReYxRIce
— Jansampark MP (@JansamparkMP) August 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने @GovernorMP श्री मंगुभाई पटेल जी, मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी की गरिमामयी उपस्थिति में भोपाल में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' व राष्ट्रीय उत्सव 'उत्कर्ष' का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया।@rashtrapatibhvn pic.twitter.com/QjReYxRIce
— Jansampark MP (@JansamparkMP) August 3, 2023महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने @GovernorMP श्री मंगुभाई पटेल जी, मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी की गरिमामयी उपस्थिति में भोपाल में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' व राष्ट्रीय उत्सव 'उत्कर्ष' का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया।@rashtrapatibhvn pic.twitter.com/QjReYxRIce
— Jansampark MP (@JansamparkMP) August 3, 2023
एमपी में मेरी यह 5वीं यात्रा : राष्ट्रपति ने कहा कि "मेरी सबसे अधिक यात्राएं राष्ट्रपति बनने के बाद मध्यप्रदेश में ही हुई है. मध्यप्रदेश में यह मेरी पांचवी यात्रा है. ऐसे आयोजन नई ऊर्जा का प्रयास करते हैं. दिल्ली में 5 अगस्त को फेस्टिवल ऑफ लाइब्रेरी का भी उद्घाटन करने जा रहे हैं. ऐसे आयोजनों से एक इकोसिस्टम का निर्माण संभव हो रहा है. एक दुनिया एक फैमिली यानी वन अर्थ वन फैमिली के देह पर हम चल रहे हैं. भारत का प्रत्येक स्थान मुझे जगन्नाथपुरी की तरह प्रिय है. भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लिखे गए साहित्य और कविताएं आज के दौर में भी लोकप्रिय हैं और लोगों के जहन में विधमान है. हमें यह भी विचार करना है कि क्या हम ऐसा साहित्य दे रहे हैं कि जिसमें आज के समय के लोगों की रूचि हो. साहित्य लोगों से जुड़ता भी है और उन्हें जोड़ता भी है. सारी भाषाएं और बोलियां मेरी अपनी है."
-
मनुष्य को मन, बुद्धि और आत्मा का सुख अगर कोई देता है, तो वह साहित्य, संगीत और कला ही है। pic.twitter.com/JChxS5EAuW
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">मनुष्य को मन, बुद्धि और आत्मा का सुख अगर कोई देता है, तो वह साहित्य, संगीत और कला ही है। pic.twitter.com/JChxS5EAuW
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 3, 2023मनुष्य को मन, बुद्धि और आत्मा का सुख अगर कोई देता है, तो वह साहित्य, संगीत और कला ही है। pic.twitter.com/JChxS5EAuW
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 3, 2023
लिटरेचर एक यूनिक एबिलिटी: राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि "मध्य प्रदेश साहित्य और कला की जन्मभूमि रही है. यहां से कई लोग ऐसे निकले हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं दुनिया भर में नाम कमाने वाले हैं. राज्यपाल ने ऐसे आयोजनों को युवा पीढ़ी के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण बताया. रविंद्र नाथ टैगोर की कविता का जिक्र किया. जिसमें कहा गया साहित्य ही सत्य का संभव होता है. साहित्य ने मानवता को आईना दिखाया है और बचाया भी है और पढ़ाया है. मानवता का संरक्षण भी साहित्य ने किया है. अंतर्राष्ट्रीय और पास के देशों से आए सभी अतिथियों का राष्ट्रपति ने स्वागत किया और कहा कि लिटरेचर एक यूनिक एबिलिटी है."
भारत भाषाओं का अजायबघर: साहित्य एकेडमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने संबोधित करते हुए कहा कि ''साहित्य के महाकुंभ में सभी का स्वागत है. उन्मेष का पहला आयोजन शिमला में हुआ था. हम भारत को भाषाओं का अजायबघर भी बोल सकते हैं. उन्मेष का इस संस्करण में अभिव्यक्ति का कोई रूप ऐसा नहीं है जिसे हमने आमंत्रित नहीं किया होगा. भारत का साहित्य एक है, भले ही इसे कई भाषा में लिखा गया हो. हमने हर विमर्श को उन्मेष में शामिल किया है.'' उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी का जिक्र करते हुए कहा कि ''उनकी कविता पुष्प की अभिलाषा सिर्फ पुष्प की अभिलाषा नहीं, देश की अभिलाषा है.''
रोटी के साथ मन की शांति भी जरूरी: इस मौके पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने सम्बोधन में कहा कि ''भारत का हजारों साल पुराना इतिहास है. ये वो धरती है जिसने सारे विश्व को संदेश दिया. ये मेरा है, वो तेरा है, ये छोटे दिल वालों की सोच होती है. विशाल दिल वाले बोलते हैं कि सारा विश्व मेरा है. सभी सुखी हों और सब निरोग का संदेश हमने दिया. रोटी कपड़ा मकान ही सब कुछ नहीं होता, रोटी के साथ साथ मनुष्य को मन और दिमाग की शांति चाहिए. दिमाग और मन की शांति संगीत कला और साहित्य देता है. ये अलग दौर है जब हमारी राष्ट्रपति खुद स्वच्छता के लिए खुद झाड़ू लेकर निकलती हैं. उन्मेष और उत्कर्ष जैसे कार्यक्रम अद्भुत हैं.''
एमपी प्रचीन काल और संस्कारों का प्रदेश: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ''ऐसे आयोजन सारी दुनिया को एकत्र करने में सक्षम होते हैं. एमपी प्रचीन काल, कला संस्कृति और संस्कारों का प्रदेश है. राजा भोज हों देवी अहिल्याबाई हों, उन्होंने कला और साहित्य में अपना जीवन लगाया.'' सीएम ने साहित्य कला और संगीत के क्षेत्र में एमपी का नाम विश्व पटल पर रोशन करने वाले कलाकरों का जिक्र किया.