नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर से जुड़ी कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर रहे हैं. पीएम मोदी जिन परियोजनाओं की शुरुआत कर रहे है, उनमें सोमनाथ सैरगाह, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और पुराने (जूना) सोमनाथ का पुनर्निर्मित मंदिर परिसर शामिल हैं. साथ ही श्री पार्वती मंदिर की आधारशिला भी रखी गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आतंक के दम पर तोड़ने वाली शक्तियां भले ही कुछ समय के लिए हावी हो जाएं, लेकिन उनका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता और वह मानवता को दबाकर नहीं रख सकतीं. प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर से जुड़ी कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने यह बात कही. प्रधानमंत्री का यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में आया है जब पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है. प्रधानमंत्री के इस बयान को अफगानिस्तान की परिस्थितियों से जोड़कर देखा जा रहा है.
सोमनाथ मंदिर को विदेशी आक्रांताओं द्वारा बार-बार तोड़े जाने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया में कोई भी व्यक्ति इस भव्य संरचना को देखता है तो उसे केवल एक मंदिर ही नहीं दिखाई देता बल्कि उसे एक ऐसा अस्तित्व दिखाई देता है जो सैकड़ों हजारों सालों से प्रेरणा देता आ रहा है और जो मानवता के मूल्यों की घोषणा करता है.
पीएम मोदी ने कहा कि बाबा केदारनाथ का विकास हो या उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए कठिन पहाड़ों में टनल व हाइवे का निर्माण हो, वैष्णो देवी मंदिर के आसपास विकास हो, या पूर्वोत्तर तक पहुंच रहा हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर, आज देश में अपनों से दूरियां सिमट रही हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसी तरह, हमारे चार धामों की व्यवस्था, हमारे शक्तिपीठों की संकल्पना, हमारे अलग अलग कोनों में अलग-अलग तीर्थों की स्थापना, हमारी आस्था की ये रूपरेखा वास्तव में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना की ही अभिव्यक्ति है.
कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पश्चिम में सोमनाथ और नागेश्वर से लेकर पूरब में बैद्यनाथ तक, उत्तर में बाबा केदारनाथ से लेकर दक्षिण में भारत के अंतिम छोर पर विराजमान श्री रामेश्वर तक, ये 12 ज्योतिर्लिंग पूरे भारत को आपस में पिरोने का काम करते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए इतिहास और आस्था का मूल भाव है सबका साथ- सबका विकास - सबका विश्वास और सबका प्रयास. हमारे यहां जिन द्वादश ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की गई है, उनकी शुरुआत सोमनाथ मंदिर से ही होती है.
पीएम ने कहा कि आज राम मंदिर के रूप में नए भारत के गौरव का एक प्रकाशित स्तम्भ भी खड़ा हो रहा है. हमारी सोच होनी चाहिए इतिहास से सीखकर वर्तमान को सुधारने की, एक नया भविष्य बनाने की.
मोदी ने कहा कि इस मंदिर को सैकड़ों सालों के इतिहास में कितनी ही बार तोड़ा गया, यहाँ की मूर्तियों को खंडित किया गया, इसका अस्तित्व मिटाने की हर कोशिश की गई, लेकिन इसे जितनी भी बार गिराया गया, ये उतनी ही बार उठ खड़ा हुआ.
उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ये ऐसा स्थल है जिसे हजारों साल पहले हमारे ऋषियों ने ज्ञान का क्षेत्र बताया था. जो आज भी पूरे विश्व के सामने आह्वान कर रहा है कि सत्य को असत्य से हराया नहीं जा सकता, आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकता.
पीएम ने कहा कि ये शिव ही हैं जो विनाश में भी विकास का बीज अंकुरित करते हैं, संहार में भी सृजन को जन्म देते हैं. इसलिए शिव अविनाशी हैं, अव्यक्त हैं और अनादि हैं. शिव में हमारी आस्था हमें समय की सीमाओं से परे हमारे अस्तित्व का बोध कराती है.
मोदी ने कहा कि सोमनाथ आने वाले श्रद्धालु अब यहां जूना सोमनाथ मंदिर के भी आकर्षक स्वरूप का दर्शन करेंगे, नए पार्वती मंदिर का दर्शन भी करेंगे. इससे यहां नए अवसरों और नए रोजगारों का भी सृजन होगा और स्थान की दिव्यता भी बढ़ेगी.
सोमनाथ मंदिर से जुड़ी परियोजनाओं के उद्घाटन पर पीएम ने कहा कि आज मैं, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर को भी प्रणाम करता हूं जिन्होंने विश्वनाथ से लेकर सोमनाथ तक, कितने ही मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया. प्राचीनता और आधुनिकता का जो संगम उनके जीवन में था, आज देश उसे अपना आदर्श मानकर आगे बढ़ रहा है.
मोदी ने कहा कि आज मुझे समुद्र दर्शन पथ, सोमनाथ प्रदर्शन गैलरी और जीर्णोद्धार के बाद नए स्वरूप में जूना सोमनाथ मंदिर के लोकार्पण का सौभाग्य मिला है. साथ ही आज पार्वती माता मंदिर का शिलान्यास भी हुआ है.
पीएम मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि सोमनाथ मंदिर ट्रेस्ट के अध्यक्ष के रूप में मुझे इस पुण्य स्थान की सेवा का अवसर मिलता रहा है. आज फिर हम सब इस पवित्र तीर्थ के कायाकल्प के साक्षी बन रहे हैं.
इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल हुए. अमित शाह ने यहां मीटिंग में कहा कि पीएम मोदी ने बतौर मुख्यमंत्री ही सोमनाथ मंदिर के विकास की शुरुआत की थी, डिजिटली भी लोग अब इस मंदिर से आसानी से जुड़ रहे हैं. अमित शाह ने कहा कि इस मंदिर पर अनेक बार हमला किया गया, लेकिन हर बार ये मंदिर फिर खड़ा हुआ है.
इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सोमनाथ 'समुद्र दर्शन' पैदल पथ, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और नवीनकृत अहिल्याबाई होलकर मंदिर का उद्घाटन करेंगे. इसके अलावा वह श्री पार्वती मंदिर की आधारशिला भी रखेंगे.
अहिल्याबाई होलकर पुराने सोमनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है और यह मुख्य मंदिर के विपरीत दिशा में स्थित है. इसके नवीनीकरण पर 3.5 करोड़ रुपये की लागत आई है. लगभग एक किलोमीटर लंबा 'समुद्र दर्शन' पैदल पथ के निर्माण पर करीब 47 करोड़ रुपये लागत आई है. सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र सोमनाथ मंदिर के परिसर में स्थित पर्यटक सुविधा केंद्र के निकट बना है. इस प्रदर्शनी केंद्र में पुराने सोमनाथ मंदिर के टूटे-फूटे हिस्सों को प्रदर्शनी के लिए रखा गया है.
अहिल्याबाई होलकर मंदिर को 3.5 करोड़ रुपये में पूरा किया गया है. इसका निर्माण इंदौर की अहिल्या बाई होलकर ने कराया था. प्रधानमंत्री मोदी गिर-सोमनाथ जिले के प्रभास पाटन शहर में स्थित सोमनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष हैं. इस उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन मंदिर परिसर के राम मंदिर सभागार में होगा.
पढ़ें: विपक्षी नेताओं के साथ सोनिया गांधी की महत्वपूर्ण बैठक, विपक्षी एकजुटता पर जोर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े. वह भी न्यास के न्यासी हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस दौरान सभागार में मौजूद रहे.
इनपुट पीटीआई-भाषा