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Modi Scindia Relative: कांग्रेस की तर्ज पर चल रहे है महाराज! जानें चुनाव के पहले PM मोदी द्वारा सिंधिया परिवार की तारीफ के मायने

Modi Relations With Scindia: चुनावी साल में PM मोदी के द्वारा सिंधिया की तारीफ के अब सियासी गलियारों में अलग मायने निकाले जा रहे हैं. दरअसल मोदी ने खुद के और सिंधिया के 2 रिश्तों को उजागर किया है. फिलहाल आइए जानते हैं मोदी और सिंधिया के बीच में क्या रिश्ता है-

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 22, 2023, 10:42 AM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सिंधिया स्कूल की स्थापना दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने रिश्तों के बहाने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी में कद ऊंचा करते दिखाई दिए. पीएम नरेंद्र मोदी ने सिंधिया को अपना रिश्तेदार बताते हुए गुजरात का दामाद बताया और जमकर तारीफ की. इस चुनावी मौसम में पीएम मोदी के द्वारा सिंधिया की तारीफ के मध्य प्रदेश की सियासत में अब कई मायने निकाले जा रहे हैं.

आगे-आगे सिंधिया, पीछे-पीछे शिवराज : दरअसल ग्वालियर में स्थित सिंधिया स्कूल की 125वें स्थापना दिवस में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए हुए थे, पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित सिंधिया राज घराने की कई सदस्य शामिल हुए. इस पूरे कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी की अगवानी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आगे रहे, वहीं पीएम पीछे-पीछे सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दिखाए दिए. कुल मिलाकर इस पूरे कार्यक्रम में सिंधिया ने पीएम नरेंद्र मोदी को बुलाकर पार्टी में अपने आपको कद्दावर और वर्चस्व कायम करने की कोशिश की है.

  • "काशी की सेवा करने और संस्कृति के संरक्षण में सिंधिया परिवार की अहम् भूमिका रही है, सिंधिया परिवार द्वारा काशी में कई घाट बनाये गए, साथ ही बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के निर्माण में भी सिंधिया परिवार ने आर्थिक मदद की। आज जिस प्रकार से विकास हो रहा है उसे देखकर महारानी बैजा बाई और… pic.twitter.com/O2Opza3cMS

    — Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) October 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मोदी और सिंधिया के बीच में क्या रिश्ता है? कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सिंधिया परिवार की तारीफ की और उन्होंने कहा कि "ग्वालियर में मेरा दो तरह से नाता है, पहला में काशी का सांसद हूं और काशी का डेवलपमेंट करने में सिंधिया परिवार की बड़ी भूमिका रही है, उन्होंने यहां कई घाट बनवाए. अब आज काशी का विकास हो रहा है तो उसे देखकर महाराज माधव राव जी की आत्मा प्रसन्न होगी. इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे गुजरात के दामाद हैं, इसलिए मेरा उनसे ये दूसरा रिश्ता है. मेरा गांव गायकबाढ़ स्टेट का गांव था और सिंधिया परिवरा ने पहले वहां प्राथमिक स्कूल बनवाया, उसमें मैंने मुफ्त में शिक्षा ग्रहण की थी."

कद बढ़ाने की कोशिश में ज्योतिरादित्य सिंधिया: पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा सिंधिया की गई तारीफ के बाद अब पूरी मध्य प्रदेश कि भारतीय जनता पार्टी में उनका कद सबसे ऊपर आ गया है, मोदी ने जब सिंधिया की प्रशंसा की तो उस समय मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के दो बड़े नेता सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर वहीं पर मौजूद थे. बता दें कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जब से बीजेपी में शामिल हुए हैं उसके बाद वह लगातार अपने आप को पार्टी में सबसे बड़े नेता के रूप में स्थापित करने की होड़ में लगे हुए हैं, यही कारण है कि सिंधिया ऐसा कोई मौका का नहीं छोड़ना चाहते जिससे उन्हें कमजोर समझा जाए.

कांग्रेस की गाइडलाइन पर चल रहे सिंधिया: पीएम नरेंद्र मोदी के आने से पहले सिंधिया ने अपने महल में चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बुलाया था और शाही भोज करवाया था. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरी तरह कांग्रेस की गाइडलाइन पर चल रहे हैं, जब वह कांग्रेस में थे तो ग्वालियर चंबल अंचल में उनका एकक्षत्र राज हुआ करता था, पार्टी में हर छोटे से लेकर बड़ा डिसीजन वह खुद लेते थे और ग्वालियर चंबल अंचल की राजनीति उनके महल से ही चलती थी. अब जब वह बीजेपी में शामिल हुए तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पार्टी में उनसे पहले कद्दावर नेता और मोदी के सबसे खास माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को कैसे साइड किया जाए. यही कारण है कि सिंधिया और तोमर के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ी हुई है, और ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में अपने आपको स्थापित करने और आंचल का सबसे गद्दार नेता साबित करने के लिए लगातार वरिष्ठ नेतृत्व को बुला रहे हैं, जिससे पार्टी और कार्यकर्ताओं के बीच उनका कद सबसे ऊपर हो सके.

सिंधिया स्कूल के कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पूरी तरह शांत मुद्रा में नजर आए, कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी के बगल से खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया बैठे रहे और आपस में बातचीत करते हुए नजर आए।मतलब इस पूरे कार्यक्रम में सिंधिया ने अपने आपको पीएम नरेंद्र मोदी का सबसे खास और भरोसेमंद साबित करने की कोशिश की।सिंधिया चाहते हैं की पार्टी में उनका रुतबा कांग्रेस की तरह बना रहे यही कारण है कि वह वरिष्ठ नेतृत्व को अपना बनाने की कोशिश में लगे हैं और यह साबित करने की कोशिश में लगे हैं कि वह अब वरिष्ठ नेतृत्व की पसंद और भरोसेमंद नेता हैं.

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पीएम ने बच्चों को दिए टॉस्क: कार्यक्रम में दौरान पीएम मोदी ने सिंधिया स्कूल के बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि "टीचर के लिए आउट ऑफ द बॉक्स.. सपने और संकल्प दोनों बड़े होने चाहिए. हमारी सरकार ने स्पेस डिफेंस सेक्टर को भी युवाओं के लिए खोला है, आपको मेक इन इंडिया और आप निर्भर भारत की संकल्प को बढ़ाना है. अगले 25 साल में देश को हम विकसित बना कर दिखाएंगे. यह जिम्मेदारी यंग जनरेशन की है और मेरा विश्वास है कि आप इन सपनों को संजोकर काम करेंगे. वही भाषण के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों को जो टास्क भी दिए, जिसमें जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना, गांव में डिजिटल लेनदेन की प्रति जागरूक करना, अपने शहर को स्वच्छता में नंबर वन बनाने की ओर काम करना, वोकल फॉर लोकल अपनानान, ट्रैवलिंग इन इंडिया फर्स्ट यानि पहले अपना देश देखिए फिर विदेश, नेचुरल फार्मिंग के प्रति किसानों को जागरूक करना, योग और जीवन को जीवन का हिस्सा बनाएं, गरीब परिवार की मदद जरूर करना शामिल है."

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सिंधिया स्कूल की स्थापना दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने रिश्तों के बहाने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी में कद ऊंचा करते दिखाई दिए. पीएम नरेंद्र मोदी ने सिंधिया को अपना रिश्तेदार बताते हुए गुजरात का दामाद बताया और जमकर तारीफ की. इस चुनावी मौसम में पीएम मोदी के द्वारा सिंधिया की तारीफ के मध्य प्रदेश की सियासत में अब कई मायने निकाले जा रहे हैं.

आगे-आगे सिंधिया, पीछे-पीछे शिवराज : दरअसल ग्वालियर में स्थित सिंधिया स्कूल की 125वें स्थापना दिवस में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए हुए थे, पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित सिंधिया राज घराने की कई सदस्य शामिल हुए. इस पूरे कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी की अगवानी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आगे रहे, वहीं पीएम पीछे-पीछे सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दिखाए दिए. कुल मिलाकर इस पूरे कार्यक्रम में सिंधिया ने पीएम नरेंद्र मोदी को बुलाकर पार्टी में अपने आपको कद्दावर और वर्चस्व कायम करने की कोशिश की है.

  • "काशी की सेवा करने और संस्कृति के संरक्षण में सिंधिया परिवार की अहम् भूमिका रही है, सिंधिया परिवार द्वारा काशी में कई घाट बनाये गए, साथ ही बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के निर्माण में भी सिंधिया परिवार ने आर्थिक मदद की। आज जिस प्रकार से विकास हो रहा है उसे देखकर महारानी बैजा बाई और… pic.twitter.com/O2Opza3cMS

    — Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) October 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मोदी और सिंधिया के बीच में क्या रिश्ता है? कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सिंधिया परिवार की तारीफ की और उन्होंने कहा कि "ग्वालियर में मेरा दो तरह से नाता है, पहला में काशी का सांसद हूं और काशी का डेवलपमेंट करने में सिंधिया परिवार की बड़ी भूमिका रही है, उन्होंने यहां कई घाट बनवाए. अब आज काशी का विकास हो रहा है तो उसे देखकर महाराज माधव राव जी की आत्मा प्रसन्न होगी. इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे गुजरात के दामाद हैं, इसलिए मेरा उनसे ये दूसरा रिश्ता है. मेरा गांव गायकबाढ़ स्टेट का गांव था और सिंधिया परिवरा ने पहले वहां प्राथमिक स्कूल बनवाया, उसमें मैंने मुफ्त में शिक्षा ग्रहण की थी."

कद बढ़ाने की कोशिश में ज्योतिरादित्य सिंधिया: पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा सिंधिया की गई तारीफ के बाद अब पूरी मध्य प्रदेश कि भारतीय जनता पार्टी में उनका कद सबसे ऊपर आ गया है, मोदी ने जब सिंधिया की प्रशंसा की तो उस समय मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के दो बड़े नेता सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर वहीं पर मौजूद थे. बता दें कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जब से बीजेपी में शामिल हुए हैं उसके बाद वह लगातार अपने आप को पार्टी में सबसे बड़े नेता के रूप में स्थापित करने की होड़ में लगे हुए हैं, यही कारण है कि सिंधिया ऐसा कोई मौका का नहीं छोड़ना चाहते जिससे उन्हें कमजोर समझा जाए.

कांग्रेस की गाइडलाइन पर चल रहे सिंधिया: पीएम नरेंद्र मोदी के आने से पहले सिंधिया ने अपने महल में चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बुलाया था और शाही भोज करवाया था. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरी तरह कांग्रेस की गाइडलाइन पर चल रहे हैं, जब वह कांग्रेस में थे तो ग्वालियर चंबल अंचल में उनका एकक्षत्र राज हुआ करता था, पार्टी में हर छोटे से लेकर बड़ा डिसीजन वह खुद लेते थे और ग्वालियर चंबल अंचल की राजनीति उनके महल से ही चलती थी. अब जब वह बीजेपी में शामिल हुए तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पार्टी में उनसे पहले कद्दावर नेता और मोदी के सबसे खास माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को कैसे साइड किया जाए. यही कारण है कि सिंधिया और तोमर के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ी हुई है, और ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में अपने आपको स्थापित करने और आंचल का सबसे गद्दार नेता साबित करने के लिए लगातार वरिष्ठ नेतृत्व को बुला रहे हैं, जिससे पार्टी और कार्यकर्ताओं के बीच उनका कद सबसे ऊपर हो सके.

सिंधिया स्कूल के कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पूरी तरह शांत मुद्रा में नजर आए, कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी के बगल से खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया बैठे रहे और आपस में बातचीत करते हुए नजर आए।मतलब इस पूरे कार्यक्रम में सिंधिया ने अपने आपको पीएम नरेंद्र मोदी का सबसे खास और भरोसेमंद साबित करने की कोशिश की।सिंधिया चाहते हैं की पार्टी में उनका रुतबा कांग्रेस की तरह बना रहे यही कारण है कि वह वरिष्ठ नेतृत्व को अपना बनाने की कोशिश में लगे हैं और यह साबित करने की कोशिश में लगे हैं कि वह अब वरिष्ठ नेतृत्व की पसंद और भरोसेमंद नेता हैं.

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पीएम ने बच्चों को दिए टॉस्क: कार्यक्रम में दौरान पीएम मोदी ने सिंधिया स्कूल के बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि "टीचर के लिए आउट ऑफ द बॉक्स.. सपने और संकल्प दोनों बड़े होने चाहिए. हमारी सरकार ने स्पेस डिफेंस सेक्टर को भी युवाओं के लिए खोला है, आपको मेक इन इंडिया और आप निर्भर भारत की संकल्प को बढ़ाना है. अगले 25 साल में देश को हम विकसित बना कर दिखाएंगे. यह जिम्मेदारी यंग जनरेशन की है और मेरा विश्वास है कि आप इन सपनों को संजोकर काम करेंगे. वही भाषण के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों को जो टास्क भी दिए, जिसमें जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना, गांव में डिजिटल लेनदेन की प्रति जागरूक करना, अपने शहर को स्वच्छता में नंबर वन बनाने की ओर काम करना, वोकल फॉर लोकल अपनानान, ट्रैवलिंग इन इंडिया फर्स्ट यानि पहले अपना देश देखिए फिर विदेश, नेचुरल फार्मिंग के प्रति किसानों को जागरूक करना, योग और जीवन को जीवन का हिस्सा बनाएं, गरीब परिवार की मदद जरूर करना शामिल है."

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