भोपाल। बागेश्वर धाम में हुई महिला की मौत के बाद अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने एक बार फिर बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री पर सवाल उठाया है. संस्था ने पूछा है कि दिव्य दरबार का दावा करने वाले पर्ची लिखने वाले धीरेन्द्र शास्त्री को ये पता क्यों नहीं लग पाया कि उनके यहां अर्जी लगाने वाली महिला की मौत होने वाली है. फिर जब वो हर संकट का समाधान कर देते हैं तो महिला को क्यों नहीं बचा पाए. अखिर भारतीय अंध श्रध्दा निर्मूलन समिति के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष सुरेश झुरमुरे ने कहा है कि बागेश्वर धाम में जो मौत हुई और जो लोग गायब हैं, उनकी जवाबदारी किसकी है. उन्होंने कहा कि ड्रग्स एण्ड मैजिक रेमिडी एक्ट 1954 के तहत धीरेन्द्र शास्त्री पर मामला दर्ज होना चाहिए. उन्होंने मध्यप्रदेश में भी अंध श्रविश्वास विरोधी कानून लाने की मांग की है.
महिला की मौत क्यों नहीं बता पाए धीरेन्द्र शास्त्री: आखिर भारतीय अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष सुरेश झुरमुरे ने बागेश्वर धाम में हुई महिला की मौत को लेकर उन्होंने सवाल उठाए कि आखिर इस मौत की जवाबदारी किसकी है. अगर धीरेन्द्र शास्त्री इतने चमत्कारी हैं तो वो क्यों उस महिला को नहीं बचा पाए. दूसरी बात कि वो जब सब जान लेते हैं तो उन्हें पर्ची में मालूम क्यों नहीं चला कि उनके दरबार में आई महिला की जान जाने वाली है. जो लोग गायब हो गए हैं दिव्य दरबार से धीरेन्द्र शास्त्री उनका पता ठिकाना बताएं कि वे कहां चले गए हैं. उन्होंने कहा कि कि ड्रग्स एण्ड मैजिक रेमिडी एक्ट 1954 के तहत अगर कोई शिकायत करता है तो इस मामले में धीरेन्द्र शास्त्री पर मामला दर्ज होना चाहिए.
एमपी में अंध विश्वास कानून जरुरी: अखिल भारतीय अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष सुरेश झुरमुरे ने मांग की है कि एमपी में जिस तरह से एक के बाद एक बाबा आकर अंधविश्वास फैला रहे हैं. जिस तरह से उनके अंधविश्वास में लोगों की जानें जा रही हैं. ये सख्त जरुरी है. वरना इसी तरह से जनता इनके अंधविश्वास में मौत के घाट उतरती रहेगी. झुरमुरे ने कहा हमारी मध्यप्रदेश में भी इकाई है. हम जल्द ही इसे लेकर एमपी में रणनीति बनाएंगे. हालांकि हमारी तो शुरुआत से ये मांग ही है कि ये कानून पूरे देश में सख्ती से लागू होना चाहिए.
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नागपूर से ही पहली बार उठा बागेश्वर धाम पर सवाल: नागपुर की इसी संस्था ने सबसे पहले धीरेन्द्र शास्त्री के चमत्कार पर सवाल उठाए थे. उन्हें दिव्य दरबार में ही चुनौती दी थी. उन पर आरोप लगाया था कि वे दिव्य दरबार के बहाने जादू टोना करते हैं. बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री की समिति ने पुलिस में शिकायत भी की थी.